विदेश तक पहली पसंद बने अमनदीप के बनाए ग्रीटिंग कार्ड
किसी समय एक दूसरे को उचित मौकों पर ग्रीटिग कार्ड भेजना बड़ी आम बात थी पर ई-कांटेंट के इस दौर में आज ग्रीटिग कार्ड भेजना विलुप्त सा हो गया है।
संजीव भल्ला, कपूरथला। किसी समय एक दूसरे को उचित मौकों पर ग्रीटिग कार्ड भेजना बड़ी आम बात थी पर ई-कांटेंट के इस दौर में आज ग्रीटिग कार्ड भेजना विलुप्त सा हो गया है। इसके बावजूद दो साल से अपनी क्रिएटिव दिमाग का इस्तेमाल कर बीसीए फाइनल की छात्रा अमनदीप कौर अटवाल अपने नए तरीकों से बनाए गए कार्ड बनाने के शौक के कारण अपने मित्रों, रिश्तेदारों व कपूरथला के लोगों में अलग पहचान बना चुकीं है। उसके कार्डोँ की मांग देश और विदेश गए उसके दोस्तों में बहुत है। पढ़ाई के दौरान इसी हुनर की बदौलत अमनदीप ने कई प्रतियोगिताएं जीतीं हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से सम्बधित अमनदीप ने बताया कि 2017 में सबसे पहले उसने एक कार्ड बनाया था। इसमें उसने कई पतों के अंदर बहुत से संदेश लिखे थे। उस कार्ड को बहुत पसंद किया गया और उसे लगा कि वह अपने इस हुनर का प्रयोग कर और उसमें निखार लाकर वह और अच्छे कार्ड बना सकती हैं। दो साल बाद डिमांड पर कार्ड बनाकर अमनदीप न्यूजीलैंड, कनाडा और विदेशों में बसे अपने अन्य दोस्तों और उनके परिवार वालों को भेज रही हैं। अमनदीप को इस हुनर को निखारने में उसके भाई कमलप्रीत ने काफी मदद की। उसी को देख कर उसने क्लाइंट की फोटो लगाकर कार्ड बनाने शुरू किए। इंटरनेट से भी अमनदीप आइडिया लेने में नहीं चूकती हैं। उसके बनाए हुए बाक्स व ग्रीटिग कार्ड के अलावा मिनी एलबम और जन्मदिन के लिए बनाए गए कार्ड हमेशा से लोगों की पसंद रहे हैं। अमनदीप पढ़ाई के साथ कई सहअकादमिक गतिविधियों में भी भाग लेती हैं। वह कालेज की वाईस हेड गर्ल हैं, उसने हाल ही में टीचर डे पर अपने कॉलेज की प्रिसिपल को कार्ड बना कर उपहार के तौर पर दिया जिसे उन्होंने बहुत पसंद किया था। सभी अध्यापकों ने उसके हुनर की तारीफ की। अमनदीप के पिता मलकीत चंद जालंधर में आटो चालक हैं और उसे उनका और उसकी माता मनजीत कौर की ओर से पूरा सहयोग मिलता है। उसके अन्य शौक हैं, पेंटिग, पोस्टर मेकिग, कैलिग्राफी, वेस्ट मटीरियल को सही प्रयोग में लाना और इन में आयोजित कई प्रतियोगितायों में वह पुरुस्कार जीत चुकीं है।
कार्ड की कमाई से उठाती हैं पढ़ाई का खर्च
अमनदीप के अनुसार आज के दौर में खास तौर से तैयार किए कार्ड काफी पसंद किए जाते हैं। उसने बताया कि वह कार्ड सिर्फ आर्डर पर ही तैयार करती हैँ और उसके लिए जितना भी खर्च होता है उसे उसके अभिभावक दे देते हैं और वह अच्छा मुनाफा कमा लेती है। अपनी इस आय से ही अमन अपनी पढ़ाई से जुड़े छोटे मोटे खर्च उठा लेती है। अपने उत्पादों को पापुलर करने के लिए वह फेसबुक और अन्य सोशल साइटस का सहारा लेती है और इसके चलते अपने उत्पादों को वह गुजरात तक सप्लाई कर चुकी है।