प्रेजिडेंट को अतिरिक्त चार्ज, मेंबर का पद खाली, हक मिलने में देरी
जिला प्रशासकीय परिसर में चल रहे उपभोक्ता फोरम में लंबे समय से सदस्य का एक पद खाली है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : देश में भले ही संशोधित उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू कर दिया गया, लेकिन व्यवस्थागत कमियों के आगे प्रभावी होना संभव नजर नहीं आ रहा। यहां जिला प्रशासकीय परिसर में चल रहे उपभोक्ता फोरम में लंबे समय से सदस्य का एक पद खाली है। बड़ी दिक्कत है कि फोरम प्रेजिडेंट की पक्के तौर पर तैनाती नहीं है। इसके चलते लोगों को अपने हक लेने में काफी समय लग जा रहा है।
कपूरथला फोरम में तैनात प्रेजिडेंट करनैल सिंह को ही जालंधर का चार्ज दिया है। वे वह सोमवार से बुधवार यहां सुनवाई करते हैं और बाकी दो दिन कपूरथला में। ऐसे ही फोरम में मेंबरों के दो पद हैं, लेकिन यहां सिर्फ एक ही मेंबर ज्योत्सना है। दूसरा पद खाली पड़ा है। वैसे तो प्रेजिडेंट व एक सदस्य से कोरम पूरा हो जाता है और शिकायतों पर सुनवाई हो जाती है, लेकिन जिस दिन इकलौता सदस्य ही नहीं आता, उस दिन सुनवाई भी नहीं कर सकते। यही वजह है कि फोरम में करीब 900 शिकायतें पेंडिग पड़ी हैं।
फैसले में होगी देरी: एडवोकेट सांपला
एडवोकेट एचएस सांपला कहते हैं कि संशोधित कानून में उपभोक्ता को जो हक दिए गए हैं, वो सराहनीय हैं। पर्याप्त पदाधिकारी न होने से फैसले लेने में जरूर समय लग सकता है। उपभोक्ता अपना केस लगा सकेगा। पहले 20 लाख से एक रुपया ज्यादा होने पर स्टेट कंज्यूमर फोरम जाना पड़ता था, लेकिन अब एक करोड़ तक की सुनवाई से उपभोक्ता को राहत मिली है। हालांकि सरकार को हर जिले को प्रेजिडेंट देना चाहिए, ताकि उपभोक्ता को हक जल्दी मिले।