Jalandhar Under Curfew: किसी का घर बना ऑफिस, कोई परिवार संग बिता रहा दिन
देश में 21 दिन के लॉकलाउन ने सबका जीवन बदल दिया है। बिजनेसमैन नेता या आम आदमी हर कोई घर में रहकर खुद नई परिस्थितियों के अनुरूप ढालने में लगा है।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना वायरस संकट के बीच लगे कर्फ्यू ने लोगों की दिनचर्या बदल दी है। बिजनेसमैन, नेता या आम आदमी, हर कोई घर में रहकर खुद नई परिस्थितियों के अनुरूप ढालने में लगा है। जीवनशैली में बदलाव को लेकर हमने शहर के कुछ प्रतिष्ठित लोगों से बातचीच की। आइए जानते हैं वे कैसे बिता रहे हैं घर में अपना समय।
क्रॉमवेल इमीग्रेशन के डायरेक्टर गौरव गुप्ता और सुरीति गुप्ता बताते हैं कि उनका पूरा काम स्टडी वीजा और इंटरनेशनल फ्लाइट्स से जुड़ा है। यह सर्विस फिलहाल दुनिया भर में सस्पेंड हैं। इससे विदेश में पढ़ने के इच्छुक स्टूडेंट्स का प्रेशर भी बढ़ा है। ऐसे में वे घर से ही अपने क्लाइंट्स के साथ जुड़े हैं। गौरव व सुरीति का कहना है कि अब बच्चे भी घर पर हैं तो शेड्यूल ऐसे बनाना पड़ता है कि बेटी तान्या और बेटा विवान अपनी स्टडी भी कर सकें। बच्चों को व्यस्त रखने का भी प्लान साथ ही बनाना पड़ता है। स्टडी वीजा सस्पेंड होने के बावजूद स्टूडेंट्स लगातार फोन पर ही संपर्क कर रहे हैं।
यह भी है कि जब हालात सामान्य होंगे तो काम का फ्लो एकदम से बढ़ेगा। इसलिए जिन स्टूडेंट्स ने बाहर जाने का मन बना लिया है उन्हें फाइल के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट भेज रहे हैं। इसमें स्टाफ मेंबर भी काम कर रहे हैं। सारा दिन लैपटाप और फोन पर काम निपटाने में निकल जाता है। यही कोशिश है कि फाइलों को काम 50 प्रतिशत तक अब निपटा लिया जाए ताकि ऑफिस खुलने पर एक दम भार न पड़े। अब घर ही रहना है तो इतना जरुर है कि अब तीनों समय खाना पूरा परिवार इकट्ठा खाता है। बच्चों के साथ कई गेम्स खेल कर काम का तनाव भी दूर कर लेते हैं।
जीवनशैली में आया बदलाव
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लगे कफ्यरू के दौरान लोगों की जीवनशैली में बदलाव हो रहा है। कुछ ऐसा ही बदलाव स्पोर्टिक्स सिंडीकेट के एमडी अलकेश कोहली की जीवनशैली में भी आया है। अलकेश विश्व भर में रग्बी, फुटबॉल व खेल का अन्य सामान निर्यात करते हैं।
अलकेश बताते हैं कि ऑफिस के कार्य को देखने के लिए घर के कमरे को ऑफिस की रूपरेखा दे दी है। विदेशी पार्टियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये जुड़े रहते हैं। खास बात है कि इन दिनों अपने परिवार को पूरा समय दिया जा रहा है। पहले ऑफिस के कार्य में अधिक व्यस्त होने की वजह से परिवार के लिए समय नहीं निकल पाता था। अब वे सुबह छह बजे उठकर एक्सरसाइज करते हैं और ग्रीन टी पीते हैं। नौ बजे ब्रेकफास्ट के बाद तीन-चार घंटे ऑफिस का काम देखते हैं। इसी बीच फ्रूट खाते हैं। दोपहर दो बजे परिवार के साथ लंच करने के बाद उन्ही के साथ इंडोर गेम्स का मजा लेते हैं। शाम को कुछ समय निकालकर योग व मेडिटेशन करते हैं। जालंधर से हिमाचल के पहाड़ दिखने शुरू होने का मतलब यह है कि लोग प्रकृति से खिलवाड़ न करें। भागदौड़ वाली जिंदगी को थोड़ा विराम चिन्ह लगाना चाहिए। कारोबार के साथ-साथ पारिवारिक सदस्यों के साथ अधिक से अधिक समय बिताना चाहिए।
वार्ड के लोगों की देखरेख में जुटी पार्षद रीना और उनके पति
वार्ड 59 की पार्षद रीना कौर और उनके पति परमजीत सिंह पम्मा के शेड्यूल का बड़ा हिस्सा जनता की सेवा से जुड़ा है। रीना कौर और पम्मा लोगों की मदद के लिए लगातार गली-गली जा रहे हैं। पम्मा ने कहा कि जरूरतमंदों को राशन मुहैया करवाने में पार्टी-प्रशासन, दोस्तों का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने अपील की है कि मुश्किल की इस घड़ी में सिर्फ वही लोग मदद लें जो इस समय तंगी से गुजर रहे हैं। ऐसा ना हो कि जिन लोगों को जरूरत है, उन तक पूरी मदद न पहुंच पाए। रीना कौर का कहना है कि कारोबार 14 अप्रैल तक बंद है। इसलिए पति पूरा समय वार्ड और परिवार के साथ ही रहते हैं। बेटा हरप्रीत सिंह और बहू शैफाली भी घर पर ही हैं और वार्ड में चल रही मुहिम की मॉनिटरिंग करने में सहयोग करते हैं। पम्मा ने कहा कि जब घर में होते हैं तो टीवी देखते हैं। वहां से दुनिया की जानकारी मिल जाती है। इकट्ठे बैठते हैं तो आपस में कारोबार और वार्ड की स्थिति को लेकर भी चर्चा होती है। परिवार अब एक साथ रहने का मौका मिल रहा है तो खाना भी एक साथ खाते हैं।
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