वोट बैंक के लिए अवैध बस्ती काजी मंडी में रहने वालों को दे दी मुफ्त पानी व सीवरेज की सुविधा
काजी मंडी में विकास करवाने के लिए सरकारी ग्रांट भी जमकर खर्च की गई है। यहीं कारण है कि इन्हें हटाना अब काफी मुश्किल हो रहा है।
जालंधर, जेएनएन। रेल ट्रैक के पास बसी अवैध बस्ती काजी मंडी करीब 50 साल से राजनीतिक सिस्टम का फायदा उठाते हुए मुफ्त पानी व सीवरेज की सुविधा ले रही है। दरअसल, ये पूरी बस्ती सरकारी जमीन पर बनी है और जब भी कब्जा हटाने की कोशिश होती है तो राजनीतिक दबाव और वोट बैंक की राजनीति आड़े आ जाती है। इतना ही नहीं, काजी मंडी में विकास करवाने के लिए सरकारी ग्रांट भी जमकर खर्च की गई है। यहीं कारण है कि इन्हें हटाना अब काफी मुश्किल हो रहा है। यहां के लोगों को हटाने के लिए अब सरकार को अपने खर्च पर जमीन देनी पड़ रही है।
दरअसल काजी मंडी में स्लम आबादी आकर बसी थी। इनका जीवन स्तर ऊंचा करने के लिए इलाके में सीवरेज-वाटर सप्लाई की सुविधा दी गई। अब इसका खामियाजा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को भगतना पड़ रहा है। आज हालात ये हैं कि सूर्या एन्क्लेव से दोमोरिया पुल को जोड़ने के लिए बनाई जा रही 120 फुटी रोड कई सालों से अधर में लटकी है, क्योंकि सड़क की जमीन पर भी लोगों का कब्जा है।
ट्रस्ट देगा संतोषी नगर में प्लॉट
काजी मंडी की जमीन खाली करवाने के लिए जब-जब सरकार कदम उठाती थी तो राजनीतिक दबाव में काम रुक जाता था। अब 120 फुट रोड पूरी करने के लिए काजी मंडी के करीब 32 घरों को ढहाना है। इसके लिए इस जमीन पर रह रहे इन लोगों को मुआवजे के तौर पर संतोषी नगर में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दो-दो मरले के प्लाट देगा। बाकी घरों को कहां शिफ्ट किया जाना है इस पर अभी तो कोई निर्णय नहीं हुआ है।
स्लम एरिया डेवलपमेंट की ग्रांट से करवाया था काम : एसई
नगर निगम के एसई ओएंडएम सतिंदर कुमार का कहना है कि काजी मंडी में सीवरेज का काम काफी साल पहले स्लम एरिया डेवलपमेंट ग्रांट से करवाया गया था। यह सरकार की मर्जी से ही हुआ था। किसी भी व्यक्ति को पानी की सुविधा से भी वंचित नहीं किया जा सकता।