पहली बार सावन पर पांच 'एस' का अदभुत संयोग
भगवान शिव का नाम भी 'एस' से होता है शुरू।
शाम सहगल, जालंधर
सावन माह यानि शिव के भक्तों का माह। इस महीने भक्त पूरे भक्ति भाव से शिव की पूजा में लीन हो जाते हैं और दूध दही और बेलपत्र से प्रभु की पूजा करते हैं। लेकिन इस सावन माह में पिछले सावन की तुलना में कुछ अलग है जो आपको हैरान कर देगा।
दरअसल सावन माह पर पहली बार पांच 'एस' का अदभुत संयोग बना है। यही नहीं, शिव पूजा के लिए अति महत्वपूर्ण माने जाते सोमवार के दिन ही सावन माह का आगाज हुआ है। जिसे ज्योतिष ज्ञान के माहिर शिव भक्तों के लिए शुभ मानते है। दरअसल, सोमवार को शुरू हुई सावन की सक्रांति पर पांच 'एस' का अदभुत संयोग बना है। जिसके तहत एस से सोमवार, एस से 16 तारीख, एस से सावन माह, एस से वर्ष का सातवां माह तथा एस से सक्रांति नाम लिया जाता है। इस बारे में श्री गोपीनाथ मंदिर, सर्कुलर रोड के पुजारी पंडित दीनदयाल शास्त्री बताते है कि भगवान शिव का नाम भी 'एस' से शुरू होता है। ऐसे में इन पांच 'एस' का सुमेल शुभ संकेत दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस माह में मादक पदार्थो के सेवन तथा विकारों से दूर रहना चाहिए। इसी तरह प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी पंडित तुलसी दास बताते है कि पांच एस का सुमेल सावन माह के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि सावन माह में रोजाना भगवान शिव की पूजा तथा शिव¨लग पर जलाभिषेक करना चाहिए। पूरे भक्तिभाव से इस माह शिव की आराधना करने का बहुत महात्म है और ऐसा करने से असीम सुख और शांति की प्राप्ति होती है।