Famous Temples of Punjab: उभरता तीर्थ स्थान है होशियारपुर स्थित मां कामाक्षी देवी मंदिर, युधिष्ठिर ने यहीं की थी तपस्या
Famous Temple of Hoshiarpur शक्तिपीठ मां कामाक्षी देवी का मंदिर होशियारपुर जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर है। मान्यता है कि विराटनगरी दसूहा में रहते हुए ज्येष्ठ पांडव पुत्र युधिष्ठिर ने यहीं पर तपस्या की थी। मंदिर में साल में दो बार नवरात्र मेला लगता है।
सरोज बाला दातारपुर (होशियारपुर)। पंजाब के होशियारपुर जिले के दातारपुर में स्थित शक्तिपीठ मां कामाक्षी देवी मंदिर क्षेत्र का उभरता तीर्थ स्थान है। यहां स्थित मां कामाक्षी देवी का मंदिर प्राचीन समय से ही भक्तों की श्रद्धा का केंद्र रहा है। मंदिर में स्थापित पिंडी के नीचे से जल निकलता है जो कि मंदिर के सामने बने सरोवर में गिरता है। मां कामाक्षी देवी मंदिर को नवरात्र के उपलक्ष्य में चारों तरफ से सुंदर सजाया जाता है। भक्तों के लिए रहने व खाने के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से विशेष प्रबंध किया गया है।
ऐसे पहुंचे मां के दरबार में
यह स्थान मुख्यालय होशियारपुर से लगभग 50 किमी दूर है। वाया हरियाना तथा दसूहा के दातारपुर पहुंचा जा सकता है, जहां से कमाही देवी जाने के लिए बसें उपलब्ध हैं। प्राइवेट व सरकारी बसें होशियारपुर बस अड्डे से मिलती रहती हैं। मंदिर तलवाड़ा कस्बे से 16 किमी तथा मुकेरियां से 30 किमी दूर है।
शिवालिक पर्वतमाला की गोद में स्थित मां कामाक्षी देवी के मंदिर हजारों श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र है। तपोमूर्ति महंत 108 श्री राजगिरि की अध्यक्षता में यहां नवरात्रों के उपलक्ष्य में मेला लगाया जाता है।
मंदिर में स्थापित पिंडी। सेवा में बैठे हैं महंत 108 श्री राजगिरि।
मन्नत पूरी होने पर ढोल बाचों के साथ आते हैं श्रद्धालु
प्राचीन कथा के अनुसार यहां पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान मां की आराधना की थी। विराटनगरी दसूहा में रहते हुए ज्येष्ठ पांडव पुत्र युधिष्ठिर ने यहां तपस्या की थी। साल में दो बार लगने वाले नवरात्र मेला में असंख्य श्रद्धालु यहां आते हैं। मन्नतें मांगते हैं और पूरी होने पर अगली बार ढोल बाजों के साथ आते हैं और अपनी खुशी का इजहार करते हैं। नवरात्रों में ही श्रद्धालु यहां शिशुओं का मुंडन करवाने दूर-दूर से आते हैं।
इस मंदिर में श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए कई कमरे तथा 2 बड़े सत्संग भवन हैं। जो सभी सुविधाओं से सुसज्जित है। लंगर व्यवस्था लगातार सुचारू रुप से चलती रहती है। मंदिर में प्रतिदिन दुर्गा माता की पूजा व आरती की जाती है। महंत श्री राजगिरि के नेतृत्व में यहां भागवत कथा, श्री राम कथा, विष्णु यश तथा धर्म सम्मेलन सारा साल करवाए जाते हैं। महंत ने बताया कि मां कामाक्षी देवी सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मेले में सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन यहां आते हैं।