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पेपर खराब हुआ है, मां-बाप को परेशान नहीं देख सकता, लिखकर ट्रेन के आगे कूदा छात्र

पेपर में फेल होने के डर से बस्ती शेख के अमनदीप ¨सह ने फ्रंटियर मेल के आगे कूदकर जान दे दी। अमनदीप ¨सह इससे पहले एक बार फेल हो चुका था। इस बार उसने प्राइवेट एग्जाम दिए थे।

By Edited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 11:24 PM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 02:48 PM (IST)
पेपर खराब हुआ है, मां-बाप को परेशान नहीं देख सकता, लिखकर ट्रेन के आगे कूदा छात्र
पेपर खराब हुआ है, मां-बाप को परेशान नहीं देख सकता, लिखकर ट्रेन के आगे कूदा छात्र
जागरण संवाददाता, जालंधर : पेपर में फेल होने के डर से बस्ती शेख के अमनदीप ¨सह ने फ्रंटियर मेल के आगे कूदकर जान दे दी। अमनदीप ¨सह इससे पहले एक बार फेल हो चुका था। इस बार उसने प्राइवेट एग्जाम दिए थे। शनिवार को पेपर देने के बाद से वह काफी परेशान था। जीआरपी पुलिस को उसका शव रात करीब 11 बजे होशियारपुर टांडा फाटक और सोढल फाटक के बीच ट्रैक पर मिला। जेब में सुसाइड नोट था, जिसमें उसने लिखा था कि दूसरी बार 12वीं के पेपर दे रहा हूं। पहले फेल हो गया था। कल का पेपर मेरा बहुत खराब हुआ था। मैं बहुत परेशान हूं। मेरे बारे में मां बाप क्या बोलेंगे। उन्हें परेशान नहीं देख सकता। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर घरवालों को सौंप दिया है। जीआरपी एएसआई गु¨रदर ¨सह ने बताया कि अमनदीप ¨सह (20) मेहरचंद कालेज से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का कोर्स कर रहा था। पिता दीप ¨सह सब्जी का काम करते हैं। बड़ा भाई मुन्नू सीसीटीवी कैमरे इंस्टाल करता है जबकि मां परमजीत कु¨कग का काम करती हैं। पुलिस के मुताबिक घरवालों से पता चला है कि पिछले साल उसने रेगुलर 12वीं की थी। लेकिन पेपर खराब होने के कारण वह फेल हो गया था। वहीं इस बार उसने मेहरचंद कॉलेज से कोर्स के साथ साथ प्राइवेट 12वीं का फार्म डाला था। शुक्रवार को पेपर देने के बाद से वह काफी परेशान था। इसी के चलते वह घर से बिना बताए फोन लेकर निकल गया था। रात 11.50 पर जीआरपी पुलिस को फ्रटियर मेल के ड्राइवर से सूचना मिली कि ट्रेन से कोई युवक कट गया है। वे पहुंचे तो जेब से तालाशी में उससे आईकार्ड से पहचान हुई। जबकि जेब से सुसाइड बरामद हुआ था। 8.30 बजे मोबाइल बंद तो 11 बजे शव ट्रैक पर कैसे पहुंचा भाई मुन्नू ने बताया कि अमनदीप बेहद मासूम था। उसे बस स्टैंड और कॉलेज के अलावा जालंधर का कुछ नहीं पता था। वह ट्रेन के आगे कूदकर जान नहीं दे सकता। इतना जिगर नहीं था उसका। उसे तो कोई जोर से डांट दे तो वह रो पड़ता था। मुन्नू ने बताया कि अमन के मोबाइल की लोकेशन देखने पर पता चला है कि 5.43 शाम को वह घर से निकला था। जबकि 8.30 बजे घासमंडी चौक पर उसका फोन बंद हो गया। फिर रात 11 बजे उसका शव होशियारपुर टांडा फाटक से सोढल फाटक के बीच मिलता है। ट्रेन की चपेट में आकर मरता तो उसके शरीर पर कोई निशान तो होते। शव पूरी तरह क्षत विक्षत हो जाता। लेकिन अमन की केवल आंख पर हल्का सा जख्म का निशान था। मुन्नू ने अमनदीप की हत्या की आशंका जताई है हालांकि उसने किसी पर आरोप नहीं लगाए हैं।

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