एक महीने के भीतर स्कूल बन जाएंगे स्मार्ट, ग्रांट स्कूलों के खाते में पहुंची
सरकारी स्कूलों का नाम सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल रखा जाए।
कमल किशोर, जालंधर
राज्य में सरकारी स्कूल स्मार्ट का काम शुरू हो चुका है। स्कूलों में इंग्लिश मीडियम की पुस्तकें पहुंच चुकी है। जिले के स्मार्ट स्कूलों पर खर्च होने वाले ग्राट स्कूलों के खाते में पहुंच चुकी है। शिक्षा विभाग का कहना है कि स्कूलों में हाई स्पीड इंटरनेट लगाने की प्रक्त्रिया शुरु हो चुकी है। एक महीने के भीतर सभी काम मुकम्मल होकर स्मार्ट स्कूल बन जाएंगे। चार दिन पहले शिक्षा सचिव ने स्मार्ट स्कूल शुरू करने में देरी होने के चलते डीईओ सेकेंडरी के साथ बैठक ली थी। बैठक में हिदायतें दी थी स्मार्ट स्कूल को जल्द शुरु किया जाए। एक्शन प्लान बनाया जाए। जिले के 20 स्मार्ट स्कूलों में विद्यार्थियों की गिनती बढ़ाने की बात कही थी। राज्य में 259 स्कूलों को स्मार्ट किया जा रहा है। शिक्षा सचिव ने दी ये हिदायतें
-विद्यार्थियों को अंग्रेजी मीडियम लेने के लिए स्कूल मुखी व अध्यापक उत्साहित करें।
-स्मार्ट स्कूल का एक्शन प्लान तैयार करें।
-विद्यार्थियों को गुणात्मक व इनोवेटिव शिक्षा पर फोकस करें।
-स्मार्ट स्कूलों की सफाई पर विशेष ध्यान दें।
-स्मार्ट स्कूल का नाम सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल रखा जाए।
-प्रिंसिपल ने स्कूल को स्मार्ट बनाने में योगदान दिया है उन्हें अन्य प्रिंसिपल से साझा करें।
-स्कूल रिपेयर, मेनटेनस क्लास रूम, टॉयलेट व लैंड स्केपिंग पर फोकस करें। स्मार्ट स्कूल की यह होगी खासियत
स्मार्ट क्लास रूम में हाई स्पीड इंटरनेट, लैपटॉप, प्रोजेक्टर लगाए जाएंगे। विषय संबंधी विद्यार्थी प्रोजेक्ट के माध्यम से आनलाइन जानकारी हासिल कर सकेंगे। वीडियोग्राफी के माध्यम से आसानी से शिक्षाविद् के लेक्चर सुन पाएंगे। स्कूलों में मैथ व साइंस को इंग्लिश मीडियम किया गया है। स्कूलों लैंड स्केपिंग कर सुंदर बनाया जाएगा। जिले के यह होंगे स्कूल स्मार्ट
सरकारी सीनियर सेकेंडरी खुर्दपुर, आदमपुर, नौगाजा, भोगपुर, लम्मापिंड, लद्देवाली, मिट्ठापुर, को-एजुकेशन लाडोवाली रोड, समराए, विर्क, मकसूदा, आलमपुरा बक्का, सरकारी हाई स्कूल मानक, नकोदर ( गलर्स), मलिलया कला, बिलगा ( गलर्स), सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल फिल्लौर, बाजवा कला, नंगल अबिया, बस्ती दानिशमंदा, भार्गव कैंप ( गलर्स) स्कूलों को स्मार्ट का काम हो चुका है शुरु
डीईओ सेकेंडरी सतनाम सिंह ने कहा कि जिले के बीस स्कूलों में स्मार्ट बनाने का काम शुरु हो चुका है। राज्य सरकार से आई ग्राट स्कूल खाते में डाल दी गई। एक महीने के भीतर स्कूल स्मार्ट का काम पूरा हो जाएगा। स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम की पुस्तकें पहुंचा दी जई है। ऐसे बनेंगे स्कूल स्मार्ट
कंप्यूटर न प्रोजेक्टर से कठिन विषय पढ़ना होगा आसान
स्मार्ट क्लास विद्यार्थियों को पढ़ाने का ऐसा तरीका है, जिसमें बच्चों को कंप्यूटर और प्रोजेक्टर की मदद से पढ़ाया जाता है। हर क्लास में प्रोजेक्टर लगाए जाएंगे और प्रोजेक्टर के माध्यम से संबंधित विषय के बारे में बच्चों को समझाया जाएगा। स्मार्ट क्लास से साइंस और गणित विषय को पढ़ने व समझने के लिए बच्चों को काफी लाभ होगा और उन्हें विषय समझने में आसानी होगी। जिले में बने स्मार्ट स्कूलों में एक सेक्शन इंग्लिश मीडियम का होगा। इन स्कूलों की छत्तों पर सोलर सिस्टम भी लगाए जाएंगे। विद्यार्थियों के लिए ई-लाइब्रेरी का भी प्रबंध होगा। स्कूलों में अध्यापकों और अन्य स्टाफ का कोई भी पद खाली नहीं होगा। जरूरत के हिसाब से स्कूलों की बिल्डिंगों का विस्तार पहल के आधार पर किया जाएगा। इसके अलावा स्कूलों में माडर्न सुविधाओं से लैस लेबोरेट्रिया बनाई जाएंगी। स्कूलों की ब्यूटीफिकेशन के लिए अलग से बजट होगा।