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साढ़े तीन करोड़ की ठगी के मामले की SIT करेगी जांच, आरोपितों के घरों पर मारे छापे Jalandhar News

सआइटी में एडीसीपी गुरमीत सिंह के साथ-साथ एसीपी नॉर्थ जसबीर सिंह और थाना तीन के प्रभारी नवदीप सिंह को भी शामिल किया गया है।

By Edited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 08:19 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 10:44 AM (IST)
साढ़े तीन करोड़ की ठगी के मामले की SIT करेगी जांच, आरोपितों के घरों पर मारे छापे Jalandhar News
साढ़े तीन करोड़ की ठगी के मामले की SIT करेगी जांच, आरोपितों के घरों पर मारे छापे Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। तहसील काम्प्लेक्स में डीड राइटर का काम करने वाले राजिंदर पाल कपूर के बेटे को सीधा डीएसपी भर्ती करवाने के लिए साढ़े तीन करोड़ ठगने के मामले की जांच अब एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ) करेगी। एसआइटी में एडीसीपी गुरमीत सिंह के साथ-साथ एसीपी नॉर्थ जसबीर सिंह और थाना तीन के प्रभारी नवदीप सिंह को भी शामिल किया गया है। वीरवार को पुलिस ने नामजद दो आरोपितों, जिनके नाम पते मालूम थे, के घरों में छापेमारी की लेकिन दोनों घरों से फरार पाए गए।

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एसीपी जसबीर सिंह ने बताया कि कुल 12 लोगों के नाम राजिंदर पाल ने दिए थे, जिनमें दस लोगों को नामजद किया गया है और इनमें से चार लोगों के नाम व पते ही सामने आए हैं। इन चार आरोपितों में से दो लोग जांच में शामिल होकर अपने बयान दे चुके हैं। इनके अलावा अन्य दो आरोपितों के घर जब दबिश दी गई तो वे फरार पाए गए। उन्होंने कहा कि उक्त युवकों के पकड़े जाने पर ही अन्य आरोपितों के पते मिल पाएंगे। पुलिस टीमें बना कर दोनों फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है।

बता दें कि उक्त मामले में नामजद हुए चंदन ने अंग्रेजी में टाइप हुआ बयान दिया था और जांच में शामिल हो गया। वहीं आरोपित पुनीत के पिता किशन कुमार ने जांच में शामिल होकर बताया था कि उनका बेटा ढाई महीने से घर नहीं आया और करीब 22 दिन से उनके संपर्क में भी नहीं है।

यह है मामला

तहसील काम्प्लेक्स में डीड राइटर का काम करने वाले राजिंदर पाल ने बीते दिनों पुलिस को शिकायत दी थी कि संत नगर निवासी चंदन चोपड़ा और किशनपुरा निवासी पुनीत रल्हण उसके बेटे विशू के साथ पढ़ते थे। 2015 को उन्होंने विशू को बातों में लेकर सीधा डीएसपी भर्ती करवाने की बात कही। उन्होंने 2015 में उनके बेटे से 50 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद उसे दिल्ली में ले जाया गया जहां पर उसे सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा कर साबित किया कि उनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है। इसके बाद लगातार पैसों की मांग करते रहे और कई बार फर्जी दस्तावेज भी दिखाए। उन्होंने कुल साढ़े तीन करोड़ रुपये ले लिए। उनके गिरोह में 10 लोग और शामिल थे।

इनमें से एक लड़की सपना, यूपी की भी थी जिसे भी सरकारी कर्मी बता कर उसके जरिए सारा काम करवाने की बात कही। चार साल बाद भी उनके बेटे को डीएसपी नहीं बनाया गया और न पैसे वापिस किए गए। पुलिस ने बयानों के आधार पर चंदन और पुनीत के साथ साथ तरुण छाबड़ा, सपना, जतिन, गौतम, विपन, अजीत, जगदीश और जस को भी नामजद कर लिया है। वहीं बठिंडा निवासी जगसीर सिंह और भार्गव कैंप निवासी शमशेर सिंह को जांच तफ्तीश में शामिल किया था।

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