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साहिब ¨सह ने तैयार किया जलियांवाला बाग का मॉडल, डर्बी में होगा सुशोभित

13 अप्रैल 1919 के दिन जलियांवाला बाग कांड को याद करते ही आंखे नम हो जाती है। सैंकड़ों निर्दोष व निहत्थे लोगों पर जनरल डायर के एक इशारे पर मौत के घाट उतारने की ब्रिटिश सरकार की बर्बता को प्रमाणित करती इस घटना को मॉडल के रूप में जीवंत किया है शहर के भाई साहिब ¨सह ने।

By Edited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 07:39 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 07:39 PM (IST)
साहिब ¨सह ने तैयार किया जलियांवाला बाग का मॉडल, डर्बी में होगा सुशोभित
साहिब ¨सह ने तैयार किया जलियांवाला बाग का मॉडल, डर्बी में होगा सुशोभित
जागरण संवाददाता, जालंधर 13 अप्रैल 1919 के दिन जलियांवाला बाग कांड को याद करते ही आंखे नम हो जाती है। सैंकड़ों निर्दोष व निहत्थे लोगों पर जनरल डायर के एक इशारे पर मौत के घाट उतारने की ब्रिटिश सरकार की बर्बता को प्रमाणित करती इस घटना को मॉडल के रूप में जीवंत किया है शहर के भाई साहिब ¨सह ने। खास बात यह है कि इस मॉडल को जून माह में नेशनल सिख हैरिटेज सेंटर एंड होलोकास्ट म्यूजियम डर्बी में सुशोभित किया जाएगा। इस संबंध में वीरवार को प्रैस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान सिख सेवक सोसायटी इंटरनेशनल तथा नेशनल सिख हैरिटेज सेंटर एंड होलोकास्ट म्यूजियम डर्बी के चेयरमैन राजिदंर ¨सह पुरेवाल तथा प्रधान परमिदंरपाल ¨सह खालसा ने भाई साहिब ¨सह को हरि ¨सह नरवा पुरस्कार के साथ सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि डर्बी में सिख इतिहास तथा पंथक विचारों के प्रचार तथा प्रसार के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। इसके तहत इस दिशा में काम करने वालों को सम्मानित किया जाता है। उन्होंने बताया कि आंकड़ों को मुताबिक उस समय श्री दरबार साहिब में नतमस्तक होने आए 799 सिख संगत भी शामिल थी, जिसे जलियांवाला बाग का प्रवेश द्वार बंद करके गोलियां मारकर कत्ल कर दिया गया था। इस घटना को यह मॉडल जीवंत कर रहा है, जिसे जून माह में डर्बी स्थित म्यूजियम में सुशोभित किया जाएगा। इस दौरान उनके साथ रणजीत ¨सह संधू, पाल ¨सह फ्रांस, किरणप्रीत कौर, मनजीत ¨सह, सुरिंदर पाल ¨सह गोल्डी, प्रोफेसर बलविंदर पाल ¨सह, प्रितपाल ¨सह, चरणजीत ¨सह हैप्पी, संदीप ¨सह चावला, हरभजन ¨सह बैंस, महिंदर ¨सह चमक, मनजीत ¨सह दुआ, दविंदर ¨सह आनन्द, अमरजीत ¨सह, गगनदीप ¨सह व अन्य मौजूद थे। - दो वर्ष की मेहनत से तैयार किया मॉडल शाम सहगल, जालंधर फोटो : 251 भाई साहिब ¨सह का रूझान शुरू से ही सिख एतिहासिक स्थानों में रहा है। इसी कारण वह पिछले लंबे समय से इस दिशा में कार्य कर रहे है। उन्होंने बताया कि यह मॉडल तैयार करने में करीब दो वर्ष लग गए। रोजाना 16 से 17 घंटे इस पर ध्यान केंद्रित करके इसकी तैयारी की जाती। उन्होंने कहा कि लकड़ी से तैयार किए गए मॉडल के लिए कई तरह का कैमिकल अमेरिका सहित कई देशों से मंगवाना पड़ा। इस मॉडल की रंगत तथा जोड़ कई वर्षों तक यथावत रहेंगे। इससे पूर्व श्री अकाल तख्त साहिब में 1984 की घटना को बयां करता तथा श्री दरबार साहिब का मॉडल भी तैयार किया गया था। जिसे पहले से ही उक्त म्यूजियम में सुशोभित किया जा चुका है। शहर के बस्ती शेख के रहने वाले साहिब ¨सह बताते हैं कि सिख एतिहासिक स्थानों के प्रति उनका बचपन से ही रूझान रहा है। शुरूआत में घर में सजाने के लिए छोटे-छोटे मॉडल तैयार करता था। यही शौंक बाद में जुनून बन गया। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य सिख इतिहास से जुड़े हर पहलु व घटना को जीवंत करना है।

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