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स्टूडेंट्स को Swami Vivekananda का संदेश देता है उनके नाम से विख्यात वर्कशॉप चौक Jalandhar News

शहर के अहम कॉलेजों के बीच बने वर्कशॉप चौक में न सिर्फ स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित की गई है बल्कि उनके मूल संदेश को भी अंकित किया गया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 08:30 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 08:30 AM (IST)
स्टूडेंट्स को Swami Vivekananda का संदेश देता है उनके नाम से विख्यात वर्कशॉप चौक Jalandhar News

जालंधर, [शाम सहगल]। किसी भी संत या महापुरुष के आदर्शों को जीवित रखने के लिए उसके साहित्य का जिंदा रहना बहुत जरूरी है। इसे लेकर विश्व भर में संत महापुरुषों व महान हस्तियों की प्रतिमा लगाने व उनके नाम पर सड़क, चौक या पार्क आदि का नाम रखने की परंपरा रही है। इसी सोच को लेकर शहर के वर्कशॉप चौक का नाम ‘स्वामी विवेकानंद चौक’ रखा गया है। भले ही यह नाम रखे अभी साथ आठ वर्ष ही हुए हैं, लेकिन नई पीढ़ी व यहां से गुजरने वाले लोग अब वर्कशॉप को स्वामी विवेकानंद चौक के नाम से जानने लगे हैं। ऐसा स्वाभाविक भी है। कारण, इस चौक में न सिर्फ स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित की गई है बल्कि उनके मूल संदेश को भी अंकित किया गया है।
 

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भारत विकास परिषद व निगम का रहा संयुक्त प्रयास 

वर्कशॉप चौक का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद चौक रखने व इसका निर्माण करने में स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलने वाली व राष्ट्रीय स्तर की स्वयं सेवी संस्था भारत विकास परिषद तथा नगर निगम का संयुक्त प्रयास रहा। चौक में लगी स्वामी विवेकानंद की कांसे की विशाल प्रतिमा भारत विकास परिषद ने कलकत्ता से तैयार करवाई। चौक के  निर्माण व रख-रखाव की जिम्मेदारी निगम ने उठाई थी। निगम हाउस में इस चौक का नाम स्वामी विवेकानंद जी के नाम पर रखने के प्रस्ताव पर पक्ष व विपक्ष ने एक स्वर में अपनी सहमति दी थी। इसी कारण इस चौक का भव्य निर्माण किया गया।

शिक्षण संस्थाओं का केंद्र होने के कारण किया चयन

भारत विकास परिषद के डॉ. अनिल कालिया बताते हैं कि वर्कशॉप चौक शहर के शिक्षण संस्थाओं खासकर कालेजों का केंद्र है। यही कारण था कि इसका नाम स्वामी विवेकानंद जी के नाम पर रखने का फैसला लिया गया। डीएवी कॉलेज, एचएमवी कॉलेज, दयानंद आयुर्वैदिक कॉलेज व दयानंद मॉडल स्कूल सहित कई नामी शिक्षण संस्थान इसी चौक के आसपास है। इसके चलते स्टूडेंट्स का इस चौक से दिनभर गुजरना होता है। ऐसे में उनका ध्यान स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के साथ-साथ उनके उपदेशों की तख्त पट्टी पर भी पड़े, यही सोच कर इस चौक का चयन किया गया।
 

डॉ. कालिया के मुताबिक स्वामी विवेकानंद की कांस्य से निर्मित यह प्रतिमा विश्व में केवल पांच ही हैं। इनमें शहर के अलावा कोलकाता, दिल्ली, लंदन तथा एक अन्य राज्य में स्थापित की गई है। इनमें स्वामी विवेकानंद के चेहरे का तेज व व्यक्तित्व स्पष्ट झलकता है। इसके साथ ही प्रतिमा के आगे स्वामी विवेकानंद जी के संदेश का जिक्र किया गया है। जिस पर हर राहगीर की नजर टिकती है।

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