निजीकरण के खिलाफ सड़क पर उतरे कर्मचारी
निगमीकरण व निजीकरण नीति खिलाफ आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी ने प्रदर्शन किया किया।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : केंद्र सरकार व रेलवे बोर्ड की निगमीकरण व निजीकरण नीति खिलाफ आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी के बैनर तले सोमवार को अंबेडकर चौक पर कर्मचारियों ने रेडिका प्रशासन व भारत सरकार खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी के नेता सर्वजीत सिंह, राम रतन सिंह, जसवंत सिंह सैनी, राजबीर शर्मा, मनजीत सिंह बाजवा ने कहा कि आरपीएफ के कुछ अधिकारी आरसीएफ में ठेकेदारी व आउटसोर्सिंग के माध्यम से अपनी जेबें भरने की फिराक में थे। जब आरसीएफ के कर्मचारियों ने उनके नापाक इरादों पर पानी फेर दिया तो अधिकारियों ने आरसीएफ के चार कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। आठ कर्मचारियों को चार्जशीट जारी कर दी व संघर्ष कमेटी के नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर डर का माहौल पैदा करने की कोशिश की।
उक्त नेताओं ने कहा कि जीएम आरसीएफ कांफ्रेंस में झूठ बोल रहे हैं कि आरसीएफ के निगमीकरण या निजीकरण की कोई योजना नहीं है। संघर्ष कमेटी के नेता आरसीएफ कर्मचारियों को गुमराह कर रहे हैं। परमजीत सिंह खालसा ने कहा का यह बयान जीएम व आरसीएफ की हड़बड़ाहट को दर्शाता है। खालसा ने कहा के कर्मचारियों को दबाने की नीति आरसीएफ प्रशासन को भारी पड़ रही है। आरसीएफ के कर्मचारियों का इतिहास है कि उन्होंने जुल्म के आगे कभी सर नहीं झुकाया है हमेशा जुल्म का डटकर मुकाबला किया है। उन्होंने आरसीएफ के कर्मचारियों से एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की।
रोष प्रदर्शन और गेट मीटिंग में हरी दत्त, मंजीत सिंह बाजवा, तालिब मोहम्मद, आरसी मीना, जीत सिंह, जगदीश सिंह, रमन जैन, दर्शन लाल, जयपाल सिंह फोगाट, राजेंदर सिंह, मयंक भटनागर, रणजीत सिंह, दलजीत सिंह बाजवा, सुखबीर सिंह, रंजीत सिंह, अरविद प्रसाद और अभिषेक सिंह आदि शामिल थे।