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सुखबीर का कुंवर विजय प्रताप पर निशाना, बोले- बेअदबी के नाम पर सियासत करने वालों का कुछ न बचे

Punjab Assembly Election 2022 अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि बेअदबी की घटना की जांच आईजी कुंवर विजय प्रताप को दे दी गई जिनका एक ही मकसद था बादल परिवार को निशाना बनाना। इसके बावजूद परमात्मा ने मेहर की।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 12:21 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 12:21 PM (IST)
सुखबीर का कुंवर विजय प्रताप पर निशाना, बोले- बेअदबी के नाम पर सियासत करने वालों का कुछ न बचे
अमृतसर में मीडिया से बातचीत करते हुए अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने बुधवार श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेका। इस दौरान उन्होंने बेअदबी की घटनाओं को करने वाले, करवाने वाले और उस पर सियासत करने वालों का कुछ ना रहने की अरदास की। मीडिया से बातचीत करते हुए सुखबीर ने कहा अमृतसर नार्थ से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुंवर विजय प्रताप सिंह भी राजनीति भी बेअदबी के नाम पर करते रहे हैं। कांग्रेसी भी इसमें पीछे नहीं है कुंवर विजय प्रताप की जांच रिपोर्ट पूरी तरह गलत है।

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सुखबीर ने कहा कि उन्होंने श्री हरिमंदिर साहिब में अरदास की है कि बेअदबी की घटनाओं को अंजाम देने वाले, घटनाएं करवाने वाले और उस पर सियासत करने वालों का कुछ बचे। सुखबीर ने इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि पांच साल कांग्रेस ने सिर्फ सियासत की है। बेअदबी की घटना की जांच आईजी कुंवर विजय प्रताप को दे दी गई, जिनका एक ही मकसद था, बादल परिवार को निशाना बनाना। इसके बावजूद परमात्मा ने मेहर की और कोर्ट ने ही उनकी फाइल को एक तरफ करते हुए, उसमें सियासत होने की बात कही। आज कुंवर अपनी नौकरी से भी हाथ गवां बैठे हैं।

सुखबीर ने कहा कि बीते दिनों दरबार साहिब के सरोवर में गुटका साहिब फेंकने वाले को पकड़कर पुलिस के हवाले किया गया था। लेकिन पुलिस ने न तो उससे अच्छी तरह से पूछताछ की और न ही जांच करने का प्रयास किया। युवक को जेल भेज दिया गया। कांग्रेस ने पांच साल सियासत की है। वहीं, अपने आप को पंथक जत्थेबंदियां कहने वाले संगठन, असल में पंथ के दोषी हैं।

बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव में बेअदबी का मुद्दा सरगर्म है। 2015 में बरगाड़ी और कोटकपूरा में बेअदबी की घटनाएं हुई थीं। इनकी जांच अभी तक सिरे नहीं चढ़ सकी है और राजनीतिक दलों में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने की होड़ लगी हुई है। 


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