भावी साइंटिस्टों के स्मार्ट आइडिया बचाएंगे पानी और बिजली
डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनिय¨रग एंड टेक्नॉलोजी (डेविएट) में पंजाब विज्ञान एकेडमी की ओर से तीन दिवसीय पंजाब साइंस कांग्रेस का दूसरा दिन भावी साइंटिस्टों के नाम रहा।
जागरण संवाददाता, जालंधर : डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनिय¨रग एंड टेक्नॉलोजी (डेविएट) में पंजाब विज्ञान एकेडमी की ओर से तीन दिवसीय पंजाब साइंस कांग्रेस का दूसरा दिन भावी साइंटिस्टों के नाम रहा। डेविएट में बने विभिन्न वेन्यू में रिसर्च पेपर पढ़े जा रहे हैं। वहीं खुले प्रांगण में भावी साइंटिस्ट अपने प्रोजेक्ट प्रदर्शित कर रहे हैं। ये प्रोजेक्ट विद्यार्थियों ने एक से दो महीने में ही तैयार किए हैं। प्रोजेक्ट के माध्यम से विद्यार्थियों ने अपनी नई सोच व स्मार्ट आइडिया का परिचय दिया है। प्रोजेक्ट में विद्यार्थियों ने पानी की बचत कैसे कर सकते हैं, कैसे ड्रोन के माध्यम से मेडिकल किट को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा सकते हैं, कैसे फसलों पर फर्टिलाइजर स्प्रे कर सकते है, कैसे एनर्जी की बचत कर सकते हैं, आदि के मॉडल पेश किए। इस दौरान रिसर्च पेपर प्रस्तुत करने वाले फैकल्टी सदस्यों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। ¨प्रसिपल डॉ. मनोज कुमार ने विद्यार्थियों द्वारा स्मार्ट आइडिया से तैयार किए गए प्रोजेक्ट की सराहना की।
एक जगह से दूसरी जगह मेडिकल किट पहुंचाएगा ड्रोन
डेविएट के इलेक्ट्रिकल विभाग के विद्यार्थी सहज ने इंट्रोडक्शन ड्रोन का प्रोजेक्ट तैयार किया है। अकसर हादसा होने या इमरजेंसी के वक्त भीड़ होने के कारण मरीज को अस्पताल समय पर पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में समय रहते अगर मरीज के पास मेडिकल किट भी पहुंच जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। यह काम अब ड्रोन करेगा। सहज ने बताया कि इसके लिए डेढ़ किलो का ड्रोन तैयार किया गया है। ड्रोन से 250 ग्राम तक की मेडिकल किट बांध कर एक से दूसरे स्थान पर भेजी जा सकती है। तीन प्रकार से ड्रोन काम करती है। मैनूयल, सेमी-आटोनॉमस व फुली आटोनॉमस। फुली आटोनॉमस ड्रोन में जीपीएस की को¨डग है। जिस स्थान पर मेडिकल किट पहुंचनी है वह आसानी से पहुंच जाएगी। ड्रोन बनाने में मॉडल, कंट्रोलर, जीपीएस, ड्रो¨पग मैकेनिजम व सेंसर कैमरे का प्रयोग किया गया है। विद्यार्थियों ने तैयार किया एनर्जी एंड वाटर से¨वग प्रोजेक्ट
मेहरचंद कॉलेज के विद्यार्थी शुभम, भूपेश, हरमन, साहिल ने एनर्जी एंड वॉटर से¨वग का प्रोजेक्ट तैयार किया, जिससे पानी की बचत कर सकते हैं। पानी का एक टैंक लिया गया है। टैंक के नीचे वाली पाइप में टर्बाइन लगाई गई है जिससे बिजली जनरेट होती है। कई बार देखा गया है कि घर में वाटर पंप लगा होता है और वह चलता रहता है। पंप को बंद करना भूल जाते हैं। जब पानी की टंकी भर जाती है तो सेंसर ऑटोमैटिकली पंप को बंद कर देगा। फसलों पर स्प्रे करना आसान बनाएगा फर्टिलाइजर स्प्रेयर प्रोजेक्ट
मेहरचंद बहुतकनीकी कॉलेज के विद्यार्थियों ने मैकेनिकल फर्टिलाइजर स्प्रेयर प्रोजेक्ट तैयार किया है। स्प्रेयर के समक्ष दो नोजल वाली पाइप लगी हुई हैं। एक रिक्शा रूपी स्प्रेयर में चेन व क्रैंक का प्रयोग किया गया है। क्रैंक के साथ एक लोहे की रॉड का प्रयोग किया है। जब क्रैंक रॉड से कनेक्ट होगी तो रॉड रोटरी मोशन में आ जाएगी जिससे रेसीप्रोटेरी मोशन चेंज हो जाएगा। मोशन चेंज होते ही स्प्रेयर पर लगे फर्टिलाइजर टैंक पर प्रेशर बनेगा और फर्टिलाइजर स्प्रे होना शुरू हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट विद्यार्थी चिराग, विपुल पांडे, राहुल यादव, शुभम, ¨डपल कुमार व उदया ने तैयार किया है।
मुंह धोते या ब्रश करते समय पानी बचाएगी वाटर सेविंग टैप
मेहरचंद बहुतकनीकी कॉलेज के विद्यार्थी एकम ¨सह, संदीप, सुनील, संजय, डबलू, प्रितपाल ने वाटर से¨वग टैप का प्रोजेक्ट तैयार किया है। कई बार मुंह धोते समय या फिर ब्रश करते समय टैप खुला छोड़ देते हैं। पानी बहता रहता है। इस प्रोजेक्ट से पानी की बचत की जा सकती है। प्रोजेक्ट में एक लकड़ी के साथ पैडल बनाया हुआ है। उसे दबाने से टैप से पानी निकलेगा और पैर जब हट जाता है तो टैप से पानी निकलना बंद हो जाएगा। टैप को बंद करने व खोलने का झंझट खत्म हो जाएगा। पैडल के साथ इलेक्ट्रिकल वाल्व का प्रयोग किया गया है। पैडल वॉल्व को ऑन-ऑफ का सिग्नल देता है।