शिअद 1920 का मीरी-पीरी सम्मेलन 23 फरवरी को, गठबंधन और कांग्रेस पर साधा निशाना
शिरोमणि अकाली दल 1920 गांव रण सिंह कलां (मेहता) में 23 फरवरी को मिरी-पीरी सम्मेलन करवा रहा है। इसमें धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, बढ़ते अपराध, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार के खिलाफ शिरोमणि अकाली दल 1920 आवाज बुलंद करेगा। दल 23 फरवरी को गांव रणसिंह कलां (मेहता) में विशाल मिरी-पीरी सम्मेलन करवा रहा है। इसमें धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस संबंध में बुधवार को दल के राष्ट्रीय महासचिव जत्थेदार बूटा सिंह, रण सिंह ने बताया कि राज्य में शिरोमणि अकाली दल व कांग्रेस एक-एक करके सत्ता की पारी खेल रहे हैं। यही कारण है कि पंजाब विकास की पटरी से उतर चुका है।
प्रेस वार्ता में मिरी-पीरी सम्मेलन के संबंध में उन्होंने बताया कि 51 सदस्यों पर आधारित कमेटी का गठन किया गया है। यह इसकी सफलता के लिए राज्य भर में मुहिम चला रही है। उन्होंने कहा कि मीरी-पीरी सम्मेलन में कांग्रेस-भाजपा अकाली दल बादल को छोड़कर सभी सियासी पार्टियों को निमंत्रण दिया गया है। इन पार्टियों ने केवल निजी हित के लिए पंजाब का इस्तेमाल किया है। इस दौरान उन्होंने पंजाब वासियों को इस सम्मेलन में शामिल होने की अपील की।
उन्होंने कहा कि राज्य में जहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से पंथ की भावनाएं आहत हो रही हैं। वहीं भ्रष्टाचार, बेरोजगारी व नशाखोरी पंजाब की गरिमा को गर्त में ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सियासी नेताओं की मनमानी के कारण किसान आत्महत्या करने को विवश हो चुके हैं। दोनों नेताओं ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि इस बार इस पवित्र संस्था के प्रबंधकीय चुनावों में राजनीति को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
अगले विधानसभा चुनाव के लिए भी तैयारी शुरू
दल 2022 के विधानसभा चुनावों को लेकर भी रणनीति तैयार कर रहा है। उन्होंने बताया कि पंजाब की जनता के लिए शिअद 1920 से बढ़कर कोई बेहतर तीसरा विकल्प नहीं है।