Move to Jagran APP

20 लाख रुपये में रचा गया था शशि शर्मा की हत्या का षड्यंत्र, छह लाख मिले थे एडवांस

चश्मदीद ने पुलिस को बयान दिए हैं कि मुख्य आरोपित दलबीर सिंह उर्फ दलबीरा को शशि शर्मा की हत्या करने के लिए सुखविंदर सिहं उर्फ लवली वालिया ने लाखों रुपये दिए थे।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 10:22 AM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 10:22 AM (IST)
20 लाख रुपये में रचा गया था शशि शर्मा की हत्या का षड्यंत्र, छह लाख मिले थे एडवांस
20 लाख रुपये में रचा गया था शशि शर्मा की हत्या का षड्यंत्र, छह लाख मिले थे एडवांस

जालंधर [मनीष शर्मा]। मानवाधिकार संगठन के प्रधान शशि शर्मा को डराने-धमकाने नहीं बल्कि कत्ल करने की साजिश रची गई थी। इसका पर्दाफाश पुलिस द्वारा अदालत में पेश किए चालान से हुआ है। इसमें साजिश रचे जाने के चश्मदीद ने पुलिस को बयान दिए हैं कि इस हमले के मुख्य आरोपित दलबीर सिंह उर्फ दलबीरा को शशि शर्मा की हत्या करने के लिए सुखविंदर सिहं उर्फ लवली वालिया ने हथियार खरीदने को लाखों रुपये दिए थे। इसके बाद इस हमले को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने चश्मदीद राजीव शर्मा के बयान भी चालान में शामिल किए हैं। इससे पहले यही माना जा रहा था कि शशि पर हमला उसे डराने के लिए किया गया था। शशि पर बीती 27 नवंबर को दोपहर में उस समय हथियारबंद युवकों ने हमला किया था जब वह बस स्टैंड के पास स्थित अपने दफ्तर में बैठे थे।

loksabha election banner

अपने बयान में न्यू शीतल नगर निवासी राजीव शर्मा ने बताया है कि उनके घर नई ग्रिलों का काम चल रहा था, जिसके लिए वो अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में स्टील ग्रिल का ऑर्डर देने के लिए गंदे नाले के नजदीक न्यू रतन नगर में नीरज वेल्डर के पास बैठे थे। वहां पर सुखविंदर सिंह उर्फ लवली वालिया सफेद रंग की आई-20 कार लेकर खड़ा था। उसके साथ अमरजीत सिंह नागरा, दलबीर सिंह बीरा व चार और लोग थे। लवली ने कार का दरवाजा खोलकर प्लास्टिक का लिफाफा निकाला, जिसमें दो-दो हजार के नोटों की गड्डी थी। उसने दलबीरा को देते हुए कहा कि यह चार लाख रुपये हैं, इससे वो शशि शर्मा को मारने के लिए पिस्तौल व गोलियां खरीद ले। बाकी 16 लाख रुपये शशि का काम खत्म करने के बाद दे देगा।

उसने कहा कि शशि का मरना जरूरी है, उसने मेरे साथियों के नाम की सूची बनाकर पुलिस को दे दी है और मेरे नशे व जुए के सारे कारोबार को खत्म करा दिया। दलबीरा ने लवली को कहा कि उसके कहे मुताबिक वो कई दिन से शशि की रेकी कर रहा है तथा उसके पास पुलिस का दिया हथियारबंद सुरक्षाकर्मी है। इसलिए मुझे और लोगों व हथियारों की जरूरत पड़ेगी, जिसके लिए रकम कम है। फिर वालिया ने दो लाख रुपये और दिए और कहा कि पैसे की चिंता न करो, जितने कहोगे, मिल जाएंगे। शशि को खत्म करना जरूरी है, वो किसी भी सूरत में बचना नहीं चाहिए।

मौके की नजाकत को समझते हुए वो वहां से चला गया। फिर एक नवंबर 2018 को पत्नी के बीमार होने का पता चलने पर वो पटना बिहार चला गया। वहां इलाज के लिए उसे बिहार से बोकारो झारखंड ले गया। जब पत्नी के ऑपरेशन के बाद ठीक होने पर वो वापस लौटा तो शशि पर हमले का पता चला। शशि पर 27 नवंबर को हमला हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने दलबीरा समेत लगभग 10 आरोपितों पर कातिलाना हमले व आर्म्स एक्ट का केस दर्ज किया था।

दलबीरा ने माना, शशि को सबक सिखाना था

दलबीरा ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को दिए बयान में कहा कि 2014 से 2017 तक कत्ल केस में जेल में रहने के बाद बाहर आकर उसने सप्लीमेंट बेचने का स्टोर खोला, लेकिन उसमें चोरी हो गई और एक लाख से ज्यादा का नुकसान हो गया। बिजनेस में घाटा होने पर वो लवली से मिला और जो जुआ व बुकी का काम करता था। उसका घाटा सुनकर लवली ने कहा कि वो एक लाख लगाए तो उसे काफी पैसे कमाकर दे सकता है। दो महीने बाद वो पैसे लेने गया तो लवली ने कहा कि शशि व उसका भाई शिबु उसे काम नहीं करने दे रहे। एक दिन वो लवली के पास बैठा था तो शशि ने लवली व उसे गालियां निकालीं। इसके बाद उसने सबक सिखाने के मकसद से शशि की रेकी शुरू की। 27 नवंबर को सभी आरोपितों ने दफ्तर में घुसकर शशि पर हमला कर दिया। हमले के बाद फगवाड़ा गया। जहां से दलबीरा, रूबी व गोल्डी दिल्ली चले गए। अमरजीत व भिंदा दिल्ली आ गए। रूबी वापस जालंधर आने पर पकड़ा गया, जबकि वह गोल्डी, अमरजीत व भिंदा के साथ चित्तौडग़ढ़ चला गया। फिर वह 42-43 दिन के लड़के को देखने जालंधर आया तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

फायर मिस न होता तो मारा जाता शशि

शशि ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि कबीर नगर का प्रदीप कुमार उर्फ दीपा चिंतपूर्णी की बस बुक कराने के बहाने मेरे दफ्तर में आया और रेट पूछने के बाद बाहर जाकर अपने साथियों को इशारा कर दिया। जिसके बाद दलबीरा हाथ में पिस्तौल लेकर अंदर घुसा और मेरे सिर पर तान दी।

उसने वालिया के नशे का कारोबार बंद कराने व उनके साथियों के नाम पुलिस को देने का मजा चखाने की बात कहते हुए पिस्तौल की बट मेरे सिर पर मार दी। यह जानकर बेटा सार्थक शर्मा अंदर आया तो दलबीरा ने उसके सिर पर पिस्तौल तान दी। फिर गोल्डी अंदर आकर मेरे सिर पर लगातार हमला करने लगा। इसके बाद उसके बाकी साथियों ने भी हमला कर दिया। आरोपित हनी ने अंदर आते ही देसी कट्टे से जान से मारने की नीयत से फायर करने की कोशिश की लेकिन गोली चली नहीं। वो मारपीट करते रहे, इसके बाद गोल्डी ने दलबीरा को कहा कि वक्त खराब न कर और गोली मारकर इसका काम खत्म कर। इसके बाद दलबीरा ने अपने पिस्तौल से मुझ पर फायर किया लेकिन अच्छी किस्मत रही कि फायर मिस हो गया और गोली जमीन पर गिर पड़ी।

फायर मिस होते देख हमलावरों ने लगातार हमले किए और फिर बाहर भीड़ जमा होते देख प्रदीप दीपा के आवाज लगाने पर वो बाहर घूम रही क्रेटा कार, बाइक व एक्टिवा पर बैठकर फरार हो गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.