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फिर अंधेरे में डूबा शहर, स्ट्रीट लाइट्स ठेकेदारों ने काम किया बंद Jalandhar News

स्ट्रीट लाइट्स का ठेका खत्म हो चुका है और उक्त ठेकों का एक्सटेंडेड ठेका भी 31 जनवरी को खत्म हो चुका है। ठेका खत्म होने के बावजूद ठेकेदार स्ट्रीट लाइट्स को मेंटेन कर रहे थे।

By Edited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 10:30 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 02:12 PM (IST)
फिर अंधेरे में डूबा शहर, स्ट्रीट लाइट्स ठेकेदारों ने काम किया बंद Jalandhar News
फिर अंधेरे में डूबा शहर, स्ट्रीट लाइट्स ठेकेदारों ने काम किया बंद Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। स्ट्रीट लाइट्स मेंटेनेंस का ठेका खत्म होने और भुगतान न होने पर ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया है। इससे मंगलवार शाम को शहर के कई इलाके अंधेरे में डूब गए। नगर निगम के मुलाजिमों ने कई जगह खुद पॉइंट्स ऑन करके लाइट्स जगाई है लेकिन इसके बावजूद बहुत से इलाके अंधेरे में डूबे रहे। खासकर कॉलोनियों में अंधेरा ही रहा। स्ट्रीट लाइट्स का ठेका खत्म हो चुका है और उक्त ठेकों का एक्सटेंडेड ठेका भी 31 जनवरी को खत्म हो चुका है। ठेका खत्म होने के बावजूद ठेकेदार स्ट्रीट लाइट्स को मेंटेन कर रहे थे। पुराने काम के लिए निगम ने ठेकेदारों को करीब 1.50 करोड़ का भुगतान करना है। पैसा नहीं मिलने पर ठेकेदार अब काम के लिए तैयार नहीं है।

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ठेकेदारों ने मंगलवार को नगर निगम के ओएंडएम विभाग के एसई सतिंदर कुमार से मीटिंग करके स्पष्ट कर दिया कि वह अब काम नहीं कर रहे। ठेकेदारों ने कहा कि उनके लिए स्टाफ को भुगतान करना भी मुश्किल हो गया है। निगम के पास फंड नहीं है तो काम कैसे करेंगे। हालांकि एसई ने भरोसा दिलाया था कि बुधवार को निगम भुगतान कर देगा लेकिन इसके बावजूद ठेकेदारों ने एकजुट होकर काम बंद कर दिया। ठेकेदार पाली सरीन ने कहा उन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा इसलिए काम करना मुश्किल हो रहा है। सात जोन के ठेके नहीं हो सके अलॉट नगर निगम ने शहर के 7 जोन के लिए स्ट्रीट लाइट्स के टेंडर ओपन किए हैं लेकिन अभी ठेका अलॉट नहीं हुआ है। नगर निगम ने 7 जोन के लिए 1.87 करोड़ के टेंडर लगाए है। सभी टेंडरों के लिए ठेकेदारों ने टेंडर अमाउंट से 4.88 प्रतिशत लैस भरा है। यह टेंडर अभी फाइनल होने हैं।

65 हजार प्वाइंट हैं शहर में

इस समय शहर के करीब 65 हजार प्वाइंट हैं। निगम की प्लानिंग स्मार्ट सिटी के तहत मौजूदा सोडियम लाइट्स को एलईडी लाइट्स में बदलने की है। हालांकि एलईडी लाइट्स पर एक प्रोजेक्ट तीन साल पहले भी शुरू हुआ था लेकिन अकाली-भाजपा सरकार के समय शुरू हुए प्रोजेक्ट को कांग्रेस सरकार ने गड़बड़ी का आरोप लगा कर बंद करवा दिया था। हालांकि जांच में कोई गड़बड़ी नहीं मिली थी।

ठेकेदारों ने कर रखा है पूल स्ट्रीट लाइट्स के रखरखाव का ठेका

लेने वाले ठेकेदारों ने पूल कर रखा है। पिछले महीने भी टेंडर लगाए थे लेकिन ठेकेदारों ने पूल करके सभी टेंडरों पर काफी कम लैस दी थी। तब एफएंडसीसी की मी¨टग में निगम ने सभी टेंडर रद्द कर दिए थे। अब दोबारा टेंडर लगाए हैं तो ठेकेदारों ने फिर पूल कर लिया है। इस बार भी लैस सिर्फ 4.88 प्रतिशत आया है।

नए ठेके में लगेगा ज्यादा जुर्माना

नगर निगम ने स्ट्रीट लाइट्स मेंटेनेंस का जो नया टेंडर लगाया है उसे पंजाब सरकार की एम-सेवा से जोड़ा है। अगर शिकायत के 48 घंटे में स्ट्रीट लाइट ठीक नहीं होती है तो ठेकेदारों को आटोमैटिक रूप से जुर्माना लगना शुरू हो जाएगा। पुराने टेंडर में एम-सेवा की शर्त नहीं है। इसलिए अगर लाइटें खराब भी रहती हैं तो जुर्माना लगाने में अफसरों की मर्जी ही चलती थी। जुर्माना ज्यादा लग सकता है इसलिए ठेकेदार भी काम की ज्यादा कीमत चाहते हैं। पिछले साल के दौरान ठेकेदारों को सिर्फ चार लाख रुपये ही जुर्माना लगा था। ठेकेदार भी काम पर ज्यादा फोकस नहीं कर रहे हैं क्योंकि उनसे काम करवाना निगम की मजबूरी है इसलिए मेंटेनेंस ठीक न होने पर भी निगम कोई एक्शन नहीं ले पाता।

मुख्य मार्गों पर जल रहीं लाइट्स

नगर निगम शहर के मुख्य मार्गो पर स्ट्रीट लाइट्स लगवा चुका है। इन लाइट्स का कंट्रोल भी नगर निगम के पास है। इस कारण मुख्य मार्गों की लाइट्स तो जल रही हैं लेकिन कालोनियों और मोहल्लों में अंधेरा कायम हो गया है। 

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