किसान पांच सितंबर को कैबिनेट मंत्रियों के कार्यालय के आगे देंगे धरना
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि पंजाब में इस समय पशुओं में फैली बीमारी
संवाद सहयोगी, फगवाड़ा : संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि पंजाब में इस समय पशुओं में चमड़ी की बीमारी का बहुत गंभीर मुद्दा बना है, पंजाब में हजारों गाय मर चुकी हैं तथा हजारों बीमार हैं, जिसे लेकर पंजाब सरकार गंभीर नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की बैठक के उपरांत पत्रकारों के साथ संयुक्त तौर पर बातचीत करते हुए किसान नेता बुटा सिंह सिंह, कुलवंत सिंह संधू, अवतार सिंह, निरभै सिंह, बख्तावर सिंह व सतनाम सिंह साहनी ने कहा कि पंजाब सरकार मर चुकी गायों को दबाने का प्रबंध करें। उन्होंने कहा कि ज्यादातर देखने में आया है कि मृतक गायों के शवों को दरियाओं में फेंका जा रहा है, जिसके साथ पंजाब में बड़ी महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने मांग की कि सरकार मरे हुए पशुओं के शवों का एक लाख रुपये व बीमार पशु के इलाज के लिए 50 हजार रुपये मुआवजा किसानों को दें। उक्त नेताओं ने कहा कि मालवा क्षेत्र में धान व नरमें की फसल बर्बाद हो चुकी है, जिस संबंधी सरकर ने गिरदावरी तक करवाने की जरूरत नहीं समझी। उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत मालवा क्षेत्र में गिरदावरी करवाने के आदेश दें, ताकि प्रभावित किसानों को मुआवजा मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार फगवाड़ा चीनी मिल सहित पंजाब की अन्य चीनी मिलों की तरफ किसानों के बकाया तुरंत दें। उन्होंने कहा कि किसानी के साथ संबंधित इन मामलों को लेकर पांच सितंबर को पंजाब के सभी कैबिनेट मंत्रियों के घरों व कार्यालय के बाहर धरने देकर सोई हुई सरकार को जगाया जाएगा। उक्त नेताओं ने कहा कि पंजाब में नकली दूध बनाने वालों की भरमार है। पंजाब सरकार तुरंत एक्शन लेकर नकली दूध बनाने वालों खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि तीन सितंबर को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अहम बैठक की जा रही है, जिसके अगले संघर्ष की रूपरेखा तैयार की जाएगी।