पांच माह मरीजों की सेवा करने के बाद वेतन को मोहताज वॉलंटियर
करीब 104 वालंटियर्स तकरीबन पांच माह मरीजों की सेवा करने के बाद वेतन से मोहताज हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर: कोरोना के मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए दिहाड़ी पर नियुक्त किए करीब 104 वालंटियर्स तकरीबन पांच माह मरीजों की सेवा करने के बाद वेतन से मोहताज हैं। जिला प्रशासन व सेहत विभाग कन्नी कतरा रहा है और वालंटियर्स हवा में अटके हुए हैं। अब अधिकारी टाल मटोल कर रहे हैं। वेतन के लिए संघर्ष के बावजूद भटकना पड़ रहा हैं। शुक्रवार को पंजाब बंद के दौरान 80 के करीब वॉलंटियर्स सिविल सर्जन और डीसी आफिस पहुंचे परंतु उन्हें निराश लौटना पड़ा। वॉलंटियर्स का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नही है की उनकी सेवाएं जारी है या नहीं। सिविल सर्जन के साथ मुलाकात में उन्होंने सेवाओं से मुक्त करने की बात डीसी ऑफिस पर डाल दी और जब डीसी ऑफिस में पहुंचे तो उन्होंने टाल मटोल कर सिविल सर्जन पर बात डाल कर निराश कर वापस भेज दिया।
वॉलंटियर्स ने कहा कि सिविल अस्पताल में केवल आठ वॉलंटियर्स से सेवाएं ली जा रही हैं। उनकी नियुक्ति भी नीतियों को ताक पर रख कर करने के आरोप लगाए हैं। वहीं वेतन बनाने के लिए डॉक्टरों को खुद अपने अपने बिल तैयार कर जमा करवाने की बात कह कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा हैं। अधिकारी वेतन के लिए उन्हें इधर उधर भटका रहे हैं। उनकी नियुक्ति रोजाना ड्यूटी करने के बाद वेतन देने की बात कही थी। सिविल सर्जन डॉ. गुरिदर कौर चावला ने कहा कि वॉलंटियर्स को वेतन की अदायगी के लिए जिला प्रशासन तथा सेहत विभाग के आला अधिकारियों से तालमेल किया जा रहा है। उन्होंने जल्द ही समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया।