विवादों में घिरा सूर्या एन्क्लेव का पार्क, ट्रस्ट ने नोटिस भेज पूछा बिना इजाजत कैसे बनाया Jalandhar News
जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने कहा कि उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले यह जमीन ऑक्शन में शामिल थी। रिजर्व प्राइस 70 करोड़ रुपये था। इस पर कोई निर्माण नहीं किया जा सकता है।
जालंधर, जेएनएन। सूर्या एन्क्लेव के गेट के पास खाली पड़ी जमीन पर पार्क डेवलप करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने पार्क डेवलप कर रही सूर्या एन्क्लेव वेलफेयर सोसायटी को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। ट्रस्ट के चेयरमैन दलजीत सिंह आहलुवालिया ने कहा कि करीब पांच एकड़ की इस बेशकीमती जमीन पर पार्क डेवलप करना गलत है। उन्होंने कहा है कि ट्रस्ट की मंजूरी के बिना इसे पार्क में कैसे बदला गया। उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले यह जमीन ऑक्शन में भी शामिल की गई थी। इस कॉमर्शियल प्रॉपर्टी की रिजर्व प्राइज 70 करोड़ रुपये रखी गई थी। चेयरमैन ने कहा कि इस विवादित जमीन पर कोई भी एक्टिविटी नहीं करने दी जाएगी।
डेढ़ साल पहले जब नीलामी तय की गई थी तो सूर्या एन्क्लेव वेलफेयर सोसायटी ने एतराज जताया था। इसके बाद नीलामी रोक दी गई थी। सोसायटी के प्रवक्ता राजीव धमीजा का कहना है कि स्कीम में इस जमीन को पार्क दिखाया गया था। इसी कारण प्रॉपर्टी तेजी से बिकी थी। अगर सोसायटी इसे अपने खर्च पर डवलप कर रही है तो इस पर ट्रस्ट को एतराज नहीं होना चाहिए। हमें ट्रस्ट का नोटिस अभी तक नहीं मिला है। नोटिस मिलने पर जवाब देंगे।
सांसद चौधरी और विधायक बेरी ने किया था उदघाटन
सूर्या एन्क्लेव में इस जमीन पर पार्क डवलप करने का उद्घाटन सांसद चौधरी संतोख सिंह और विधायक राजिंदर बेरी ने किया था। ट्रस्ट के चेयरमैन आहलुवालिया प्रोग्राम में शामिल नहीं हो पाए थे।
रेलवे स्टेशन के नॉर्थ गेट के लिए जमीन ट्रांसफर करने को मंजूरी, 20 करोड़ मिलेंगे
स्थानीय निकाय विभाग ने रेलवे स्टेशन के नॉर्थ एंट्री गेट के लिए 3333 वर्ग गज जमीन ट्रांसफर करने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए 60 हजार रुपये वर्ग गज रेट तय किया गया है। इससे ट्रस्ट को करीब 20 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसकी जानकारी अब रेलवे को दी जाएगी। रेलवे जमीन खरीदने के लिए ट्रस्ट को प्रपोजल देगा, जिसके बाद ट्रस्ट जमीन ट्रांसफर करेगा।
पावर को लेकर चेयरमैन और ईओ में विवाद
रजिस्ट्री और लैंड ट्रांसफर की पावर को लेकर चेयरमैन दलजीत सिंह आहलुवालिया और ईओ सुरिंदर कुमारी में विवाद नजर आ रहा है। ईओ प्लाटों की ट्रांसफर और रजिस्ट्री कर रही हैं जबकि चेयरमैन ने कहा है कि ईओ को यह अधिकार नहीं दिए गए हैं। इस पर ईओ ने कहा कि उन्हें किसी से यह अधिकार लेने की जरूरत नहीं है। वर्ष 2016 के सरकारी आदेशों के मुताबिक उनके पास यह अधिकार पहले से हैं। वह प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री और ट्रांसफर कर सकती हैं। वहीं चेयरमैन ने कहा है कि ईओ को सिर्फ सैलरी, बिजली बिल, वकीलों की फीस, अलाटी को पेमेंट के अधिकार ही दिए गए हैं।