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सिविल अस्पताल के वार्ड फुल, नए मरीज रखने की जगह नहीं

डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने से आने वाले दिनों में अन्य बीमारियों का इलाज करवाने वाले मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 11:50 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 11:50 PM (IST)
सिविल अस्पताल के वार्ड फुल, नए मरीज रखने की जगह नहीं
सिविल अस्पताल के वार्ड फुल, नए मरीज रखने की जगह नहीं

जागरण संवाददाता, जालंधर : डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने से आने वाले दिनों में अन्य बीमारियों का इलाज करवाने वाले मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सिविल अस्पताल प्रशासन डेंगू के मरीजों के इलाज को लेकर वार्ड का विस्तार कर रहा है लेकिन अस्पताल में चल रहे विकास कार्य मरीजों के इलाज की सुविधा की राह में रोड़ा बने हुए है। डेंगू वार्ड को लेकर शुक्रवार को अस्पताल प्रशासन की बैठक हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। सिविल अस्पताल में अभी 21 मरीज दाखिल है। इनमें छह बच्चे है। मेल मेडिकल वार्ड में आठ बेड का डेंगू वार्ड भर जाने के बाद मरीजों का फीमेल मेडिकल वार्ड में इलाज किया जा रहा है। इससे पहले वार्ड में दाखिल अन्य बीमारियों के मरीजों को सर्जिकल वार्ड में शिफ्ट करने की कवायद शुरू हो गई है। सर्जिकल वार्ड फुल होने के कगार पर पहुंच चुके है। अस्पताल में इन दिनों वायरल बुखार का इलाज करवाने वाले मरीजों की संख्या का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। अस्पताल की दूसरी मंजिल पर बने मेडिकल मेल और फीमेल व मेल सर्जिकल वार्ड तकरीबन फुल हो चुके है। अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को रखने के लिए नए वार्ड की तलाश शुरू की लेकिन फिलहाल उनके पास जगह नहीं है। भविष्य में सर्जरी करवाने मरीजों को इलाज की सुविधा से वंचित होना पड़ सकता है। सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. सुरजीत सिंह का कहना है कि मरीजों की संख्या बढ़ने पर डेंगू वार्ड का विस्तार फीमेल मेडिकल वार्ड में ही किया जा रहा है। मेडिकल वाले मरीज दूसरे वार्डों में शिफ्ट किए गए है। आने वाले दिनों में ट्रामा सेंटर की इमारत का इस्तेमाल किया जा सकता है। ---

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अस्पताल का विकास आ रहा आड़े

सिविल अस्पताल की पुरानी इमारत में बने ईएनटी वार्ड को 30 बेड की क्षमता वाला डेंगू वार्ड बनाया था। ईएनटी और आर्थो वार्ड रेनोवेशन के कारण बंद पड़े है। ट्रामा सेंटर में बर्न यूनिट बनाने की वजह से लेबर काम में जुटी है और इसका इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकता है।

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विकल्प

सिविल अस्पताल में बने टीबी वार्ड में 30 बेड हैं। वहां आक्सीजन और जेनरेटर की सुविधा है। फिलहाल वहां पर कोरोना फ्लू कार्नर चल रहा है। अगर फ्लू कार्नर को किसी दूसरी इमारत में शिफ्ट किया जाएगा तो डेंगू के मरीजों के इलाज की सुविधा मिल सकती है।

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सिविल अस्पताल में डेंगू पनपने का खतरा

सिविल अस्पताल में सफाई की व्यवस्था को लेकर लापरवाही खुलेआम सामने आ रही है। जच्चा बच्चा सेंटर के नजदीक डीएमसी आफिस की तरफ जाने वाले रास्ते में कई दिनों से साफ पानी खड़ा है। जहां डेंगू पनपने का पूरा खतरा है। समस्या का समाधान करने की बजाय अस्पताल प्रशासन आंखें मूंद कर बैठा है।


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