Move to Jagran APP

आढ़तियों की हड़ताल व किसानों के विरोध के बीच निर्विघ्न करवाया खरीद का काम

आढ़तियों की हड़ताल व फसल की सीधी अदायगी को लेकर किसानों के विरोध के चलते गेहूं की खरीद का काम पूरा करवाना किसी चुनौती से कम ना था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 06:45 AM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 06:45 AM (IST)
आढ़तियों की हड़ताल व किसानों के विरोध के बीच निर्विघ्न करवाया खरीद का काम
आढ़तियों की हड़ताल व किसानों के विरोध के बीच निर्विघ्न करवाया खरीद का काम

शाम सहगल, जालंधर

loksabha election banner

कोरोना का कहर दूसरे वर्ष भी जारी है। इस बीच इस बार आढ़तियों की हड़ताल व फसल की सीधी अदायगी को लेकर किसानों के विरोध के चलते गेहूं की खरीद का काम पूरा करवाना किसी चुनौती से कम ना था। लाकडाउन के चलते नौकरी से हाथ धो बैठे गरीब व जरूरतमंद परिवारों तक फ्री राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी और कोरोना पीड़ितों को राशन की किट मुहैया करवाना प्राथमिकता के आधार पर लागू करवाने की जिम्मेदारी। बावजूद इसके जिले के डीएफएससी (डिस्ट्रिक्ट फूड व सिविल कंट्रोलर) नरेंद्र सिंह ने इसे बाखूबी निभाया। इसके लिए भले उन्हें दिन-रात सेवाएं देनी पड़ी हो या फिर छुट्टी वाले दिन आफिस पहुंचकर काम निपटाना पड़ा हो। वह पीछे नहीं हटे। जिम्मेदारी का यह सफर इस बार भी बरकरार है। 'दैनिक जागरण' के साथ विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि सफर कोई भी मुश्किल नहीं होता, जरूरत है केवल सही रास्ता अख्तियार करने की।

नरेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग के स्टाफ ने हर परिस्थिति में साथ दिया। बात भले ही कोरोना काल में आफिस से बाहर निकलकर अस्पतालों में राशन किट मुहैया करवाने की रही हो या फिर मंडियों में फसल की खरीद का काम पूरा करवाने की। स्टाफ के सदस्यों ने भी उनके साथ दिन-रात सेवाएं दी है। खासकर पंजाब सरकार की योजना के तहत कोरोना से पीड़ित परिवारों के घरों तक राशन की किट पहुंचा रहे इंस्पेक्टर भी खासे चुनौतीपूर्ण दौर में सेवाएं दे रहे हैं। पेश है बातचीत के मुख्य अंश:

-----------

- कोरोना काल में मंडियों तक कैसे लेकर आए किसान?

पिछले वर्ष कोरोना काल के बीच आढ़तियों ने बकाया राशि न देने के विरोध में हड़ताल की घोषणा कर दी। मजदूरों के पलायन करने के कारण मंडियों में लेबर की कमी भी सताने लगी। सबसे पहले किसानों को मंडी तक लेकर आना जरूरी था। इसके लिए विभाग ने मेहतपुर में किसानों के साथ संपर्क करके उन्हें खरीद के लिए बेहतर माहौल देने की पेशकश की। इसके तहत मंडी फसल लेकर आने वाले किसानों को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही गेहूं के वजन, नमी की मात्रा, बारदाने की उपलब्धता, कोरोना को लेकर जारी नियमों की सख्ती से पालना, खरीद का काम पूरा होते ही लिफ्टिंग का काम करवाने तथा समय से पहले किसानों को भुगतान करके उनका विश्वास जीता। पहली बार 100 से अधिक खरीद केंद्र बनाकर अपने गांव के नजदीकी सेंटर पर फसल बेचने की सुविधा देकर हालातों से पार लगाया।

- कैंटोनमेंट जोन वाले गांव में कैसे की खरीददारी ?

फसल की खरीद का काम शुरू होते ही भोगपुर के नजदीक पड़ते गांव तलवंडी में कोरोना के केस अधिक आने पर प्रशासन ने गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया। ऐसे में गांव के किसानों को फसल की बिक्री करने के लाले पड़ गए। इस बीच विभाग ने गांव के नजदीक खुले स्थान पर ही खरीद केंद्र बना दिया। यहीं पर तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाकर पूरे गांव के किसानों से फसल की खरीद की। - पुरानी योजनाओं के साथ कोरोना पीड़ितों तक कैसे पहुंचाई राशन किट?

कोरोना काल के बीच तमाम चुनौतियों के बावजूद आटा-दाल स्कीम पर आंच नहीं आने दी गई। इसके साथ ही इन्हीं कार्डों पर फ्री राशन देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को भी प्रभावी ढंग से लागू करवाया। इस बीच कोरोना पीड़ितों को पिछले साल की तरह राशन की किट विभाग के इंस्पेक्टर घर-घर पहुंचा रहे है। - वास्तविकता से दूर लोग, स्मार्ट कार्ड को प्रभावी ढंग कैसे करेंगे लागू ?

स्मार्ट कार्ड बनाने का मुख्य उद्देश्य अपने कोटे का राशन कहीं से भी लेने की आजादी है। लेकिन, गरीब व जरूरतमंद परिवार फिलहाल इसे समझ पाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में इसे प्रभावी ढंग से लागू करवाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। - राशन डिपो होल्डरों की मांगों पर क्यों नहीं दिया जा रहा ध्यान?

राशन डिपो होल्डरों द्वारा बायोमीट्रिक मशीनों के मार्फत राशन की बिक्री न करवाने की मांग की गई है। लेकिन, वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए देश भर में लागू इस सिस्टम में बदलाव संभव नहीं है। लिहाजा, राशन वितरण के साथ ही उन्हें मास्क व सैनिटाइजर जरूर मुहैया करवाए जा रहे है। इसके अलावा वेतन या फिर बीमा सहित मांगों को लेकर दिया गया मांगपत्र सरकार को भेज दिया गया है। - राशन वितरण के दौरान दरकिनार हो रहे कोविड-19 के नियम?

आटा-दाल व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन वितरित करने के दौरान अचानक से भीड़ पैदा हो जाती है। इसके लिए जिला प्रशासन के सहयोग से राशन वितरण के दौरान पुलिस बल तैनात किए जाने की योजना है। जिसे जल्द लागू करवाया जाएगा। - कालाबाजारी रोकने के लिए क्या कर रहा विभाग ?

पिछले वर्ष टीमें बनाकर खाद्य पदार्थों के अलावा मास्क व सैनिटाइजर बेचने वालों के खिलाफ छापामारी की गई थी। जिसमें कई दुकानदारों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए थे। यह मुहिम फिर से शुरू की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.