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बसंत पंचमी पर बना नक्षत्रों का अद्भुत संयोग, जानें मुहूर्त और पूजा करने की विधि

10 फरवरी को बसंत पंचमी पर इस बार अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दिन शुक्र व बृहस्पति की प्रबलता और नक्षत्र योग के चलते दिन भरशुभ कार्य किए जा सकेंगे।

By Edited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 06:54 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 05:10 PM (IST)
बसंत पंचमी पर बना नक्षत्रों का अद्भुत संयोग, जानें मुहूर्त और पूजा करने की विधि

जालंधर [शाम सहगल]। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी यानि 10 फरवरी को बसंत पंचमी पर इस बार अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दिन शुक्र व बृहस्पति की प्रबलता तथा नक्षत्र योग के चलते दिनभर कभी भी शुभ कार्य किए जा सकेंगे। वहीं, बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा इस दिन का महत्व बढ़ा रही है।

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ब्रजधाम सेवा संस्थान हाउसिंग बोर्ड जीटीबी नगर के आचार्य मनमोहन रामानुज बताते हैं कि शुक्र व बृहस्पति की प्रबलता खासकर विवाह के लिए सबसे उत्तम संयोग है। इस दिन शुभ काम करने से मां सरस्वती द्वारा विद्या व वाणी का आशीर्वाद अवश्य मिलता है।

सफेद वस्तुओं का करें प्रयोग

प्राचीन शिव मंदिर गुड़ मंडी के पुजारी पंडित नारायाण शास्त्री बताते हैं कि विद्या व वाणी की देवी मां सरस्वती की पूजा में श्वेत वर्ण की वस्तुओं का ही प्रयोग किया जाता है। इसमें दूध, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू, पका हुआ गुड़, श्वेत चन्दन, श्वेत पुष्प, श्वेत परिधान, खोए का मिष्ठान, नारियल, नारियल जल का इस्तेमाल करना चाहिए। वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए बसंत पंचमी के दिन पीले पुष्पों से मां दुर्गा का पूजन करें।

बसंत पंचमी पर मां सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी पूजा मुहूर्त : सुबह 7.07 बजे से 12.35 बजे तक

कुल अवधि : 5.27 घंटे पंचमी तिथि समाप्त : 2.08 बजे

सजा पतंगों का बाजार

बसंत पंचमी पर पतंगबाजी खासकर पंजाब की सभ्यता का अभिन्न अंग है। यही कारण है कि एक दिन पूर्व वीकेंड पर बच्चे व बड़े सभी पतंगें खरीदते नजर आए। इसे लेकर शहर के बाजारों में पतंगों के बाजार सजे हुए हैं।

ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा

  • सुबह नहाकर मां सरस्वती को पीले पुष्प अर्पित करें
  • पूजा के समय मां सरस्वती की वंदना करें
  • पूजा स्थान पर वाद्य यंत्र तथा किताबें रखें
  • बच्चों को पूजा में शामिल करें
  • पीले कपड़े पहनना शुभ माना जाता है
  • बच्चों को पुस्तकें उपहार में दें
  • पीले चावल या पीले रंग का प्रसाद चढ़ाएं।

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