अंदरखाते कुछ पक तो नहीं रहा, अकाली दल के संसदीय क्षेत्र में सक्रियता दिखा रही भाजपा
अरसे से जालंधर संसदीय क्षेत्र अकाली दल के पास है, लेकिन सक्रियता भाजपा दिखा रही है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर: संसदीय चुनाव से ठीक पहले अकाली-भाजपा गठबंधन में अंदरखाते कुछ पक रहा है। अरसे से जालंधर संसदीय क्षेत्र अकाली दल के पास है, लेकिन सक्रियता भाजपा दिखा रही है। काग्रेस सरकार के गठन के बाद फिलहाल जिले में अकाली दल की गतिविधिया धरातल पर पहुंच चुकी हैं। पार्टी का काडर ढूंढ़े से ही नहीं मिलरहा है। कुछेक चुनिंदा युवा अकाली नेता अपने स्तर पर ही सरकार को घेरने की कोशिश मीडिया के समक्ष करते है लेकिन जमीनी स्तर पर वे भी लोगों लामबंद नहीं कर पा रहे हैं।
पवन कुमार टीनू और एचएस वालिया ने किसानी, पेट्रोल और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम को लेकर विरोध जताया है, लेकिन काडर न होने की वजह से ये मुद्दे मुहिम में न बदल सके। कुछ इसी तरह की स्थिति अकाली दल के विंगों की है जो कहीं भी सक्रिय नजर नहीं आ रही हैं।
वहीं, इसके विपरीत भाजपा जालंधर में लगातार सक्रियता बढ़ा रही है। पहले जिला प्रधान रमेश शर्मा और उसके बाद अब रमन पब्बी के नेतृत्व में भाजपा में कुछ न कुछ लगातार चल रहा है। कभी कैप्टन सरकार का विरोध, कभी मोदी सरकार की उपलब्धिों का बखान। कभी राष्ट्रीय नेताओं के पर्व और कभी संगठनात्मक ढाचे का विस्तार। कुछ इसी तरह से भाजयुमो भी लगातार सक्रिय दिखाई दे रहा है। भाजयुमो अध्यक्ष सन्नी शर्मा ने शहर में रैली निकलवाई और प्रदेश अध्यक्ष उसमें अन्य शीर्ष नेताओं के साथ शिरकत करने पहुंचे।
भाजपा की सक्रियता देख अटकलें भी लगनी शुरू हो गई है कि अकाली दल और भाजपा संसदीय सीटों की अदला-बदली कर सकती है। हालाकि दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने इसे हाईकमान की तरफ से चुनाव घोषित होने के बाद लिया जाने वाला फैसला ही बताया है। इस बारे में पंजाब भाजपा के महामंत्री राकेश राठौर ने कहा कि पंजाब की सभी 13 संसदीय सीटों पर ही कार्यकर्ताओं को नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए लामबंद होने का स्पष्ट संदेश है। किस सीट से किस पार्टी का उम्मीदवार खड़ा होगा, यह फैसला हाईकमान को करना है, लेकिन भाजपा मोदी सरकार के दोबारा गठन को सभी 13 सीटें जीतने के लिए संघर्ष करेगी।
अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पार्टी को संगठनात्मक तौर पर मजबूत बनाया जा रहा है। आकलन किए जा रहे हैं, जो भी कमिया होंगी, उन्हें दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल तो जालंधर संसदीय क्षेत्र अकाली दल के ही पास है। चुनाव घोषित होने के बाद दोनों पार्टिया सीटों को लेकर निर्णय लेंगी।