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बिना NOC नहीं करेंगे प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री, तहसीलदारों ने वित्त विभाग को लिखा पत्र Jalandhar News

तहसीलरों का कहना है कि अरजिस्ट्रेशन एक्ट के मुताबिक रजिस्ट्री के बाद 24 घंटे के भीतर इसकी कॉपी मालिक को देनी जरूरी होती है। इसलिए वो बिना एनओसी के रजिस्ट्री नहीं करेंगे।

By Sat PaulEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 10:25 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 08:05 AM (IST)
बिना NOC नहीं करेंगे प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री, तहसीलदारों ने वित्त विभाग को लिखा पत्र Jalandhar News
बिना NOC नहीं करेंगे प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री, तहसीलदारों ने वित्त विभाग को लिखा पत्र Jalandhar News

जालंधर, [मनीष शर्मा]। बिना एनओसी के भी रजिस्ट्री करने के आदेश की नई सच्चाई सामने आई है। राज्य के वित्त विभाग का यह आदेश सिर्फ रेवेन्यू जुटाकर सरकारी खजाना भरने के लिए था। गोलमोल तरीके से जारी आदेश में था कि बिना एनओसी के प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कर ली जाए, लेकिन उसके मालिक को इसकी कॉपी न दी जाए। कॉपी तभी दी जाए, जब वो एनओसी लेकर आए।

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इस आदेश में रजिस्ट्रेशन एक्ट का अड़ंगा लग गया। रजिस्ट्रेशन एक्ट के मुताबिक रजिस्ट्री के बाद 24 घंटे के भीतर इसकी कॉपी मालिक को देनी जरूरी होती है। इस वजह से तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों ने इससे हाथ खड़े कर दिए। उनका कहना है कि अगर वो इसके विपरीत काम करेंगे तो फिर उन पर एक्ट के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई होगी। इसलिए वो बिना एनओसी के रजिस्ट्री नहीं करेंगे। इस बारे में वित्त विभाग को भी लिखकर भेज दिया गया है। तहसीलदार मनिंदर सिंह ने इसकी पुष्टि की है।

वित्त विभाग ने बना रखी थी खाली खजाना भरने की योजना

असल में वित्त विभाग के आदेश में कहा गया था कि तहसीलदार व नायब तहसीलदार सभी तरह की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कर पैसे वसूल लें। इसके बाद उसके मालिक को कहा जाए कि वो निगम, जेडीए या अन्य संबंधित महकमे से एनओसी लेकर आएं कि उसकी प्रॉपर्टी अवैध कॉलोनी या अनअप्रूव्ड एरिया में नहीं है। इसे रेगुलर कराया जा चुका है। कोशिश यह थी कि इसके जरिए सरकार को तो रजिस्ट्री के बदले रेवेन्यू मिल जाए और प्रॉपर्टी का मालिक बाद में एनओसी के लिए दूसरे महकमों के चक्कर काटता रहे। हालांकि वित्त विभाग की ओर से 12 दिसंबर को जारी पत्र में दावा किया गया था कि तहसीलदार व नायब तहसीलदार रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के तहत पाबंद नहीं है।

अधिकारी बोले : कैबिनेट ही अपनी शर्त को हटाए

सबसे अहम बात यह है कि अनअप्रूव्ड एरिया या अवैध कॉलोनियों में स्थित प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री से पहले एनओसी लेने की शर्त को कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया गया था। इसका बकायदा नोटिफिकेशन भी जारी हुआ था। अफसरों ने वित्त विभाग को कहा है कि नया फैसला भी केबिनेट पास करे। कोई एक विभाग ऐसे आदेश कैसे दे सकता है। अगर वो ऐसा करेंगे तो उलटा वही फंस जाएंगे।

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