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Scrub Typhus बीमारी से जालंधर में पहली मौत, अब तक 13 मामले रिपोर्ट, बच्चों को लेकर बरतें सावधानी

स्क्रब टायफस (Scrub Typhus) बीमारी ने भी पैर पसारने शुरू कर दिए है। जालंधर में इससे पीड़ित एक महिला की मौत हो गई है। जिले के निजी अस्पतालों में 13 स्क्रब टायफस के मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 05:32 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 05:32 PM (IST)
Scrub Typhus बीमारी से जालंधर में पहली मौत, अब तक 13 मामले रिपोर्ट, बच्चों को लेकर बरतें सावधानी
स्क्रब टाइफस बीमारी ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नाम के जीवाणु से फैलती है। सांकेतिक चित्र।

जागरण संवाददाता, जालंधर। डेंगू के साथ बरसात में कीड़ों से फैलने वाली स्क्रब टायफस (Scrub Typhus) बीमारी ने भी पैर पसारने शुरू कर दिए है। जालंधर में इससे पीड़ित एक महिला की मौत हो गई है। जिले के निजी अस्पतालों में 13 स्क्रब टायफस के मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं। मरीजों की जांच और इलाज की सिविल अस्पताल में व्यवस्था नहीं है। इस कारण, मरीजों को निजी अस्पतालों में मजबूरन मंहगा इलाज करवाना पड़ रहा है। यह बीमारी कीड़ों से फैलती है। इसलिए, इस समय बच्चों को घास और झाड़ियों के आसपास न खेलने दें।  

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पीजीआइ से लौटकर आने के बाद महिला ने तोड़ा दम

जिले के निजी अस्पतालों में स्क्रब टायफस के 13 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। इनमें तीन मरीज जालंधर और दस मरीज अन्य जिलों व राज्य से संबंधित हैं। जान गंवाने वाली 27 साल की महिला जमशेर खास से सटे गांव सेमी की रहने वाली थी। उसका पीजीआइ चंडीगढ़ में इलाज चल रहा था। वह पीजीआइ से अपने घर लौट आई थी जहां उसकी मौत हो गई। विभाग की टीमों ने प्रभावित इलाके के दौरा कर सर्वे किया। इस दौरान कीटनाशक का छिड़काव भी किया गया। 

वहीं, निजी अस्पतालों में भर्ती ज्यादातर मरीज इलाज के बाद घर लौट चुके हैं। नेशनल रीजनल डिजीज डायग्नोस्टिक (एनआरडीडीएल) लैब के प्रभारी डा. महिदंर पाल सिंह का कहना है कि फिलहाल पंजाब में जानवरों में स्क्रब टायफस का कोई मामला नहीं आया है। चंडीगढ़ में सेहत विभाग के साथ बैठक के बाद जारी आदेशों के अनुसार अलर्ट जारी किया जाएगा। सेहत विभाग के इंटेग्रेटिड डिसीसिस सर्वेलेंस प्रोग्राम (आईडीएसपी) पंजाब के प्रभारी डा. गगनदीप सिंह का कहना है कि माइट्स हिमाचल प्रदेश व हरियाणा के दूरदराज के गांव के आसपास दलदल व जंगलों में पाए जाने वाले माइट्स (पिस्सू व चिचड़) लोगों को स्क्रब टायफस का निशाना बना रहे हैं। यह लोगों व जानवरों को काटने के बाद उनका इंफेक्शन वाला खून एक दूसरे में ट्रांसफर कर बीमारी के दायरे को बढ़ाने में अहम भूमिका अदा करते है। 

जीवाणु से फैलती है स्क्रब टाइफस बीमारी

स्क्रब टाइफस बीमारी ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नाम के जीवाणु (बैक्ट्रीरिया) के कारण फैलता है। इससे लिवर, दिमाग और फेफड़ों में कई तरह का संक्रमण होने का खतरा रहता है। इस बीमारी में भी डेंगू की तरह प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है। बुखार के साथ सिरदर्द, शरीर की मांसपेशियों में दर्द, जी मितलाना, उल्टी होना इसके सामान्य लक्षण हैं।


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