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धान की रोपाई के लिए लेबर की तलाश में जमींदारों ने स्टेशन पर लगाया डेरा

पंजाब में धान की रोपाई का समय हो चुका है मगर जमींदारों को लेबर नहीं मिल पा रही है। यही कारण है कि इन दिनों जमींदारों ने रेलवे स्टेशन पर डेरा लगाया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 05:54 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 05:54 PM (IST)
धान की रोपाई के लिए लेबर की तलाश में जमींदारों ने स्टेशन पर लगाया डेरा
धान की रोपाई के लिए लेबर की तलाश में जमींदारों ने स्टेशन पर लगाया डेरा

जागरण संवाददाता, जालंधर : पंजाब में धान की रोपाई का समय हो चुका है, मगर जमींदारों को लेबर नहीं मिल पा रही है। यही कारण है कि इन दिनों जमींदारों ने रेलवे स्टेशन पर डेरा लगाया है। जमींदार यूपी व बिहार से आने वाली हर ट्रेन से उतरने वालों को धान की रोपाई के लिए मनाने में जुटे हैं। यही कारण है कि सिटी रेलवे स्टेशन पर वीरवार सुबह से ही फिरोजपुर, अमृतसर, बटाला, गुरदासपुर आदि से जमींदार सुबह से शाम तक ट्रेनों पर नजर जमाए बैठे थे। यह भी देखने को मिला कि जहां मजदूरों को प्रत्येक किले के हिसाब से अधिक दाम मिल रहा वे उसके साथ जा रहे थे।

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अमृतसर के वडाला निवासी मनजीत ने बताया कि पिछले साल प्रति किल्ले के हिसाब से 2200 रुपये मजदूरी थी, जो अब 2700 से तीन हजार तक पहुंच गई है। धान की रोपाई का समय है और मजदूर मिल ही नहीं रहे। यही कारण है कि वे यहां स्टेशन पर आए हैं। हरजिदर सिंह और अंग्रेज सिंह ने बताया कि उन्होंने पिछले साल ही मजदूरी करके गए मजदूरों से फोन पर संपर्क करके उन्हें जालंधर स्टेशन से लेने के लिए बुलाया था। मगर पता चला कि सात लोग आ रहे थे, तीन जालंधर पहुंच गए और चार को लुधियाना में तीन हजार रुपये प्रति किल्ले के हिसाब से मजदूरी मिलने लगी। इसलिए वे वहीं रुक गए और जालंधर पहुंचने वाले भी लुधियाना जाने की तैयारी में हैं।

मुख्तियार सिंह ने बताया कि तीन लोग एक दिन में एक किल्ला धान की रोपाई कर सकते हैं, जबकि पांच पंजाबी एक दिन में एक किल्ला लगाते हैं।

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