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Surgical strike2 पर 1971 की जंग में पाक में घुसकर कहर ढाने वाले जांबाज ने कह दी बड़ी बात

भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्‍तान में सर्जिकल स्‍ट्राइक2 पर 1971 के जांबाजों का कहना है कि जो एयरफोर्स पहले स्‍ट्राइक करता है वही सिकंदर होता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 27 Feb 2019 05:35 PM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 08:28 AM (IST)
Surgical strike2 पर 1971 की जंग में पाक में घुसकर कहर ढाने वाले जांबाज ने कह दी बड़ी बात
Surgical strike2 पर 1971 की जंग में पाक में घुसकर कहर ढाने वाले जांबाज ने कह दी बड़ी बात

जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। भारतीय वायुसेना (Indian airforce) द्वारा पाकिस्‍तान में सर्जिकल स्‍ट्राइक2 (surgical strike2) से 1971 के भारत-पाक जंग के जांबाज भी गद्गद हैं। उनका कहना है कि यह कार्रवाई ने भारतीय वायुसेना की ताकत और कौशल काे उजागर किया है।  रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल सरबजीत सिंह होठी का कहना है कि जो वायुसेना पहले स्‍ट्राइक कर दे जंग में वही सिकंदर बनती है।

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एयर वाइस मार्शल सर्वजीत होठी बाेले - जो वायुसेना पहले स्ट्राइक कर दे, वही सिकंदर

1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान के अंदर जाकर अपने लड़ाकू विमान से गोले बरसाने वाले रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल सरबजीत सिंह होठी ने एक खास बातचीत में कहा, वायु सैनिक की ज़िंदगी में दूसरा मौका नहीं होता। जो पहले स्ट्राइक कर दे, वही सिकंदर होता है। वह भारतीय वायु सेना द्वारा मंगलवार तड़के पाकिस्‍तान में जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर की गई Surgical strike2 से गदगद हैं।

एयर वाइस मार्शल (रिटायर्ड) होठी ने कहा कि 1999 में हुए कारगिल युद्ध के दौरान एयरफोर्स को लाइन आफ कंट्रोल पार करने की अनुमति नहीं थी लेकिन इस बार वायुसेना ने सीमा पार जाकर दुश्मन पर निशाना साधा है। एयर वाइस मार्शल होठी ने इसे साहसिक राजनीतिक फैसला करार दिया। उन्‍होंने सफल सर्जिकल स्‍ट्राइक के लिए भारतीय वायु सेना के जवानों एवं उसके अधिकारियों को बधाई दी।

एयर वाइस मार्शल सर्वजीत 1971 के युद्ध में पाकिस्‍तान के अंदर जाकर बरसाए थे गोले
जालंधर के रणजीत नगर में अपनी पत्नी पर्ल होठी के साथ सेवानिवृत्त होकर जिंदगी बिता रहे एयर वाइस मार्शल सरबजीत सिंह होठी ने सैनिक स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने के बाद एनडीए पास करके भारतीय वायु सेना में कमीशन प्राप्त किया था। कारगिल युद्ध के दौरान वह पंजाब के एयरफोर्स बेस हलवारा में स्टेशन कमांडर के तौर पर तैनात थे। उनके दिशानिर्देश में ही पायलटों ने कारगिल युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए स्ट्राइक की थीं।

वह एयरफोर्स की पश्चिमी कमान मुंबई के प्रमुख रह चुके है। 5400 घंटों से भी ज्यादा का लड़ाकू विमान उड़ाने का अनुभव रखने वाले एयर वाइस मार्शल होठी ने कहा कि मौजूदा समय में लड़ाकू विमानों की मारक क्षमता और तकनीक के सुमेल ने अब ज्यादा प्रभावी बना दिया है।

1971 के अपने भारत-पाक युद्ध के अनुभव को याद करते हुए एयर वाइस मार्शल होठी ने कहा कि एयरफोर्स की उम्दा कारगुजारी के चलते ही उस युद्ध में विजय प्राप्त की जा सकी थी। उन्हें उनके तत्कालीन कमांडर ने एक ही बात सिखाई थी कि जो वायु सैनिक पहले स्ट्राइक कर दे, वही सिकंदर होता है। बस इसी बात को ध्यान में रखते हुए वह पाकिस्तान में अंदर तक गए, बमबारी की और सुरक्षित वापस लौट आए। वह पाकिस्तान के अंदर जाकर बमबारी करने वाले एयरफोर्स के कुछ एक चुनिंदा पायलटों में से एक हैं। अब लगभग 48 वर्ष बाद मिराज 2000 ने सीमा पार कर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है।

लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह ने कहा, देश को मानसिक मजबूती दे गई सर्जिकल स्ट्राइक2 

सेना की नार्दन कमांड के जीओसी इन सी लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह के पिता रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह का कहना है कि दुश्मन के इलाके में जाकर हमला करना और अपना कोई नुकसान करवाए बिना वापस लौट आना किसी भी देश की सेना के लिए एक बड़ी उपलब्धि होता है। भारतीय वायु सेना द्वारा मंगलवार तड़के पाकिस्‍तान में जैश-ए-मोहम्मद के कैंप पर किए गए हमले ने देश एवं सेना को मानसिक मजबूती प्रदान करने वाला फैक्टर बताया है। मनमोहन सिंह का कहना है कि सही समय और पूरी तैयारी के साथ की गई सर्जिकल स्ट्राइक2 पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान को बतौर देश एक बड़ी दहशत दे गई है।

परिवार के साथ रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह। (फाइल फोटो)

काबिले जिक्र है कि उधमपुर बेस्ड नार्दर्न कमांड के जीओसी इन सी लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह वही अधिकारी हैं, जिन्होंने देश की तरफ से पाकिस्तान के भीतर की गई पहली सर्जिकल स्ट्राइक का खाका तैयार किया था। 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में जम्मू-कश्मीर के छंब क्षेत्र में लड़ाई लड़ चुके मनमोहन सिंह ने बताया कि पाकिस्तानी सेना शुरू से ही भारतीय सेना से खौफ खाती है। 1971 में भी पाकिस्तान फौज के सैनिक मात्र दूर से ही गालियां बक कर वापस भाग जाते थे और भारतीय सेना का सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह।

लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह ने कहा कि दो सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय सेना ने अपना कोई नुकसान नहीं करवाया, लेकिन इस समय सजग रहने की भी जरूरत है। अच्छी फौज वही है, जो दुश्मन की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखे। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक2 से देश की सेनाओं के हौसले बुलंद है और ऐसा हमला करना समय की जरूरत बन चुका था।

उन्‍होंने बताया कि भारतीय वायुसेना की तरफ से स्ट्राइक में जिस में मिराज 2000 का प्रयोग किया गया है, वह 500 अथवा 1000 पाउंड से कम बम गिराता ही नहीं है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब इतने विमानों ने जाकर वहां बमबारी की होगी तो इलाका तहस-नहस हो गया होगा।


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