बांध बनाने में सेना को मिला संत समाज का साथ, अब किसानों को सता रही ये चिंता Jalandhar News
गांव जाणीया चाहल में पड़ी 175 मीटर लंबी दरार को भरने के लिए सेना की मदद के लिए वातावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल की अगुवाई में संत समाज ने कार सेवा शुरू कर दी है।
जेएनएन, शाहकोट। गांव जाणीया चाहल में पड़ी 175 मीटर लंबी दरार को भरने के लिए सेना की मदद के लिए वातावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल की अगुवाई में संत समाज ने कार सेवा शुरू कर दी है। संत सीचेवाल खुद मिट्टी के बोरे सिर पर उठाकर सेवा में हिस्सा लेकर फौजी जवानों की मदद कर रहे हैं। इसके साथ ही गिद्दड़पिंडी इलाके के किसानों को भी उम्मीद जागी है कि संत सीचेवाल की अगुवाई में इसी तरह बांध बनाकर लोगों को राहत मिलेगी। शुक्रवार शाम को ही सेना के जवानों ने जाणीआ चाहल में बांध बनाने का काम शुरू दिया था, लेकिन शनिवार को काम में और भी तेजी उस समय आई जब राज्य भर से सेवादार बांध को बांधने के लिए पहुंचने लगे।
संत समाज में गुरुद्वारा टाहली साहिब से संत दया सिंह, खुखरैण डेरा बाबा हरजी साहिब से संत अमरीक सिंह खुखरैण, महात्मा मुनि खेड़ा बेट, लोहियां खास से संत पाल सिंह व गुरुद्वारा गुरु सर साहिब सैलाबाद से संत लीडर सिंह के सेवादार भारी संख्या में पहुंच हुए हैं। संत सीचेवाल को किसानों ने बताया कि उन्होंने प्रति खेत 50 हजार ठेके पर जमीन ली हुई थी लेकिन अब सारी धान की फसल तबाह हो गई है। सरकार ने इतना मुआवजा नहीं देना, जितना ठेका भरना पड़ेगा।
इसी तरह बाढ़ प्रभावित किसान गुरदीप सिंह ने बताया कि आठ खेत ठेके पर ले रखे हैं, सारी धान की फसल पानी में डूब गई है, सिर पर चढ़ने वाले कर्ज की चिंता सता रही है। संत सीचेवाल ने कहा कि बाढ़ प्रभावित किसान हौसले वाले हैं जोकि इतना नुकसान होने के बाद आंखों में आंसू नहीं आने दे रहे। पानी में घिरे लोगों को मच्छरदानियों, ओडोमास, दवाइयों, सूखा दूध व राशन की अधिक जरूरत है।
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