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ज्यादा समय खड़े रह काम करने से वेरीकोज वेंस का खतरा : डॉ. जिदल

लंबे समय तक खड़े रह कर काम करने वाले लोगों को वेरीकोज वेंज की बीमारी होने का खतरा समान्य लोगों के मुकाबले दो से तीन गुणा होता है। इस बात की जानकारी फोर्टिस अस्पताल मोहाली के डॉ. रावुल जिदल ने एसोसिएशन आफ सर्जंस आफ इंडिया (एएसआई) की ओर से आयोजित सेमिनार के दौरान दी। लंबे समय तक खड़े रह काम करने से टांगों को खून की सप्लाई देने वाली नाड़ियों का साइज बढ़ जाता है और दिक्तें पैदा होने लगती हैं। ईलाज में लापरवाही बरतने पर टांगों में खून की सप्लाई प्रभावित होने के साथ घाव

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 07:24 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 07:24 PM (IST)
ज्यादा समय खड़े रह काम करने से वेरीकोज वेंस का खतरा : डॉ. जिदल
ज्यादा समय खड़े रह काम करने से वेरीकोज वेंस का खतरा : डॉ. जिदल

जागरण संवाददाता, जालंधर : अधिक समय तक खड़े रह कर काम करने वाले लोगों को वेरीकोज वेंस की बीमारी होने का खतरा समान्य लोगों के मुकाबले दो से तीन गुणा होता है। इस बात की जानकारी फोर्टिस अस्पताल मोहाली के डॉ. रावुल जिदल ने दी। वे एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया (एएसआइ) के आयोजित सेमिनार में पहुंचे थे। डॉक्टर जिंदल ने बताया कि लंबे समय तक खड़े रह काम करने से टांगों को खून की सप्लाई देने वाली नसों का साइज बढ़ जाता है और दिक्कतें पैदा होने लगती हैं। इलाज में लापरवाही बरतने से टांगों में खून की सप्लाई प्रभावित होने के साथ घाव और चमड़ी काली पड़ने लगती हैं। इसके अलावा लंबी हवाई यात्रा करने वालों को भी वेरीकोज वेंस की समस्याएं ज्यादा होती हैं ।

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टाइट जीन्स व ऊंची एड़ी वाले जूते भी वजह

सेमिनार के दौरान डॉ. कमल गुप्ता ने बताया कि वेरीकोज वेंस की बीमारी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में चार गुणा ज्यादा है। इसका कारण टाइट जीन्स और ऊंची एड़ी वाले जूते पहनना हैं। पैरों की नसों में कई वाल्व होते हैं, जिनसे हार्ट तक खून पहुंचाने की सहायता मिलती है। वेरीकोज वेंस की वजह से वाल्वस खराब हो जाते हैं और दिल को पहुंचने वाली खून की सप्लाई प्रभावित होती है। डॉ. जसमीत सिंह आहलुवालिया ने बताया कि प्रभावित जगह पर सूजन, दर्द, थकान, त्वचा का रंग खराब होना, खुजली व नसों में सूजन जैसे लक्षण सामने आते हैं। आधुनिक तकनीक से इस बीमारी का इलाज संभव है।

ये रहे मौजूद : इस मौके पर डॉ. अश्विनी सूरी, डॉ. बिक्रम जीत सिंह, डॉ. एसके शर्मा, डा. रमन चावला, डा. रजनीश कुमार, डॉ. जीपी सिंह, डा. हरमीत पाल सिंह, डा. महिदर जीत सिंह, डॉ. सतिदर जीत सिंह बजाज, डॉ. राजीव शर्मा, डॉ. जेपी सिंह, डॉ. राजीव सूद, डॉ. सुरिदर जगत के अलावा एसोसिएशन के सदस्य व पदाधिकारी मौजूद थे।


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