वॉकथन से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान व रेडियो सिटी के तत्वावधान में पर्यावरण संरक्षण व नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए वॉकथन का आयोजन किया गया। वॉकथन में शामिल लोगों ने पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण व नशा मुक्ति का संदेश दिया।
जागरण संवाददाता, जालंधर : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान व रेडियो सिटी के तत्वावधान में पर्यावरण संरक्षण व नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए वॉकथन का आयोजन किया गया। वॉकथन में शामिल लोगों ने पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण व नशा मुक्ति का संदेश दिया।
साईदास स्कूल के खेल मैदान से शुरू हुए वॉकथन को सीपी प्रवीण कुमार सिन्हा ने हरी झंडी दिखाई। सीपी ने कहा कि शहर को गंदा करने वालों को टोकना सीखना होगा। आम तौर पर देखने में आता है कि लग्जरी गाड़ियों में सफर करने वाले राह चलते खाने पीने वाली चीजों के रैपर सड़क पर फेंककर अपने ही शहर को बदसूरत बना देते हैं, ऐसे लोगों को टोकना होगा, उन्हें बताना होगा, वे पढ़कर भी अनपढ़ हैं, उनकी पढ़ाई बेकार है।
संस्था के पदाधिकारी हवा में गुब्बारे उड़ाकर उन पर लटकी तख्तियों के माध्यम से पर्यावरण सुरक्षा व जल संरक्षण का संदेश देना चाहते थे। सीपी ने नसीहत दी कि गुब्बारे हवा में रहने के बाद फूटकर जमीन पर गिरेंगे और वातावरण को प्रदूषित करेंगे, ऐसे में ये परंपरा बंद होनी चाहिए। मंच पर मौजूद संस्थान के स्वामी विश्वानंद व स्वामी उमेशानंद जी ने पुलिस कमिश्नर का ये प्रस्ताव सहज स्वीकार कर लिया।
रैली में सबसे आगे छोटे बच्चे पेड़, वन्य व जल प्राणियों का रूप धारण करके चल रहे थे। वे संदेश दे रहे थे कि लगातार प्रदूषित हो रहे वातावरण से वन्य प्राणी व पानी में रहने वाले जीव-जंतुओं की ¨जदगी खतरे में है। आने वाली पीढि़यों को सुरक्षित रखना है तो अभी से हमें पर्यावरण सुरक्षा के साथ ही जल संरक्षण भी करना होगा। इस मौके पर करतारपुर क्षेत्र के विधायक चौधरी सु¨रदर ¨सह, एसएसपी देहाती नवजोत ¨सह माहल, आईएमए के अध्यक्ष डॉ. मुकेश अग्रवाल, रेडियो सिटी की प्रोग्रा¨मग हेड सीमा सोनी भी मौजूद थीं। उल्टी छतरी थामकर दिया 'सेव रेन वाटर' का संदेश
रैली में उल्टे छाते पर सेव रेन वाटर का संदेश देते हुए युवतियां चल रहीं थी। हाथों में पकड़े छातों को उन्होंने गोल तलाब के रूप में परिवर्तित किया था, जो संदेश दे रहा था कि बारिश की हर बूंद बचाएं, ताकि लगातार गिरते जा रहे भू जलस्तर को रोका जा सके, तभी बढ़ते जल संकट से छुटकारा मिल करता है। उनके ठीक पीछे जल संरक्षण के संदेश के साथ ही सिर पर मटके लेकर महिलाएं चल रहीं थी। मध्य भाग में कुछ नौजवान नो ड्रग्स का संदेश देने वाली तख्तियां हाथ में लेकर चल रहे थे। ये थी खासियत
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अंत में सफाई करते चल रहे थे संस्थान के वर्कर
वॉकथन की खास बात ये थी कि सबसे अंत में वॉकथन मार्ग की सफाई करते हुए संस्थान के कार्यकर्ता चल रहे थे। साथ ही डस्टबिन लेकर टेंपो चल रहा था। रास्ते में पानी आदि पीकर जो लोग सड़क पर ही प्लास्टिक ग्लास फेंक रहे थे, पीछे चल रही सफाई करने वाली टोली उन्हें साथ-साथ साफ करते हुए डस्टबिन में डाल रहे थे। शहर के लिए ये बड़ा संदेश था।