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अब ऊंची आवाज में प्रेशर हार्न बजाया तो कार्रवाई

जिला मजिस्ट्रेट कपूरथला दीप्ति उप्पल ने सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों की पालना करते हुए कई आदेश जारी किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 01:46 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 01:46 AM (IST)
अब ऊंची आवाज में प्रेशर हार्न बजाया तो कार्रवाई
अब ऊंची आवाज में प्रेशर हार्न बजाया तो कार्रवाई

संवाद सहयोगी, कपूरथला : जिला मजिस्ट्रेट कपूरथला दीप्ति उप्पल ने सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों की पालना करते हुए कई आदेश जारी किए हैं। जिला कपूरथला के अंतर्गत कोई भी यातायात प्रदूषण, ज्यादा शोर करने वाले यंत्रों, धमक पैदा करने योग्य व किसी भी प्रकार के पटाखों व आतिशबाजी चलाने पर पूर्ण तौर पर पाबंदी लगाू होगी। ये पाबंदी केवल रंग पैदा करने वाले पटाखों व फुलवाड़ी पर लागू नहीें होगी।

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इसी प्रकार गाड़ियों आदि में किसी प्रकार के प्रेशर हार्न, शोर, धमक, ज्यादा ध्वनि करने वाले हार्न को बजाने पर पूर्ण तौर पर पाबंदी होगी। सिर्फ सरकार की ओर से निर्धारित किए गए हार्न निर्धारित आवाज में बजाए जा सकते हैं। इससे अलावा गैर-सरकारी इमारतों, दुकानों, सार्वजनिक स्थानों, सिनेमा, होटलों, रेस्टोंरेटों आदि में ऊंची आवाज व धमक पैदा करने वाले म्यूजिक व अश्लीन गीत चलाए जाने पर पूर्ण पाबंदी होगी। इसी प्रकार साइलेंस जोन जैसे कि मंत्रालय, जंगलात, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थाएं, अदालत, धाíमक संस्थाओं के 100 मीटर के घेरे में आतिशबाजी, पटाखों, लाउड स्पीकर, प्रेशर हार्न व शोर पैदा करने वाले यंत्रों के चलाने पर पूर्ण पाबंदी होगी।

विशेष मौकों पर प्रबंधक, धाíमक स्थानों, पंडालों में लाउड स्पीकर व अधिकारिक मैरिज पैलेसों में डीजे संबंधित उप मंडल मजिस्ट्रेट से लिखित अनुमति के बिना नहीं चलाया जाएगा। जोन की श्रेणी अनुसार इंडस्ट्रियल एरिया में यातायात सीमा दिन के समय 75 डेसीबल व रात के समय 70 डेसीबल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए है।

वहीं व्यापारिक इलाके में दिन के समय 65 डेसीबल व रात के समय 55 डेसीबल, रिहायशी इलाके में 55 डेसीबल व रात के समय 45 डेसीबल व साइलेंस जोन में दिन के समय 50 डेसीबल व रात के समय 40 डेसीबल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ये आदेश 23 जुलाई 2020 तक लागू रहेंगे। जारी आदेशों में जिला मैजिस्ट्रेट ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण के साथ हर वर्ग के व्यक्तियों को परेशानी होती है। इस कारण कानून व्यवस्था की स्थिति को खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगानी जरूरी है।


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