Move to Jagran APP

भगवान राम क्रोधित हुए तो सागर देव ने की क्षमा याचना

श्री देवी तलाब मंदिर परिसर में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 09:40 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 09:40 PM (IST)
भगवान राम क्रोधित हुए तो सागर देव ने की क्षमा याचना

जागरण संवाददाता, जालंधर : श्री देवी तलाब मंदिर परिसर में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। मंगलवार राम भक्त मदन लाल गुप्ता ने प्रवचन करते हुए कहा कि लंका पहुंचने के लिए सागर पार करने के लिए पूरी सेना सागर के किनारे खड़ी थी। भगवान राम तीन दिन तक सागर किनारे बैठक कर अराधना कर रास्ता मांग रहे थे। सागर पर अराधना का कोई असर नही हुआ तो भगवान क्रोधित हो उठे। उन्होंने लक्ष्मण से अपना धनुष बाण मंगवाया। एक अग्नि बाण संधान किया तो सागर में अग्नि की लपटें उठी। सागर में जीव जंतु विचलित हो उठे। हालात को देखते हुए सागर देवता एक ब्राह्मण के रूप में प्रगट हुए और भगवान श्री राम से क्षमा याचना की। तभी भगवान राम ने कहा कि भय बिन होय न प्रीत।

loksabha election banner

इस दौरान श्री हनुमान व भगवान के भजनों से मौजूद श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हुए। 7वें नवरात्र के उपलक्ष्य में महामाई का गुणगान कर महामाई के दरबार में हाजरी लगाई। इस मौके पर चालीसा, श्री हनुमानष्टक, श्री बजरंग बाण का सामूहिक पाठ किया गया। इसके उपरांत कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किए, जिन पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। श्री हनुमान व माता की पंचदीप महाआरती कर भक्तों को प्रसाद बांटा गया। इस मौके पर संस्थापक प्रधान सुखदेव सैनी, रमेश मेंहदीरत्ता, सुरिदंर गुप्ता, सतीश भाटिया, अखिल चावला, महेशकांत शर्मा, राकेश महाजन, बलविदंर ¨सह, रवि कुमार, यशपाल, सुरिदंर अग्रवाल, इन्द्रजीत राही, रघुबीर ¨सह, संयोगता शर्मा व अन्य मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.