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महिला टीचर को बेच दिया खराब मोबाइल, अब कंपनी को भरना होगा सात हजार रुपये हर्जाना Jalandhar News

महिला टीचर ने एक फरवरी 2018 को पुलिस कमिश्नर को शिकायत देकर दुकानदार के खिलाफ आरोप लगाया था कि उन्हें पुराना फोन बेच दिया गया है।

By Sat PaulEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 09:37 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 08:05 AM (IST)
महिला टीचर को बेच दिया खराब मोबाइल, अब कंपनी को भरना होगा सात हजार रुपये हर्जाना Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। होशियारपुर की महिला ईटीटी शिक्षक को खराब फोन बेचने के मामले में कंज्यूमर फोरम पहुंचा तो मोबाइल विक्रेता व कंपनी को मोबाइल बिना किसी चार्ज के ठीक करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा हर्जाने व केस खर्च के तौर पर सात हजार भी चुकाने होंगे।

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ईटीटी शिक्षक अंजू बाला निवासी तलवाड़ा (होशियारपुर) ने 16 अगस्त 2018 को जिला कंज्यूमर फोरम को शिकायत दी थी कि उन्होंने अरोड़ा मोबाइल हाउस सैदां गेट रैणक बाजार से साढ़े दस हजार में सोनी एक्सपेरिया एमटू मोबाइल खरीदा था। इसकी एक साल की वारंटी दी गई थी। वारंटी पीरियड के दौरान ही मोबाइल हैंग होने लगा व कैमरा में भी दिक्कत आ गई। वो अरोड़ा मोबाइल हाउस पर मोबाइल लेकर पहुंची तो उन्हें कहा गया कि कंपनी के सर्विस सेंटर में जाए। इसके बाद वे मास्टर तारा सिंह नगर स्थित सोनी ऑथोराइज्ड सर्विस सेंटर, सिग्मा मार्केटिंग सर्विस में पहुंचीं। वहां पता लगा कि इस फोन में तो 2014 से सिम एक्टीवेट हुआ है। ऐसे में यह वारंटी में नहीं है। सेंटर ने उन्हें वापस लौटा दिया।

अंजू ने एक फरवरी 2018 को पुलिस कमिश्नर को शिकायत देकर दुकानदार के खिलाफ आरोप लगाया कि उन्हें पुराना फोन बेच दिया गया है। पुलिस ने पांच जून को अपनी जांच पूरी कर कहा कि यह फ्रॉड का मामला नहीं है, वो कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज कराएं। वहां शिकायत देने पर फोरम ने नोटिस निकाला तो मोबाइल विक्रेता वकील के जरिए शामिल हुआ, जबकि कोई लिखित उत्तर नहीं दिया। सोनी कंपनी ने लिखित जवाब दिया कि शिकायतकर्ता मोबाइल के हैंग होने की शिकायत लेकर सर्विस सेंटर आई थी। वहां तुरंत उनका मोबाइल चेक किया गया तो उसमें कोई प्रॉब्लम नहीं निकली। शिकायतकर्ता जल्दी में थी, इसलिए इसकी जॉब शीट इश्यू नहीं हो पाई।

इसके बाद फोरम ने टिप्पणी दी कि फोन में मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट था या नहीं, इसको लेकर शिकायतकर्ता ने किसी मैकेनिक की कोई रिपोर्ट नहीं दी। हालांकि शिकायतकर्ता का कहना है कि सर्विस सेंटर में उनका मोबाइल ठीक नहीं किया गया, जबकि कंपनी का कहना है कि उनका मोबाइल चेक किया गया था। अगर ऐसा था तो उस मोबाइल का जॉब कार्ड तैयार करना कंपनी का काम था, जो कि नहीं किया गया। इससे जाहिर होता है कि मोबाइल में खराबी थी और उन्होंने शिकायतकर्ता को सही ढंग से अटैंड नहीं किया।  फोरम ने इस मामले में आदेश दिए कि मोबाइल को बिना किसी चार्ज के ठीक किया जाए। इसके अलावा पांच हजार हर्जाना व दो हजार का केस खर्च भी दिया जाए।

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