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खतरे में आपके बच्‍चों की जान, हो जाएं सावधान, स्‍कूली बसों की ऐसी हालत से न रहें अनजान Jalandhar News

संगरूर में हुए दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आदेश पर स्कूली बसों के खिलाफ शुरू की गई मुहिम दो दिन बाद ही दम तोडऩे लगी है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 01:35 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 03:58 PM (IST)
खतरे में आपके बच्‍चों की जान, हो जाएं सावधान, स्‍कूली बसों की ऐसी हालत से न रहें अनजान  Jalandhar News
खतरे में आपके बच्‍चों की जान, हो जाएं सावधान, स्‍कूली बसों की ऐसी हालत से न रहें अनजान Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। संगरूर में हुए दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आदेश पर स्कूली बसों के खिलाफ शुरू की गई मुहिम दो दिन बाद ही दम तोडऩे लगी है। दैनिक जागरण की टीम ने ट्रैफिक पुलिस और आरटीए की ओर से की गई सख्ती को जमीनी स्तर पर जांचने के लिए वीरवार को मुआयना किया।

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इस दौरान एक स्कूली बस नंबर पीबी-08-बीक्यू-9683 दिखी। जांच की तो पता चला कि इसकी रजिस्ट्रेशन अक्टूबर 2010 में हुई जबकि फिटनेस अक्टूबर 2011 में हो चुकी है। यही नहीं टैक्स भी सितंबर 2016 तक भरा था अाैर कागजों में इसका असली रंग सफेद दर्ज है, लेकिन इसे पीला रंग करके चलाया जा रहा है। यह बस वीरवार दोपहर साढ़े 12 बजे डिफेंस कालोनी स्थित सेंट जोसेफ स्कूल से बच्चों को लेकर निकली।

स्कूल के बाहर ही लगे पीसीआर के नाके के बाद डिफेंस कालोनी के बीच से गुजरते हुए गढ़ा रोड पार कर छोटी बारादरी की तरफ निकल पड़ी। इसके बाद वह आगे ज्योति नगर मार्केट से होते हुए पीपीआर मॉल के सामने से गुजरते हुए मिठापुर रोड से वडाला चौक तरफ चली गई। इस दौरान रास्ते में ना तो पुलिस का काई नाका था और ना ही प्रशासन के किसी अन्य विभाग की कोई टीम स्कूल बसों की चेकिंग के लिए मिली।

बस में सवार थे 15 बच्चे

बस में 15 नन्हे स्कूली छात्र सवार थे। वह तो बच्चे हैं, वह नहीं जानते कि वह जिस वाहन में रोज घर से स्कूल जाते-आते हैं वह तो सड़क पर चलने के लिए फिट ही नहीं हैं। उक्त बस की हालत ऐसी है कि रजिस्ट्रेशन के एक साल बाद से ही उसके मालिक ने उसका फिटनैस चैक करवाना जरूरी नहीं समझा।

पुलिस के नाकों के पास गुजरी बसें, नहीं रोकी गई

इसी तरह डिफेंस कॉलोनी स्थित स्कूलों से बच्चों को मिठापुर व उसके पास इलाकों में छोडऩे जाने के लिए निकली बसें मॉडल टाउन से गुजरती रहीं। मॉडल टाउन गीता मंदिर के पास रोज की तरह नाकाबंदी थी। इसके बावजूद किसी पुलिस मुलाजिम ने बस को रोक उसके कागज जांचने जरूरी नहीं समझे। संगरूर कांड के बाद प्रशासन व पुलिस द्वारा दो दिन की गई कार्रवाई खानापूर्ति जैसी ही लग रही है। 

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