Smart City का पहला प्रोजेक्ट ही फंसा, वर्कशाप चौक बना रहे ठेकेदार को नोटिस Jalandhar News
स्मार्ट सिटी कंपनी का पहला प्रोजेक्ट ही फंस गया है। दस महीने पहले शुरू हुआ शहर के 11 चौकों को दोबारा डेवलप करने का प्रोजेक्ट पहले चौक के 10 प्रतिशत काम के बाद रुक गया है।
जालंधर, जेएनएन। स्मार्ट सिटी कंपनी का पहला प्रोजेक्ट ही फंस गया है। दस महीने पहले शुरू हुआ शहर के 11 चौकों को दोबारा डेवलप करने का प्रोजेक्ट पहले चौक के 10 प्रतिशत काम के बाद रुक गया है। करीब दस महीने में एक चौक भी तैयार नहीं होने से स्मार्ट सिटी कंपनी ने ठेकेदार विकास बांसल को दूसरा चेतावनी नोटिस जारी किया है।
नोटिस में कहा गया है कि अगर उसने काम में तेजी नहीं लाई तो उसका ठेका रद कर दिया जाएगा। वहीं, ठेकेदार ने अभी तक इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है और काम न नहीं करने के पीछे का कारण ठेकेदार को पेमेंट न होने कहा जा रहा है। ठेकेदार को नोटिस जारी करने की पुष्टि नगर निगम के एसई रजनीश डोगरा ने की है। वह नगर निगम की तरफ से इस प्रोजेक्ट की सुपरविजन कर रहे हैं।
स्मार्ट सिटी कंपनी के पहले प्रोजेक्ट के ही फंस जाने से बाकी प्रोजेक्ट्स पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पर एक नजर लोकसभा चुनाव से पहले 8 मार्च 2019 को हुआ शुरू। 20.32 करोड़ की लागत से 11 चौक करने थे दोबारा तैयार सबसे पहले वर्कशॉप चौक को दोबारा से तैयार किया जाना था। इसी तरह एचएमवी कॉलेज के बाहर फुट ओवर ब्रिज भी बनाया जाना था।
विकास कार्य में रुकावट बर्दाश्त नहीं: बेरी
सेंट्रल हलके के विधायक राजिंदर बेरी ने कहा कि विकास कार्यों में रुकावट बर्दाश्त नहीं होगी। स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों से बात हो गई है कि वह ठेके को रद करके दूसरे नंबर पर आइ बिड को फाइनल करें। पूरे काम को अलग-अलग हिस्सों में बांट कर काम में तेजी लाएं। वह प्रोजेक्ट को लेकर जल्द ही अफसरों से मीटिंग करेंगे।
चौकों की सूची
डॉ. बीआर अंबेडकर चौक, गुरु अमरदास चौक, कपूरथला चौक, भगवान वाल्मीकि चौक, श्री गुरु रविदास चौक, एचएमवी चौक, पीएनबी चौक, बीएमसी चौक, 120 फुटी और कपूरथला चौक, मॉडल टाउन इंटरसेक्शन, दोआबा चौक।
चौकों का प्लान
- सभी चौक में हाईटेक लाइटें लगनी हैं।
- सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
- कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग होगी।
- सड़क पार करने के लिए जैब्रा कॉसिंग।
- लैंड स्केपिंग होगी, रेलिंग लगेगी
स्मार्ट सिटी के ज्यादा प्रोजेक्ट अभी कागजों में
स्मार्ट सिटी के ज्यादातर प्रोजेक्ट अभी कागजों में उलझे हैं। स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ भी लगातार बदल रहे हैं। इस कारण प्रोजेक्ट्स में तेजी नहीं आ पा रही। प्रोजेक्ट जब गति पकड़ रहे थे तो लोकसभा चुनाव से पहले सीईओ विशेष सारंगल को बदल दिया गया। नए सीईओ जतिंदर जोरवाल ने प्रोजेक्ट दोबारा से समझे तो उनका तबादला हो गया। कुछ दिनों के लिए निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा को चार्ज मिला।
सीईओ जतिंदर जोरवाल मेयर सुनील ज्योति के समय तय किए गए कई प्रोजेक्ट सरकार बदलने के बाद बदले गए। इस चक्कर में प्रोजेक्ट लटकते गए। यही नहीं शहर की सुरक्षा से जुड़ा इंटेग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की इमारत तो बन गई है लेकिन करीब 100 करोड़ की लागत से शहर में 1200 से ज्यादा कैमरे लगाने का प्रोजेक्ट अभी तक औपचारिकताएं पूरी करने में ही फंसा है। स्मार्ट रोड, स्टार्म सीवर, पार्क, नहरी का सौंदर्यीकरण, ई-रिक्शा, स्पोटर्स हब, एलईडी, रैणक बाजार में डक्टिंग के प्रोजेक्ट टेंडर और वर्क आर्डर तक सीमित हैं। शहर में साइनेज के तहत सिर्फ साइन बोर्ड लगाने का काम नजर आ रहा है।
चौकाें को डवलप करने के प्रोजेक्ट पर आता रहा है एतराज
स्मार्ट सिटी के तहत जब यह प्रोजेक्ट फाइनल हुआ था तो कई संस्थाओं ने इसकी जरूरत पर सवाल उठाए थे। 20 करोड़ के इस प्रोजेक्ट की बजाए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग उठती रही है। वर्कशॉप चौक के डिजाइन को लेकर भी एतराज आया था। इस व्यस्त चौक में वाहनों के लिए जगह कम करने का मामला भी गर्माता रहा है। हालांकि इस रोका नहीं जा सका, लेकिन अब यह खुद ही फंस गया है।
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