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कूड़े से खाद बनाने के प्लांट के टेंडर लगाए, चारों हलकों मे लगाया जाएगा पायलट प्रोजेक्ट

दूसरी बार लगाए गए टेंडर में प्लांट लगाने के लिए चार कंपनियों ने ऑफर दी है। अगर इनके कागज ठीक निकलते हैं तो टेंडर की फाइनांशियल बिड ओपन की जाएगी।

By Edited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 10:05 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 03:53 PM (IST)
कूड़े से खाद बनाने के प्लांट के टेंडर लगाए, चारों हलकों मे लगाया जाएगा पायलट प्रोजेक्ट

जालंधर, जेएनएन। शहर के चारों हलकों में कूड़े से खाद बनाने के प्रोजेक्ट के टेंडर ओपन कर दिए गए हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चारों विधानसभा हलकों में एक-एक प्लांट लगाया जाना है। वेस्ट मैनेजमेंट के लिए निगम ने अब तय किया है कि जहां कूड़ा पैदा हो रहा है वहीं इसका निपटारा किया जाएगा। कूड़े को दूर डंप तक ले जाने का प्रोसेस खत्म किया जाना है। वीरवार को प्लांट लगाने के टेंडर की टेक्निकल बिड ओपन की गई है। दूसरी बार लगाए गए टेंडर में प्लांट लगाने के लिए चार कंपनियों ने ऑफर दी है। अगर इनके कागज ठीक निकलते हैं तो टेंडर की फाइनांशियल बिड ओपन की जाएगी। इसी से पता चलेगा किस कंपनी ने प्लांट लगाने के लिए कितनी कीमत बताई है।

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निगम के ओएंडएम विभाग के एसई सतिंदर कुमार ने बताया कि टेंडर के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों की कार्यप्रणाली के बारे में जांच में दस दिन लग सकते हैं। उन्होने कहा कि टेक्निकल बिड में कंपनियों को 300 से 400 कागज जमा करवाने होते हैं। इन्हें पढ़ने में समय लगेगा। नगर निगम ने नॉर्थ हलके में विकासपुरी, वेस्ट में बस्ती शेख डंप, कैंट में फोलड़ीवाल एसटीपी और सेंट्रल हलके के रामामंडी इलाके में प्लांट लगाने का फैसला किया है। वेस्ट मैनेजमेंट के लिए छोटे प्लांट काफी फायदे का सौदा हो सकते हैं। निगम फिलहाल पिट्स प्रोजेक्ट पर फोकस कर रहा है। प्लांट में कूड़ा साइट पर नहीं बचेगा और रोजाना आने वाले कूड़े को साथ ही प्रोसेस करके खाद में बदला जा सकेगा। इन प्लांट के लिए ज्यादा जगह की जरूरत भी नहीं होगी। इन प्लांटों में रोजाना दो टन कूड़े को खाद में बदला जाएगा। इस तरह हर माह चारों प्लाटों में 240 कूड़े को खाद में बदला जा सकेगा।

शहर से रोजाना निकल रहा 350 टन गीला कूड़ा

सिटी एरिया में रोजाना करीब 550 टन कूड़ा निकलता है। इसमें से खाद में बदलने जाना वाला कूड़ा करीब 350 टन होता है। इसकी प्रोसेसिंग के लिए निगम पिट्स प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। अब तक करीब 25 जगह पिट्स बनाना फाइनल किया गया है। इससे करीब 150 टन कूड़ा खाद में बदला जा सकता है। इन 25 लोकेशन पर करीब 600 पिट्स बनाई गई हैं। निगम को इतनी ही पिट्स और बनानी हैं। निगम अभी यह तय नहीं कर पाया है कि पहले तय की गई लोकेशन पर ही और पिट्स बनाई जाएं या नई लोकेशन तय की जाएं। अगर निगम वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगा लेता है तो निगम का काम आसान हो जाएगा। यह प्लांट डंप साइट पर ही लगाए जा सकते हैं।

वरियाणा डंप का कूड़ा खत्म करने के लिए प्री-बिड मीटिंग आज

वरियाणा डंप पर 50 साल से जमा हो रहे कूड़े को खत्म करने के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी के बायोमाइनिंग प्रोजेक्ट पर काम करने की इच्छुक कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ प्री-बिड मीटिंग शुक्रवार को चंडीगढ़ में होगी। इसमें कंपनियों के सवालों पर स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसर जवाब देंगे। 10 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट को चंडीगढ़ में ही हैंडल किया जाता है। वरियाणा डंप पर करीब सात लाख क्यूबिक टन कूड़ा है और इसे खत्म करने के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी ने करीब 68 करोड़ का टेंडर लगाया था।

स्वच्छता सर्वे पर निगम ने मांगा जनता से सहयोग

निगम के ज्वाइंट कमिश्नर हरचरण सिंह ने स्वच्छता सर्वे 2020 के लिए जनता से सहयोग मांगा है। उन्होंने ऑनलाइन सर्वे में जालंधर की रैंकिंग बढ़ाने के लिए अपील की है। ऑनलाइन में सर्वे में केंद्रीय विकास शहरी विकास मंत्रालय आठ सवाल पूछ रहा है और इनके जवाब से ही शहर की रैंकिंग पर असर पड़ेगा। ऑनलाइन सर्वे में केंद्रीय मंत्रालय ने पूछा है कि क्या आप 2020 सर्वे के बारे में जानकारी रखते हैं, क्या आपके घरों के आसपास सफाई है। क्या शहर के कामर्शियल इलाकों में सफाई व्यवस्था ठीक है, क्या आपके इलाके में कूड़ा उठाने वाले ने यह कहा है कि आप गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग दें।

ऑनलाइन सिर्फ कूड़े पर ही सवाल नहीं किए गए हैं बल्कि पूछा गया है कि सड़कों के डिवाइडरों पर लगे पौधे ठीक हैं। सार्वजनिक शौचालय की स्थिति क्या है, क्या शहर को खुले में शौचमुक्त स्टेटस मिलने की जानकारी आपको भी है। कूड़ा मुक्त शहर के लिए होने वाली रेटिंग के बारे में जानकारी रखते हैं या नहीं। इन सवालों के जवाब भी स्वच्छता सर्वे की रैंकिग पर असर डालेंगे।


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