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इंटर स्टेट बस टर्मिनलः व्हीलचेयर कर रही वेटिंग हॉल में आराम, बुजुर्ग और दिव्यांग हो रहे परेशान

बस स्टैंड परिसर के बिल्कुल बीच में बने लेडीज वेटिंग हॉल में लावारिस हालत में दो व्हीलचेयर पड़ी हुई नजर आती हैं। धूल से सनीं इन व्हीलचेयर में से एक की सीट ही नहीं है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 03:43 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 06:46 PM (IST)
इंटर स्टेट बस टर्मिनलः व्हीलचेयर कर रही वेटिंग हॉल में आराम, बुजुर्ग और दिव्यांग हो रहे परेशान
इंटर स्टेट बस टर्मिनलः व्हीलचेयर कर रही वेटिंग हॉल में आराम, बुजुर्ग और दिव्यांग हो रहे परेशान

जालंधर, जेएनएन। 2200 के लगभग बसों का आवागमन, सवा दो लाख के लगभग यात्री और एसी लेडीज वेटिंग हॉल में बंद अदद व्हीलचेयर। जालंधर के शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटर स्टेट बस टर्मिनल पर दिव्यांग और बुजुर्ग यात्रियों को बुरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है। बस स्टैंड परिसर में दिव्यांग यात्रियों के प्रवेश के लिए कोई रैंप नहीं बनाया गया है। किसी तरह से यात्री सीढिय़ां चढ़ते हुए बस स्टैंड परिसर में प्रवेश करते हैं और वहां भी उन्हें व्हीलचेयर की सुविधा नहीं मिल पाती है।

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बस स्टैंड परिसर के बिल्कुल बीच में बने लेडीज वेटिंग हॉल में लावारिस हालत में दो व्हीलचेयर पड़ी हुई नजर आती हैं। धूल से सनीं इन व्हीलचेयर में से एक की सीट ही नहीं है। यहां एक बैसाखी का सेट भी रखा हुआ नजर आता है। बस स्टैंड परिसर में प्रवेश द्वारों के पास ऐसी कोई जानकारी लिखी हुई नजर नहीं आती, जिसमें यह बताया गया हो कि बीमार और दिव्यांग यात्रियों के लिए व्हीलचेयर कहां पर उपलब्ध हो सकती है। हालांकि बस स्टैंड इंक्वायरी पर पूछने पर इशारे से यह जानकारी जरूर दे दी जाती है कि सामने लेडीस वेटिंग हॉल में व्हीलचेयर उपलब्ध है। बस स्टैंड इंक्वायरी बस स्टैंड के बिल्कुल बीत में है और प्रवेश द्वार से लगभग सौ मीटर दूर है। अगर व्हीलचेयर की सुविधा लेनी है तो 100 मीटर का रास्ता दिव्यांग खुद तय करें या उन्हें अपने साथ कोई अटेंडेंट जरूर लाना होगा।

जालंधरः शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटर स्टेट बस स्टैंड के लेडीज वेटिंग हॉल में पड़ी व्हीलचेयर और बैसाखी। मुख्य गेट से दूर होने के कारण दिव्यांग इनका प्रयोग नहीं कर पाते हैं।

बस में चढ़ने के लिए भी दिव्यांग यात्रियों को नहीं मिलती कोई सुविधा

अगर तो दिव्यांग यात्री को साधारण बस में सवार होना है तो बस की सीढ़ी प्लेटफॉर्म के नजदीक ही रहती है, लेकिन अगर किसी एयर कंडीशन (एसी) बस में यात्रा करनी है तो एक बार फिर से यात्रियों को लगभग डेढ़ फुट ऊंचे प्लेटफार्म से नीचे उतरना पड़ता है और फिर पैदल चलकर एसी बस में सवार होना पड़ता है। एसी बसों में सवार होने के लिए दिव्यांग यात्रियों के लिए कोई सुविधा नहीं है।

फगवाड़ा से आए शंभू रावत ने कहा कि किसी तरह से परेशान होकर वह बस काउंटर तक पहुंच पाए हैं। उन्हें तो यह जानकारी भी नहीं है कि बस स्टैंड के ऊपर व्हीलचेयर भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड के बाहर उन्हें बस से उतार दिया गया और उन्हें बस स्टैंड के अंदर तक पहुंचने के लिए एक टांग के साथ ही लंबी दूरी तय करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि व्हीलचेयर की सुविधा तो बस स्टैंड प्रवेश द्वार के बिल्कुल साथ होनी चाहिए। बस स्टैंड परिसर में तैनात मुलाजिम पार्किंग के लिए तो सभी यात्रियों को सूचित कर देते हैं, लेकिन देखने के बावजूद दिव्यांग यात्री को व्हीलचेयर उपलब्ध होने के बारे जानकारी नहीं दी जाती।

फगवाड़ा से आए शंभू रावत ने कहा कि उन्हें बस स्टैंड में व्हीलचेयर उपलब्ध होने की जानकारी नहीं थी। अगल व्हीलचेयर मिलती तो उनकी परेशानी काफी कम हो जाती।

मेहतपुर से आए बुजुर्ग अवतार सिंह को आंखों से नजर नहीं आ रहा था और कमजोर शरीर की वजह से वह चलने में भी खासी परेशानी झेल रहे थे। उनके साथ आई बलबीर कौर ने कहा कि उन्हें बस स्टैंड पर कहीं व्हीलचेयर नहीं दिखाई दी है। ऐसे में वह किसी तरह से अवतार सिंह को पकड़कर बस काउंटर के नजदीक ले जाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि बस स्टैंड के ऊपर व्हीलचेयर भी उपलब्ध है और मांगे जाने पर मिल सकती है उन्होंने कहा कि अगर ऐसी सुविधा थी तो गेट पर ही इसके बारे में सूचना होनी चाहिए थी।

दुर्घटना में चूल्हा टूट जाने से बिना बैसाखी चल फिर पाने में असमर्थ कपूरथला के सतपाल सिंह ने कहा कि उनकी कोई औलाद भी नहीं है और न ही कोई ऐसे नजदीक संबंधी भी हैं, जो सफर में उनके साथ चल सकें। इस कारण अकेले ही बैसाखी के सहारे बस स्टैंड पहुंच गए थे, लेकिन व्हीलचेयर तो कहीं नजर नहीं आई। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड के भीतर बमुश्किल वह शौचालय का प्रयोग कर सके। सतपाल ने कहा कि मजबूरी में ही उन्हें सफर के लिए निकलना पड़ता है, लेकिन बस स्टैंड पर कोई सुविधा ना होने के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक एंट्री गेट के ऊपर बिल्कुल नजरों के सामने व्हील चेयर उपलब्ध होनी चाहिए, जहां मुलाजिम भी तैनात रहते हैं इस कारण व्हीलचेयर चोरी होने का मतलब ही नहीं है।

व्हीलचेयर तुरंत गेट पर रखवाएंगे: जनरल मैनेजर

व्हीलचेयर वेटिंग हॉल में बंद नहीं रखी जा सकती। उसे तुरंत गेट पर रखने के निर्देश जारी किए जाएंगे। जो व्हीलचेयर खराब है, उसे भी ठीक करवाया जाएगा। पंजाब रोडवेज जालंधर एक के जनरल मैनेजर बलविंदर सिंह ने कहा कि बस स्टैंड में जगह-जगह पर व्हीलचेयर उपलब्ध होने के बारे में जानकारी भी लिखकर लगवाई जाएगी।

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