डीएसपी बनाने का झांसा दे करोड़ों की ठगी में फंसा पेंच, कई और लोगों की ओऱ घूमी जांच
डीएसपी भर्ती करवाने के नाम पर 3.5 करोड़ ठगने के मामले में पेंच फंस गया है। मामले में और लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है। इनमें तहसील कांप्लेक्स के भी कुछ लोग भी हैं।
जालंधर, जेएनएन। तहसील कांप्लेक्स में डीड राइटर कृष्णा कालोनी, नीलामहल निवासी राजिंदर पाल कपूर के बेटे विंशू कपूर को डीएसपी भर्ती करवाने के नाम पर 3.5 करोड़ रुपये ठगने के मामले में और कई पेंच फंस गए हैं। मामले में और लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है। इनमें तहसील कांप्लेक्स के भी कुछ लोगों के शामिल होने की आशंका है। मामले की जांच के लिए बनी एसआइटी ने कुछ और लोगों से पूछताछ की है। हालांकि इस मामले में नामजद लोगों की तलाश में पुलिस ने छापेमारी की लेकिन कोई हाथ नहीं लगा।
पुलिस ने नामजद आरोपितों के घरों पर छापामारी की लेकिन सारे फरार मिले। बताया जा रहा है कि मामले में जो दो लोग तफ्तीश में शामिल किए गए थे, उन्होंने बताया कि उन्हें सिर्फ सामान पहुंचाने के निर्देश मिले थे, उन्हें नहीं पता था कि करोड़ों की ठगी की जा रही है। उनसे हुई पूछताछ में कुछ और लोग भी सामने आए हैं लेकिन उनकी भूमिका इस मामले में क्या है, इसकी अभी जांच की जा रही है।
वर्णनयोग्य है कि मामले में सारे लोगों के बयान दर्ज नहीं हो पाए हैं। नामजद हुए चंदन ने अंग्रेजी में टाइप हुआ बयान दिया था और जांच में शामिल हो गया। वहीं आरोपित पुनीत के पिता किशन कुमार ने जांच में शामिल होकर बताया था कि उनका बेटा ढाई महीने से घर नहीं आया और करीब 22 दिन से उनके संपर्क में भी नहीं है। वहीं नामजद अन्य आठ लोगों में शामिल तरुण छाबड़ा, सपना, जतिन, गौतम, विपन, अजीत, जगदीश और जस के बारे में पता लगाया जा रहा है। स्पेशल ऑपरेशन यूनिट को भी किया जांच में शामिल डीड राइटर के साथ हुई करोड़ों की ठगी में अब एसआइटी में स्पेशल ऑपरेशन यूनिट को भी शामिल कर लिया गया है। एसओयू के प्रभारी जसविंदर सिंह भी अब इस जांच का हिस्सा होंगे।
जानकारी के मुताबिक अभी तक जिन लोगों से पूछताछ हुई है, उन सबको एसओयू के दफ्तर में ही बुलाया गया था। यह है मामला तहसील कांप्लेक्स में डीड राइटर का काम करने वाले राजिंदर पाल ने बीते दिनों पुलिस को शिकायत दी थी कि संत नगर निवासी चंदन चोपड़ा और किशनपुरा निवासी पुनीत रल्हण उसके बेटे विंशू के साथ पढ़ते थे। 2015 को उन्होंने विंशू को बातों में लेकर सीधा डीएसपी भर्ती करवाने की बात कही। उन्होंने 2015 में उनके बेटे से 50 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद उसे दिल्ली में ले जाया गया जहां पर उसे सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा कर साबित किया उनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है। इसके बाद लगातार पैसों की मांग करते रहे और कई बार फर्जी दस्तावेज भी दिखाए। उन्होंने कुल साढ़े तीन करोड़ रुपये ले लिए। उनके गिरोह में 10 लोग और शामिल थे। इनमें से एक लड़की सपना, यूपी की भी थी जिसे भी सरकारी कर्मी बता कर उसके जरिए सारा काम करवाने की बात कही। चार साल बाद भी उनके बेटे को डीएसपी नहीं बनाया गया और न पैसे वापस किए गए।
पुलिस ने बयानों के आधार पर चंदन और पुनीत के साथ साथ तरुण छाबड़ा, सपना, जतिन, गौतम, विपन, अजीत, जगदीश और जस को भी नामजद कर लिया है। वहीं बठिंडा निवासी जगसीर सिंह और भार्गव कैंप निवासी शमशेर सिंह को जांच में शामिल किया था।