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सरफेस वाटर प्रोजेक्ट : किसानों ने मांगे 50 लाख प्रति एकड़, कमेटी ने ऑफर किए 24 लाख Ludhiana News

कमेटी और किसानों में जमीन को लेकर रेट फाइनल होने में अभी समय लग सकता है। कमेटी कुछ रेट बढ़ा सकती है और किसान कुछ कम कर सकते हैं।

By Edited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 09:13 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 09:41 AM (IST)
सरफेस वाटर प्रोजेक्ट : किसानों ने मांगे 50 लाख प्रति एकड़, कमेटी ने ऑफर किए 24 लाख Ludhiana News
सरफेस वाटर प्रोजेक्ट : किसानों ने मांगे 50 लाख प्रति एकड़, कमेटी ने ऑफर किए 24 लाख Ludhiana News

जालंधर, जेएनएन। सतलुज दरिया का पानी पीने के लिए इस्तेमाल करने के 1400 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो गई है। डिप्टी कमिश्नर व¨रदर शर्मा की अध्यक्षता और नगर निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा के संयोजन वाली कमेटी की मीटिंग में 93 एकड़ जमीन एक्वायर करने के लिए किसानों की प्रपोजल पर चर्चा की गई। किसान प्रति एकड़ 50 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। वहीं जमीन अधिग्रहण कमेटी ने कलेक्टर रेट का दोगुणा 24 लाख रुपये प्रति एकड़ देने का प्रस्ताव दिया है। कमेटी और किसानों में जमीन को लेकर रेट फाइनल होने में अभी समय लग सकता है। कमेटी कुछ रेट बढ़ा सकती है और किसान कुछ कम कर सकते हैं। यह जमीन आदमपुर के गांव जगरावां में खरीदी जानी है। गांव जगरावां तक बिस्त दोआब नहर (डीएवी कॉलेज नहर) के जरिए सतलुज दरिया से पानी आएगा और उसके बाद गांव जगरावां में स्थापित किए जाने वाले ट्रीटमेंट प्लांट में पानी साफ करके शहर में सप्लाई किया जाएगा।

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गांव जगरावां में किसानों ने 89 एकड़ जमीन बेचने के लिए सहमति दी है और चार एकड़ जमीन सरकार की है। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के तहत पहले फेस में 66 एकड़ जमीन की जरूरत रहेगी और दूसरे फेस में 34 एकड़ जमीन चाहिए होगी। मीटिंग में डीसी और निगम कमिश्नर ने संबधित अधिकारियों से कहा कि वह साल 2021 तक प्रोजेक्ट पूरा करने के लक्ष्य के साथ काम करें ताकि लोगों को 24 घंटे पानी की सप्लाई दी जा सके। इस समय शहर में करीब 550 ट्यूबवेलों से रोजाना करीब 300 एमएलडी पानी सप्लाई किया जा रहा है। शहर की मौजूद जरूरत 275 एमएलडी की है। 30 साल बाद यह डिमांड 350 एमएलडी होगी और इसी के मद्देनजर दूसरे फेस में प्रोजेक्ट एक्सटेंड किया जाएगा।

बता दें कि इस प्रोजेक्ट के लिए बैंक फिजिबिलटी रिपोर्ट को मंजूर कर चुका है। मीटिंग में स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ जतिंदर जोरवाल, एसडीएम डॉ. जयइंद्र सिंह, रेवेन्यू अफसर जशनजीत सिंह, सीवरेज बोर्ड के चीफ इंजीनियर हरजिंदर सिंह, निगम के एसई सतदर कुमार, सीवरेज बोर्ड के एक्सईएन जितिन वासुदेव, निगम के एसडीओ गगन लूथरा मौजूद रहे।

गांव जगरावां में लगेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

डीसी व¨रदर शर्मा और निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा ने कहा कि आदमपुर के गांव जगरावां में पहले चरण में 275 एमएलडी और दूसरे चरण में 90 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। शहर में साल 2036 तक रोजाना 275 एमएलडी पानी की सप्लाई जरूरी होगी और इसके बाद 90 एमएलडी का दूसरा प्लांट साल 2051 तक की जरूरत को पूरा करने के लिए जरूरी होगा। खरीदी जाने वाली जमीन गांव जगरावां और पास के दो गांवों की है। नगर निगम जालंधर इस समय 1.52 लाख कनेक्शनों को पानी की सप्लाई दे रहा है। पंजाब सरकार का ¨सचाई विभाग 30 सालों के लिए बिस्त दोआब नहर में रेगुलर पानी की सप्लाई देगा। सप्लाई रेगुलर करने से पहले नहर को ठीक करने के लिए 78 करोड़ से इसकी मरम्मत की जाएगी। एशियन डेवलपमेंट बैंक की इनावयरमेंटल टीम ने सर्वे के बाद गांव जगरावां और पास के दो गांवों को प्रदूषण मुक्त घोषित किया है।

प्रोजेक्ट के लिए एशियन डवलपमेंट बैंक और अमरूत योजना से आएंगे फंड

एशियन बैंक इस प्रोजेक्ट के लिए 889.49 करोड़ रुपये का लोन देगा। इस अमाउंट से पुरानी पाइपों के नेटवर्क को ठीक किया जाएगा। पानी की सप्लाई की ऑनलाइन मॉनिट¨रग होगी। घरों के पानी के कनेक्शन ठीक होंगे। वाटर स्टोरेज के लिए शहर में अंडर ग्रांउड और ओवर हेड टंकियां बनेंगी। इसके अतिरिक्त पंपिग स्टेशन, 100 एकड़ जमीन अधिग्रहण, 10 साल के आपरेशन एंड मेनटनेंस का खर्च भी इसी लोन से होगा।

अमरुत योजना से 454.33 करोड़ रुपए मिलेंगे

गांव जगरावां में इनटेक प्वाइंट अमरुत योजना के तहत मिलने वाली 454,33 करोड़ रुपये की ग्रांट से ही लगेगा। पानी को साफ करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा। गांव में वाटर स्टोरेज के लिए अंडरग्राउंड टैंक बनाए जाएंगे। शहर तक पानी की सप्लाई के लिए पाइप लाइन डाली जाएगी। प्रोजेक्ट पर करीब 54 करोड़ रुपया लोकल बॉडी डिपार्टमेंट खर्च करेगा। इससे डिपार्टमेंटल वर्क होंगे।


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