इराक भेजने के नाम पर 2.20 लाख ठगे, नहीं मिली नौकरी, कई युवक फंसे
इराक भेजन के नाम पर युवक से 2.20 लाख ठगी की गई।
जसविंदर सिंह (विक्की), फगवाड़ा : फगवाड़ा के मोहल्ला कौलसर निवासी कोमलप्रीत उर्फ गोरा करीब 8 माह पहले बड़ी उम्मीद के साथ रोजी रोटी कमाने के लिए इराक गया था, इस दौरान उनके साथ जालंधर के कुछ नौजवान भी इराक में काम की तलाश के लिए गए, लेकिन आज उनकी हालत ये है कि काम करना तो दूर वे पुलिस की ओर से पकड़े जाने के डर से छिप-छिप कर रहने को मजबूर हैं। कोमलप्रीत के पिता मोहन लाल जोकि खुद बुजुर्ग हैं। उन्होंने कर्जा लेकर अपने पुत्र को विदेश में भेजा, ताकि उनके घर का गुजारा ठीक ढंग से हो सके। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि उनका बड़ा बेटा मजदूरी करता है। छोटा बेटा कोमलप्रीत को 2.80 लाख रुपये खर्च करके इराक के इरबिल सिटी में भेजने के लिए जालंधर के गांव छोकरा की महिला एजेंट से बात हुई थी। उन्होंने बताया कि महिला एजेंट ने इराक भेजने के लिए उनसे 2.20 लाख रुपये में बात कही। जिसमें उन्होंने पहले 1.40 लाख रुपये का भुगतान एजेंट को कर दिया। बाकी की रकम विदेश जाकर काम मिलने पर वेतन में से कटवानी थी। एक माह से कुछ दिन बाद कोमलप्रीत का वीजा आ गया, तो दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने पर एजेंट ने उनसे बाकी बकाया 80 हजार रुपए की मांग की, जिस पर पैसे न देने की सूरत में पेपर देने से महिला एजेंट ने मना कर दिया। मजबूरी में उन्हें 80 हजार रुपये का भी भुगतान भी उक्त एजेंट को करना पड़ा। उन्होंने बताया कि जब कोमलप्रीत इराक पहुंचा तो एजेंट के किसी सहयोगी ने उन्हें वहां रिसीव किया, वहीं कुछ दिन रूकने पर कोमलप्रीत द्वारा काम के बारे पूछने पर उक्त व्यक्ति ने एक सप्ताह का इंतजार करने के लिए कहा और बताया कि वर्क कार्ड बनाने में एक सप्ताह का समय लगता है। मोहन लाल ने बताया कि कोमलप्रीत के बार-बार कहने के बावजूद वर्क कार्ड नहीं बनाए गए और पिछले करीब 8 माह से कोमलप्रीत सहित 7 अन्य नौजवान वहां बेरोजगार हैं और वे सभी परिवार से खर्चा मंगवाकर किसी प्रकार अपना गुजारा कर रहे हैं। मोहन लाल ने बताया कि कोमलप्रीत और उसके साथियों ने वहां की भारती एबेंसी में तीन फरवरी को महिला एजेंट के खिलाफ लिखित शिकायत दी, जिस पर एजेंट ने एक माह में वर्क कार्ड बनाने का वादा किया था, जिसकी एवज में उक्त महिला एजेंट ने फिर से उनसे 20 हजार रुपये और देने की मांग की, जिसका भगतान भी उन्होंने कर्जा उठाकर महिला एजेंट को कर दिया, लेकिन वर्क कार्ड नहीं बनाया गया। उन्होंने बताया कि कोमलप्रीत को प्रति दिन 20 डालर के हिसाब से जुर्माना देना पड़ रहा है।
विदेशमंत्री और हरसिमरत कौर बादल ने युवक को देश लाने का दिया भरोसा
मोहन लाल ने बताया कि इस संबंध में वह केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और विदेश मंत्री डॉ. एस जय शंकर से मिला है और उन्होंने उनकी हर प्रकार से मदद करने का भरोसा दिया है। उन्होंने मांग की कि महिला एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उसके पुत्र को वापस देश में लाया जाए।
परिवार के सदस्यों का है बुरा हाल
इराक में फंसे कोमलप्रीत का कुछ वर्ष पहले ही विवाह हुआ है, कोमलप्रीत के पास दो बेटियां हैं, जिनमें उसकी बड़ी बेटी तान्या की उम्र 2 साल और छोटी बेटी सोफिया की उम्र सिर्फ 2 माह है। कोमलप्रीत की पत्नी सिमरन, माता सुरजीत कौर और अन्य पारिवारिक सदस्यों का भी अपने पुत्र की याद में रो रोकर बुरा हाल है। कोमलप्रीत अपने परिवार का पेट पालने के लिए कर्जा उठाकर इराक में गया था, लेकिन एजेंट की ओर से काम न दिलवाएं जाने को लेकर वे वहां पर फंस गया है और रोजाना छिप छिप कर जीने को विवश है।
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