सूर्या एन्क्लेव आवंटीज का बड़ा फैसला, नहीं देंगे इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को इन्हांसमेंट राशि
सूर्या एन्क्लेव के आवंटियों ने जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को इन्हांसमेंट राशि देने से स्पष्ट इनकार कर दिया है।
जासं, जालंधर : सूर्या एन्क्लेव के आवंटियों ने जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को इन्हांसमेंट राशि देने से स्पष्ट इनकार कर दिया है। रेजीडेंट्स ने रविवार को चारों ब्लॉकों में अलग-अलग बैठकों कर यह फैसला लिया। लोगों ने कहा पहले ट्रस्ट के अधिकारी स्पष्ट करें कि जब उन्होंने किसानों से 110 एकड़ जगह एक्वायर की है तो इन्हांसमेंट 170 एकड़ जमीन पर क्यों। अगर नहीं तो 60 करोड़ रुपये की राशि किन लोगों की जेब में जानी है, जब तक इस सवाल का जवाब नहीं मिलेगा तब तक इन्हांसमेंट नहीं देंगे।
आवंटियों ने कहा कि अगर ट्रस्ट ने जबरदस्ती की तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार किसानों को इन्हांसमेंट का भुगतान 19.20 करोड़ किया जाना है तो सूर्या एन्क्लेव के आवंटियों से 40 करोड़ की वसूली क्यों?
सूर्या एन्क्लेव वेलफेयर सोसायटी ने रविवार को कॉलोनी के सभी ब्लॉकों में जाकर नुक्कड़ मीटिंग की। ट्रस्ट के प्रधान ओमदत्त शर्मा ने बताया कि ट्रस्ट ने कई साल पहले बेचे प्लाटों की अतिरिक्त कीमत वसूली के नोटिस तैयार कर लिए हैं। चारों ब्लॉक की बैठकों में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि सांसद संतोख चौधरी और विधायक राजिंदर बेरी के सामने रखेंगे।
उन्होंने चुनाव में वादा किया था कि जमीनों की आवंटियों को अतिरिक्त कीमत नहीं देनी पड़ेगी। अगर जनप्रतिनिधियों ने अपने वादे पर अमल नहीं किया तो आवंटी संयुक्त रूप से ट्रस्ट के फैसले के खिलाफ अदालत में जाएंगे, लेकिन किसी भी कीमत पर अन्याय नहीं सकेंगे।
कमाई क्यों दें : पार्षद:
भाजपा पार्षद शैली खन्ना का कहना है कि ट्रस्ट को खुद निकाय मंत्री सार्वजनिक रूप से भ्रष्ट कह चुके हैं। सूर्या एन्क्लेव से गैस कनेक्शन के नाम पर आवंटियों से वसूली राशि कौन खा गया किसी को नहीं पता। ट्रस्ट हिसाब-किताब देने को तैयार नहीं है। इस स्थिति में भ्रष्टाचार के लिए आवंटी मेहनत की कमाई क्यों ट्रस्ट को दें।यहां पर फंसा है पेचट्रस्ट की ईओ सुरिंदर कुमार की कहना है कि ट्रस्ट को 105 करोड़ रुपये के इन्हांसमेंट का भुगतान करना है। ये भुगतान 170 एकड़ सूर्या एन्क्लेव, 70.5 एकड़ महाराजा रणजीत सिंह एवेन्यू व 74.9 एकड़ इंडस्ट्रियल एरिया सहित तीन प्रोजेक्ट से वसूली जानी है।