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अवैध इमारतें बचाने की कवायद, निगम हाउस की बैठक में लाया जाएगा विशेष जोनिंग प्रस्ताव Jalandhar News

प्रस्ताव के अनुसार शहर को अलग अलग जोन में बांटकर संबधित क्षेत्र के हिसाब से बिल्डिंग बायलॉज बनाने के लिए सर्वे करवाया जाएगा।

By Vikas KumarEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 08:16 AM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 08:18 AM (IST)
अवैध इमारतें बचाने की कवायद, निगम हाउस की बैठक में लाया जाएगा विशेष जोनिंग प्रस्ताव Jalandhar News
अवैध इमारतें बचाने की कवायद, निगम हाउस की बैठक में लाया जाएगा विशेष जोनिंग प्रस्ताव Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग बिल्डिंग बायलॉज बनाने का प्रस्ताव 29 नवंबर को होने वाली निगम हाउस की बैठक में रखा जाएगा। हालाकि यह प्रस्ताव सोमवार को जारी हुए एजेंडे में शामिल नहीं है लेकिन इसे सप्लीमेंट्री एजेंडे के रूप में रखा जाएगा। इस प्रस्ताव के अनुसार शहर को अलग अलग जोन में बांटकर संबधित क्षेत्र के हिसाब से बिल्डिंग बायलॉज बनाने के लिए सर्वे करवाया जाएगा। यह फैसला मेयर हाउस में मेयर जगदीश राजा, निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा और चारों विधायकों के बीच हुई बैठक में लिया गया।

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हाई कोर्ट की सख्ती ने बढ़ाया दबाव, दिसंबर में ही सर्वे पूरा करवाने का लक्ष्य

शहर में बनी अवैध इमारतों के खिलाफ आरटीआइ कार्यकर्ता सिमरनजीत सिंह ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका डाली हुई है। जिस पर सुनवाई जारी है। हाई कोर्ट की सख्ती के कारण अब चारों विधायक परगट सिंह, राजिंदर बेरी, सुशील रिंकू और बावा हैनरी चाहते हैं कि शहर को अलग-अलग जोन में बांटा जाए। इसी कारण उन्होंने मेयर को इस प्रस्ताव को हाउस की बैठक में लाने के लिए दबाव बनाया है। अगर यह प्रस्ताव पास हुआ तो संभावना है कि अवैध इमारतों के मालिकों को राहत मिल जाए। चारों विधायकों ने मेयर और कमिश्नर से कहा है कि हाई कोर्ट का फैसला आने से पहले जोनिंग का सर्वे करवाकर सरकार से मंजूरी लेनी है। इससे नए नियमों के मुताबिक तंग इलाकों में बन चुकी इमारतें पास हो सकेंगी। सर्वे का काम दिसंबर के पहले हफ्ते में ही खत्म कर लेने का लक्ष्य लेकर चलना होगा और इसके लिए पार्षदों की मदद भी ली जाएगी। बिङ्क्षल्डग विभाग की टीम सर्वे में उन सड़कों पर भी रिपोर्ट देगी जिन्हें कामर्शियल के दायरे में लाया जा सकता है।

ब्रह्म मोहिंदरा ने जून में दिए थे निर्देश

स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने विगत 13 जून को विधायकों के साथ हुई बैठक में शहर को अलग-अलग जोन में बांटकर बिल्डिंग बायलॉज बनाने की मंजूरी दी थी। उन्होंने एक महीने में इसका प्रस्ताव हाउस की बैठक में पास करवाकर भेजने के निर्देश दिए थे लेकिन तब से अब तक हाउस की बैठक न होने के कारण इस प्रस्ताव पर काम ही नहीं हो सका।

यह हैं मौजूदा बायलॉज के प्रावधान  

पुराने शहर में कामर्शियल इमारत बनाने के लिए सड़क की चौड़ाई 35 फुट और बाहरी इलाकों में सड़क की चौड़ाई कम से कम 60 फुट होनी चाहिए। शहर की कुछ सड़कें ही 60 फुट चौड़ी हैं और पुराने शहर में सड़क 15 फुट के आसपास ही हैं। ऐसे में निगम नक्शा पास नहीं कर सकता और अवैध निर्माण होता है। बस्तियों, पुराने बाजारों और बाहरी इलाकों के लिए अलग-अलग नियम होंगे। बस्तियों और पुराने बाजारों में कामर्शियल निर्माण को कम चौड़ी सड़क पर भी मंजूरी मिल सकेगी।

अवैध निर्माण करने वालों को होगा फायदा

अगर इस प्रस्ताव को पास करके निगम इसे जल्द लागू करवाने में सफल रहा तो कार्रवाई के दायरे में आए अवैध निर्माण बच सकते हैं। कम चौड़ी सड़कों पर अगर कामर्शियल इमारत का प्रस्ताव पास हो जाता है तो ऐसी कई इमारतों के मालिकों को राहत मिलने के आसार हैं। नए नियमों के तहत निगम अवैध निर्माण को रेगुलर कर देगा और इन इमारतों से अवैध निर्माण का ठप्पा हट जाएगा। हाई कोर्ट में दायर याचिका में 448 इमारतों की लिस्ट दी गई है। अवैध निर्माण के मामले में हाई कोर्ट द्वारा पिछली सुनवाई के दौरान नगर निगम को फटकार लगाई गई थी।

सफल नहीं रही ओटीएस पॉलिसी, 15 दिन में दोबारा तैयार होगा

अवैध इमारतों को रेगुलर करने के लिए 5 मार्च 2019 को जारी वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) पॉलिसी सख्त शर्तों और ज्यादा फीस के कारण सफल नहीं हो पाई। कामर्शियल इमारत को रेगुलर करवाने के लिए 1,000 रुपये वर्ग फुट और रिहायशी बिङ्क्षल्डग रेगुलर करवाने के लिए 300 रुपये वर्ग फुट फीस तय की गई थी। वहीं पार्किंग की व्यवस्था करवाने और इसके लिए 250 मीटर के दायरे में जमीन खरीद कर या किराए पर लेकर इंतजाम करने समेत कई ऐसी सख्त शर्तें थीं जिस कारण यह पॉलिसी सफल नहीं हुई। अब नई पॉलिसी तैयारी की जा रही है जो 15 दिन में आ सकती है।

रिहायशी कॉलोनियों में सड़कें कामर्शियल करने का विरोध, हाई कोर्ट जाने की तैयारी

नगर निगम ने हाउस की बैठक में शहर की पांच सड़कों को कामर्शियल बनाने का प्रस्ताव रखा है। यह सभी सड़कें शहर के पॉश कॉलोनियों की हैं और इन्हें कामर्शियल करने के प्रस्ताव का विरोध हो रहा है। जिन सड़कों को कामर्शियल करना है उनमें आदर्श नगर स्कीम की एक सड़क, जीटीबी नगर की बीएसएनएल चौक से केशव नगर रोड, ऋषि नगर 143.5 एकड़ स्कीम में मिट्ठापुर से पीपीआर मॉल रोड, पीपीआर मॉल से अंध विद्यालय रोड, मैनब्रो चौक से केवल विहार तक की 120 फुट रोड शामिल है। मैनब्रो चौक से केवल विहार की सड़क को कामर्शियल करने के प्रस्ताव का विरोध सामने आ रहा है। जीटीबी नगर की एक सड़क को पहले भी कामर्शियल किया गया था जिसका कॉलोनी के लोगों ने विरोध किया था। जीटीबी नगर के लोग इस प्रस्ताव के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं। रिहायशी कॉलोनी में कारोबारी गतिविधियों का लोग विरोध कर रहे हैं। यह कॉलोनी नगर सुधार ट्रस्ट ने विकसित की थी।


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