सिकंदर सिंह मलूका बोले, राजनेताओं के आपत्तिजनक बयान रोकने के लिए होना चाहिए सख्त कानून Jalandhar News
पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता सिकंदर सिंह मलूका का कहना है कि राजनेताओँ के आपत्तिजनक बयानों को रोकने के लिए सख्त कानून होना चाहिए।
जालंधर, [अविनाश कुमार मिश्र]। पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता सिकंदर सिंह मलूका कहते हैं कि हर किसी को जुबान पर कंट्रोल रखना चाहिए। जीभ पर कंट्रोल करें। तला-भूना कम और चीनी कम खाएं। मौसमी फल का सेवन करें तो सेहत फिट रहेगी। नेता जुबान पर नियंत्रण रखें और किसी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान न दें। अपशब्द न कहें तो राजनीति फिट रहेगी। यह बात उन्होंने वीरवार को दैनिक जागरण के फोकल प्वाइंट स्थित प्रेस परिसर में विशेष बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि राजनेताओं के आपत्तिजनक बयानों को रोकने के लिए सख्त कानून होना चाहिए।
बेअदबी मामले में अकाली भाजपा सरकार के समय में हुई गलती
बरगाड़ी बेअदबी मामले में उन्होंने कहा कि शिअद-भाजपा सरकार के समय में इस मामले में गलती हुई। पुलिस ने अपनी भूमिका का सही निर्वाह नहीं किया। चूंकि, सरकार हमारी थी तो हम मानते हैं कि यह हमारी भी चूक थी। यह इतनी बड़ी नहीं थी, लेकिन विपक्षी दलों ने इसको बढ़ा-चढाकर पेश किया। इसको लेकर दुष्प्रचार किया। इसका शिअद को विधानसभा चुनाव में ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ा। हालांकि, लोकसभा चुनाव में कम नुकसान हुआ।
बोले, विपक्षी नेताओं के भी सुर बदले
मलूका ने कहा कि बरगाड़ी बेअदबी मामले के बाद सभी पार्टियों ने कहा था कि इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए। हमने सबकी बात मानकर जांच सीबीआइ को सौंप दी। सीबीआइ जांच की मांग करने वाले वही कांग्रेसी नेता ही अब कहते हैं कि पंजाब पुलिस ही इस मामले के लिए ठीक है। मेरा मानना है कि यह मामला गुरु साहिबान से जुड़ा है। इसलिए इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस मामले में न्याय जल्द होना चाहिए।
एसवाइएल नहर विवाद पर बोले, पंजाब को मिलना चाहिए अपना हक
एसवाइएल विवाद पर पूर्व मंत्री बोले कि यह विवाद कांग्रेस की वजह से बढ़ा है। कांग्रेस के किसी भी मुख्यमंत्री ने इस पर स्टैंड किया। उन्होंने समझौते पर अंगूठा लगा दिया। मैं इस पक्ष में हूं, जिसका जो हक है, उसे मिलना चाहिए। रिपेरियन सिद्धांत के अनुसार ही पंजाब को पानी मिलना चाहिए। इसमें पंजाब के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
किसानों के लिए कुछ खास नहीं हुआ
आजादी के दशकों बाद भी किसानों के लिए कुछ नहीं हुआ। अध्यापकों का वेतन सैकड़ों गुना बढ़ चुका है, लेकिन किसानों की फसलों की कीमत उतनी नहीं बढ़ी। कांग्रेस सरकार के समय स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश आई थी। मोदी सरकार ने इसे लागू किया है। फसल की लागत में जमीन, पानी, दिहाड़ी आदि हर खर्च को शामिल किया जाएगा। हालांकि, पंजाब के किसानों की दशा अन्य राज्यों की तुलना में भिन्न है।
टकसाली पार्टी में आना चाहें तो स्वागत है
शिअद छोड़कर अलग पार्टी बनाने वाले टकसालियों को क्या पार्टी में शामिल किया जाएगा, इस पर उन्होंने कहा कि अगर टकसाली पार्टी में वापस आना चाहेंगे तो उनका स्वागत है।
70 की उम्र में भी 50 के नजर आते हैं मलूका
मलूका से पूछा गया कि 70 साल की उम्र में भी आप 50 साल के नजर आते हैं, इसका राज क्या है। इस पर पूर्व मंत्री बोले कि सही खान-पान ही मेरी फिटनेस का राज है। सुबह निश्चित समय पर नाश्ता करता हूं। नाश्ते में प्राय: मौसमी फल लेता हूं। मीठा और तेल-मसाले का परहेज करता हूं।
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