पाकिस्तान से आई संगत का दर्द, आजादी जरूरी थी मगर विभाजन नहीं Jalandhar News
हरदीप सिंह ने कहा कि बंटवारे ने इंसान को इंसान से ही नहीं बल्कि भगवान से भी जुदा कर दिया। यह दर्द हमेशा संगत में रहेगा।
जालंधर [शाम सहगल]। अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन के लिए श्री ननकाना साहिब से पावन स्वरूप लेने के लिए अमृतसर से गए हरचरण सिंह पाकिस्तान की संगत से भी मिले। बातचीत में उन्होंने कहा कि पाक की संगत में हरदीप सिंह का कहना था कि अंग्रेजों से देश को आजाद करवाना जरूरी था, लेकिन इस आजादी संग्राम में एकजुट होकर लड़ाई लडऩे वाले समाज का विभाजन जरूरी नहीं था।
उन्होंने कहा कि कुछ हालात ऐसे बने कि अपनों को अपनों से ही जुदा कर दिया गया। इस जुदाई में इंसान को इंसान से ही नहीं, बल्कि भगवान से भी जुदा कर दिया। यह दर्द हमेशा संगत में रहेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह भारत की संगत पाकिस्तान के गुरु घरों के दर्शनों के लिए बेताब रहती है, ठीक इसी तरह पाकिस्तान की संगत को भी अमृतसर स्थित विश्व विख्यात श्री दरबार साहिब जाने का हमेशा इंतजार रहता है।
करतारपुर कॉरिडोर घोलेगा रिश्तों में मिठास
उन्होंने कहा कि पाक संगत का मानना है कि देरी से ही सही, लेकिन करतारपुर कॉरिडोर के शुरू होने से दोनों देशों के रिश्तो में निश्चित रूप से मिठास घुलेगी। उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि धर्म व अध्यात्म ने सदैव इंसान को इंसान के साथ जोड़ा है। करतारपुर कॉरिडोर का यह कदम निश्चित रूप से सकारात्मक व सुखद परिणाम लेकर आएगा। साथ ही पाकिस्तान से निकाले गए इस नगर कीर्तन से भी संगत की आस्था व अपनों से मिलने की बेताबी का प्रमाण मिलता है।
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