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विधायकों, चेयरमैनों की रणनीति को मात देकर अंगद दत्ता बने जालंधर यूकां प्रधान

जालंधर शहरी इकाई के अध्यक्ष पद पर अंगद दत्ता और देहाती इकाई के अध्यक्ष पद पर हनी जोशी ने जीत हासिल की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 02:21 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 06:09 AM (IST)
विधायकों, चेयरमैनों की रणनीति को मात देकर अंगद दत्ता बने जालंधर यूकां प्रधान
विधायकों, चेयरमैनों की रणनीति को मात देकर अंगद दत्ता बने जालंधर यूकां प्रधान

जागरण संवाददाता जालंधर

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यूथ कांग्रेस के चुनाव में जालंधर शहरी इकाई के अध्यक्ष पद पर अंगद दत्ता और देहाती इकाई के अध्यक्ष पद पर हनी जोशी ने जीत हासिल की है। जालंधर शहर के चारों विधानसभा हलकों के नतीजे भी आ गए हैं। जालंधर कैंट से रणदीप संधू, जालंधर वेस्ट से कुणाल शर्मा, जालंधर केंद्रीय से प्रवीण और नॉर्थ हलके से सनी को जीत मिली है।

इस बार के नतीजे यह बता रहे हैं कि जिसने जितनी वर्किंग कि उसे उसका उतना ही फायदा मिला। अंगद दत्ता एक हजार वोट लेकर जीतने में सफल रहे। दूसरे नंबर पर दीपक खोसला को 758, राजेश अग्निहोत्री को 534 और चुनाव मैदान से हट चुके परमजीत सिंह बल को भी 7 वोट मिले हैं। जालंधर के महासचिव पद पर सात उम्मीदवार जीते हैं। इनमें चरणजीत सिंह को 618 वोट, बाब मल्होत्रा को 480, चंदन सहदेव को 464, रंजीत सिंह को 460, जसकरण वीर सिंह को 294, जितेंद्र कुमार को 152 और अभिषेक 150 वोट मिले हैं।

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अकेले अंगद दत्ता कई विधायकों, चेयरमैनों पर पड़े भारीे

जालंधर शहरी के अध्यक्ष पद पर अकेले अंगद दत्ता ने कई विधायकों व चेयरमैनों को मात दी है। राणा गुरजीत सिंह के करीबी माने जाते अंगद दत्ता का फोकस सिर्फ अपने वोट बैंक पर रहा और उन्होंने बेहतर प्लानिग के साथ मतदान करवाया। अंगद दत्ता की जीत इसलिए भी बेहद मायने रखती है क्योंकि वह अकेले ही मैदान में डटे थे और अपने मुकाबले लड़ रहे राजेश अग्निहोत्री और दीपक खोसला को हराया है जिनके पीछे कई बड़े नेताओं का हाथ था। अंगद दत्ता स्वर्गीय अनिल दत्ता के बेटे हैं जो खुद भी बड़े तेजतर्रार नेता रहे हैं और प्रताप सिंह बाजवा के पंजाब यूथ कांग्रेस का प्रधान रहते समय पंजाब के महासचिव रहे। अनिल दत्ता हमेशा राजनीति का केंद्र बने रहे और कई बार बड़े उलटफेर किऐ।

अंगद दत्ता ने बड़े नेताओं की हाजिरी भरने की बजाए यूथ कार्यकर्ताओं पर भरोसा जताया और जो मेंबरशिप की थी, उसी के दम पर चुनाव में बाजी मारी। चुनाव प्रचार के दौरान एक समय ऐसा भी आया था, जब अंगद दत्ता को बैठाने के लिए कई बड़े नेता सक्रिय थे और लगातार दबाव बनाए रखा था।

राजेश अग्निहोत्री विधायक सुशील रिकू के करीब भी हैं और उन्हें चेयरमैन तेजिदर बिट्टू, विधायक राजेंद्र बेरी, यूथ नेता काकू आहलूवालिया का भी समर्थन हासिल था। राजेश अग्निहोत्री के समर्थन में परमजीत बल के बैठने से भी यह माना जा रहा था कि राजेश अग्निहोत्री की जीत पक्की है लेकिन नतीजे कुछ और ही निकले हैं।

दीपक खोसला जिला प्रधान के तीसरे दावेदार थे और उनके लिए ढल बंधु, सोनू ढेसी, अश्वन भल्ला का समर्थन हासिल था। - देहात में चौधरी विक्रमजीत भी मनवीर चीमा को नहीं जिता पाए

फिल्लौर विधानसभा हलके के इंचार्ज एवं पंजाब यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रधान चौधरी विक्रमजीत सिंह अपने उम्मीदवार मनवीर चीमा को नहीं जिता पाए हैं। अश्वन भल्ला के करीबी हनी जोशी ने मनवीर चीमा को हरा दिया। चौधरी विक्रमजीत सिंह मनवीर चीमा के पक्ष में खुद भी मतदान के दौरान बूथ पर डटे रहे थे लेकिन इसका भी फायदा नहीं मिला। चौधरी विक्रमजीत सिंह खुद भी फिल्लौर विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। भल्ला ग्रुप के हनी जोशी ब्लॉक समिति के सदस्य रहे हैं। भल्ला निवर्तमान प्रधान है और उनका जालंधर शहर और देहात में पूरा प्रभाव है। चौधरी और भल्ला में छत्तीस का आंकड़ा है और इसीलिए चौधरी विक्रमजीत सिंह ने मनवीर चीमा को मैदान में उतारकर भल्ला को मात देने का प्लान बनाया था, लेकिन वह कामयाब नहीं हो सके।


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