वन टाइम सेटेलमेंट के तहत सी-फॉर्म का मसला होगा खत्म!
वन टाइम सेटेलमेंट (ओटीएस) के तहत व्यापारियों के बीच लंबे अरसे से चल रहा सी फॉर्म का मसला वन टाइम सेटेलमेंट से हल होगा।
जागरण संवाददाता, जालंधर
वन टाइम सेटेलमेंट (ओटीएस) के तहत व्यापारियों के बीच लंबे अरसे से लटकते आ रहे सी-फॉर्म के मामलों को एक ही बार में हल करवा दिया जाएगा। विधानसभा हलका जालंधर सेंट्रल के विधायक राजिंदर बेरी ने कहा कि इस समय देश भर में ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो चुकी हैं कि व्यापारी वर्ग के लिए सी-फॉर्म टैक्सेशन विभाग को दे पाना संभव नहीं रह गया है। टैक्सेशन विभाग ने मीडिया में विज्ञापन देकर व्यापारी जगत को पहली सितंबर तक सी-फॉर्म जमा करवाने के लिए कहा है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि जो व्यापारी ऐसा नहीं कर पाएंगे, उन्हें पहली सितंबर के बाद ब्याज की भी अदायगी करनी होगी।
विधायक राजिंदर बेरी ने कहा कि देशभर के कई राज्यों ने व्यापारी वर्ग को राहत देते हुए सी-फॉर्म की समस्या हल कर दी है। जब देश के कई राज्य ऐसा कर सकते हैं, तो पंजाब में भी ऐसा ही होगा, ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके। व्यापारियों को सी-फॉर्म जमा करवाने के लिए अंतिम समय सीमा देने का तब कोई औचित्य नहीं रहेगा, जब सरकार से ही राहत दिला दी जाएगी। इस संबंध में उनकी सांसद चौधरी संतोख सिंह से भी बात हो चुकी है। संभवत: सांसद चौधरी मंगलवार को खेल उद्योग संघ संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ मुलाकात करेंगे। औद्योगिक संगठन कर रहे विरोध
खेल उद्योग संघर्ष समिति, जालंधर इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन, उद्योग नगर मैन्युफैक्चरिग एसोसिएशन, गदईपुर, फेडरेशन ऑफ जालंधर इंडस्ट्रियल एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन समेत अन्य व्यापारिक संगठन सरकार की तरफ से सी-फॉर्म जमा कराने को दी गई अंतिम समय सीमा का विरोध कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अंतिम समय सीमा एक साल बढ़ाने की मांग की है। तर्क यह दिया जा रहा है कि कोरोना के चलते देश के कई राज्यों में अभी लॉकडाउन जैसी स्थिति है। कई राज्य बाढ़ से जूझ रहे हैं और अभी तक परिवहन सेवाएं भी सामान्य नहीं हो सकी हैं। ऐसे हालात में अपने किसी प्रतिनिधि को अन्य राज्यों में सी-फॉर्म इकट्ठा करने के लिए भेजना संभव ही नहीं है।