दुराचरण जीवन के लिए शुभ नहीं : अचार्य हंस राज
आर्य समाज मंदिर शहीद भगत ¨सह नगर में यज्ञ, भजन, सत्संग व प्रवचन, का आयोजन रविवार को हुआ। जिसमें शीशम ¨बदु व उनके पुत्र रुपेश (लुधियाना) मुख्य यजमान के रूप में उपस्थित हुए । श्रद्धालुओं ने श्रद्धा के साथ इसी याज्ञिक कर्म में सम्मलित होकर आहुतियां प्रदान की।
जागरण संवाददाता, जालंधर : आर्य समाज मंदिर शहीद भगत ¨सह नगर में यज्ञ, भजन, सत्संग व प्रवचन, का आयोजन रविवार को हुआ। जिसमें शीशम ¨बदु व उनके पुत्र रुपेश (लुधियाना) मुख्य यजमान के रूप में उपस्थित हुए । श्रद्धालुओं ने श्रद्धा के साथ इसी याज्ञिक कर्म में सम्मलित होकर आहुतियां प्रदान की।
इसके उपरांत आचार्य हंसराज शास्त्र ने पवित्र पावन वेद मंत्रों द्वारा हवन को संपन्न कराया। आर्य समाज की सुप्रसिद्ध गायिका सोनू भारती ने 'ओम बोलो मेरे भाई ओम बोलो मेरी बहना' सुनाकर भाव विभोर कर दिया। मौके पर आचार्य हंसराज ने कहा कि पाप, घमंड, स्वार्थ, जलन, काम, क्रोध, लोभ, मोह, अन्याय, अहंकार व्यक्ति की आंतरिक बुराइयां हैं। रावण बना रहे हैं और जला रहे हैं। इसी तरह जीवन में बुराइयां खत्म करनी चाहिए। याज्ञिक कर्मों का अनुसरण करना चाहिए।
वहीं, आर्य समाज के प्रधान रणजीत आर्य ने कहा पढ़ो, देखो, सोचो, विचार करो ताकत शक्ति सामर्थ रावण के पास भी था और राम के पास भी था। एक ने दलित और शोषित और वंचित हो को गले लगा कर उनका अधिकार दिलाने में लगाया। दूसरे ने लोगों को सताने कष्ट देने पीड़ा देने में लगाया। व्यक्ति वही पाता है जो देता है। हमें अच्छाइयों का प्रचार प्रसार करना चाहिए। जैसे एपीजे अब्दुल कलाम ने किया। शक्ति तो लादेन के पास भी थी। पर सही उपयोग कलाम साहब ने किया। हमें अपने महापुरुषों से ऋषि मुनियों से अच्छाई की शिक्षा लेनी चाहिए। संचालक महामंत्री हर्ष लखन पाल ने कहा आज हम संवेदनहीन दौर में जी रहे हैं। जिस समय किसी को सहायता की जरूरत होती है। उस समय हम संवेदनहीनता का परिचय देते हैं। समाज को जागरूक होना होगा, सोचना होगा, विचार करना होगा।
इस अवसर पर ईश्वर चंद्र रामपाल, हरिश्चंद्र चौधरी, सुरेंद्र अरोड़ा, विजय चावला, बैजनाथ, अशोक कुमार, अनिल मिश्रा, उर्मिला भगत, नलिनी उपाध्याय, अर्चना मिश्रा, खुशबू मिश्रा, सुभाष आर्य, भूपेंद्र उपाध्याय, प्रिया, सुभाष मेहता, अमित ¨सह, प्रीत वातिश, निखिल लखन पाल, सुमित भाटिया, ¨डपल भाटिया, संदीप अरोड़ा, गीतिका अरोड़ा, र¨वद्र आर्य, अश्विनी डोगरा, रानी अरोड़ा, अनु आर्य, इंदू आर्य, सान्या आर्य, वंश आर्य, सृष्टि आर्य, सुदर्शन आर्य, राजीव कुंद्रा, हितेश स्याल, निखिल लखन पाल, प्रवीण लखन पाल, रजनीश सचदे़व आदि मौजूद थे।