उत्तराखंड त्रासदी के बाद जालंधर में रह रहे मूल निवासियों के माथे पर चिता की लकीरें
उत्तराखंड के चमोली क्षेत्र में ऋषि गंगा बांध टूटने से 150 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। घटना की सूचना फैलते ही जालंधर में रह रहे उत्तराखंड के मूल निवासियों के माथे पर चिता की लकीरें खिच गई है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : उत्तराखंड के चमोली क्षेत्र में ऋषि गंगा बांध टूटने से 150 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। घटना की सूचना फैलते ही जालंधर में रह रहे उत्तराखंड के मूल निवासियों के माथे पर चिता की लकीरें खिच गई है। उत्तराखंड निवासी पीड़ित परिवारों को केंद्र सरकार की तरफ से सहयोग दिए जाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही उनके पुनर्वास को लेकर प्रयास किए जाने की जरूरत उन्होंने बताई इस संबंध में 'दैनिक जागरण' ने जानी उत्तराखंड के मूल निवासियों की राय। केंद्र सरकार घोषित करे राहत पैकेज : उन्याल
देवी प्रसाद उन्याल बताते हैं कि उत्तराखंड में हुई घटना के पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार को जल्द से जल्द राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। घटना से हुए जानी नुकसान की भरपाई तो कभी नहीं की जा सकती, लिहाजा पीड़ित परिवार को राहत पैकेज देकर किसी हद तक जख्म पर मरहम जरूर लगाया जा सकता है। पुनर्वास का प्रबंध करें सरकार : समवाल
मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले दविंदर समरवाल बताते है कि कुदरती प्राकृतिक आपदा का शिकार हुए लोगों का सब कुछ बर्बाद हो गया है। ऐसे में उनके पुनर्वास के लिए सरकार को व्यापक स्तर पर प्रबंध करने चाहिए। इसके लिए सरकार को जल्द से जल्द राहत को लेकर घोषणा करनी चाहिए। भविष्य में ऐसी घटना न हो इसलिए योजना बनाई जाए : पोखरियाल
कुलभूषण पोखरियाल बताते हैं कि कुदरती आपदा के आगे हर कोई बेबस है लेकिन भविष्य में इस तरह की घटना ना हो इसके लिए योजना तैयार किए जाने की जरूरत है। इसमें जल बहाव वाले इलाकों से माननीय प्रबंधों को दूर रखना सबसे जरूरी है। आपदा प्रबंधन के इंतजाम पुख्ता हो : गोसाईं
लोकेंद्र गोसाईं बताते हैं कि चमोली में हुई घटना चिताजनक है। भले ही उनके रिश्तेदार चमोली इलाके में नहीं रहते लेकिन उत्तराखंड में रहने वाला हर नागरिक उनके पारिवारिक सदस्य की तरह है। वहां पर हुई प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम किए जाने की जरूरत है। इन हालातों में मदद नहीं जिम्मेदारी समझें : जोशी
मूल रूप से उत्तराखंड के चमोली के ही रहने वाले सुभाष जोशी बताते है कि जब से घटना की सूचना मिली तब से मन उदास है। प्राकृतिक आपदा के आगे हर कोई बेबस है। लेकिन इस घटना के बाद से सरकार को सबक जरूर लेना चाहिए। ऐसे में सरकार को उजड़े हुए परिवारों को आश्रय देना होगा। इन हालातों के बीच सबसे जरूरी पीड़ित लोगों के परिजनों को हौसला देते हुए उनके लिए व्यापक स्तर पर प्रबंध किए जाना है। सरकार को जल्द से जल्द इन हालातों से निपटने का प्रबंध करना चाहिए।