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प्री-पेड बिजली मीटर लगाने की योजना अधर में लटकी, जालंधर पावरकाम की पांच डिवीजन के पास नहीं पहुंचे मीटर

इसी वर्ष दस हजार मीटर खरीदने के लिए टेंडर लगाए थे। प्री-पेड मीटर योजना में देरी होने का कारण पावरकाम अधिकारी भी नहीं बता रहे है। पावरकाम ने 96 हजार स्मार्ट मीटरों के साथ दस हजार मीटर खरीदने के लिए टेंडर लगाए थे।

By Rohit KumarEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 04:45 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 04:45 PM (IST)
प्री-पेड बिजली मीटर लगाने की योजना अधर में लटकी, जालंधर पावरकाम की पांच डिवीजन के पास नहीं पहुंचे मीटर
योजना के मुताबिक मीटर सरकारी कार्यालयों में लगाए जाने थे।

जालंधर, कमल किशोर। पावरकाम की ओर से इस वर्ष प्री-पेड बिजली मीटर लगाए जाने की योजना अधर में लटक गई है। इस वर्ष उपभोक्ता को योजना का लाभ मिलना मुश्किल है। जालंधर पावरकाम की पांच डिवीजन के पास मीटर नहीं पहुंचे है। पावरकाम अधिकारियों को नहीं मालूम है कि हेड आफिस से बिजली मीटर कब आएंगे। इसी वर्ष दस हजार मीटर खरीदने के लिए टेंडर लगाए थे। प्री-पेड मीटर योजना में देरी होने का कारण पावरकाम अधिकारी भी नहीं बता रहे है। पावरकाम ने 96 हजार स्मार्ट मीटरों के साथ दस हजार मीटर खरीदने के लिए टेंडर लगाए थे। मीटर की खासियत यह थी कि मीटर प्री-पेड लगा होगा। पावरकाम के कार्यालय से रिचार्ज कूपन मिलना था। कूपन के सीरियल नंबर मीटर पर अंकित करने के साथ ही बिजली सुचारू हो जाएगी। जब रिचार्ज खत्म हो जाएगा, तो एक दिन पहले मीटर आवाज करने लगेगा। फिलहाल योजना के मुताबिक मीटर सरकारी कार्यालयों में लगाए जाने थे।

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मीटर का कनेक्शन पावरकाम के कार्यालय में होना था

प्री-पेड बिजली मीटर का कनेक्शन सीधे रूप से पावरकाम के कार्यालय से जुड़ा हुआ था। रिचार्ज खत्म होने पर यह दिन में तीन बार आवाज करेगा। जिससे उपभोक्ता को पता चल जाएगा कि कूपन खत्म होने जा रहा है। मीटर की खासियत यह भी होगी कि जैसे ही लोड से अधिक करंट आएगा तो मीटर खुद ट्रिप कर जाएगा। मीटर की कीमत 7500 रुपए के करीब बताई जा रही थी। मीटर उसी उपभोक्ता को मिलना था, जिसने पावरकाम से मांग करनी थी।

मीटर आने में देरी होने का कारण पता नहीं

पावरकाम के डिप्टी चीफ इंजीनियर हरजिंदर सिंह बांसल ने कहा कि फिलहाल प्री-पेड बिजली मीटर जालंधर सर्किल में नहीं पहुंचे है। मीटर आने में देरी होने का कारण पता नहीं है। अभी मीटर लगाने संबंधी हेड आफिस से कोई सूचना नहीं है। मीटर लगते है तो उपभोक्ता को फायदा होगा। पहल के आधार पर पहले प्री-पेड मीटर सरकारी कार्यालयों में लगाए जाने थे। 


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